क्या मुकुल वासनिक में कांग्रेस को दिखी नेतृत्व की क्षमता ?

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नेतृत्वविहीन कांग्रेस को बचाने के लिए कार्यसमिति की बैठक में यह निर्णय होगा कि किसके नाम पर दांव खेला जाए या यह कह सकते हैं कि किसे कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्त किया जाए।

नई दिल्ली। राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद उपजे नेतृत्व संकट को खत्म करने की कोशिश करते हए कांग्रेस पार्टी ने शनिवार को कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक बुलाई है। इसमें पार्टी को नए सिरे से प्रभाव में लाने के लिए संभावनाओं का जिक्र होगा। सूत्रों ने बताया कि नेतृत्वविहीन कांग्रेस को बचाने के लिए कार्यसमिति की बैठक में यह निर्णय होगा कि किसके नाम पर दांव खेला जाए या यह कह सकते हैं कि किसे कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्त किया जाए। हालांकि इस रेस में सबसे आगे मुकुल वासनिक का नाम आ रहा है। 

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लंबे अर्से से चुनाव प्रक्रिया से दूर रहे वासनिक को पार्टी इसलिए आगे ला रही है ताकि अध्यक्ष पद के लिए चुनाव की स्थिति में पार्टी कहीं दो टुकड़ों में न बट जाए। महाराष्ट्र से आने वाले मुकुल वासनिक ने आखिरी बार साल 2009 में महाराष्ट्र के रामटेक से चुनाव जीता था। गांधी परिवार के बिना कांग्रेस कितनी दूर तक जाएगी इसका जवाब तो भविष्य में ही मिलेगा। लेकिन मुकुल वासनिक अनुसूचित जनजाति से आते हैं और पार्टी नेतृत्व संभालने के लिए काफी उत्सुक भी हैं। 

राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखने वाले वासनिक एनएसयूआई और युवा कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं। इसके साथ ही वह कांग्रेस के महामंत्री का भी पद संभाल चुके हैं। नाम न लिए जाने की शर्त पर एक नेता ने कहा कि पार्टी ने अगर वासनिक को अध्यक्ष नियुक्त किया तो दरार आ सकती है। इसी के साथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि पार्टी आखिर चुने हुए नेताओं से क्यो डर रही है? 

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आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव में हार की जिम्मेदारी लेते हुए राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था और करीब तीन महीना बीत चुका लेकिन पार्टी को अभी तक नया अध्यक्ष नहीं मिला है। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि कोई भी वरिष्ठ नेता यह जिम्मेदारी संभालने का इच्छुक नजर नहीं आ रहा। राजनीतिक विशेषज्ञों की माने तो ऐसा इसलिए है क्योंकि भविष्य में जो विधानसभा चुनाव होने हैं उनमें कांग्रेस के जीतने की संभावना न के बराबर है और कोई भी नेता अध्यक्ष पद संभालते ही हार की जिम्मेदारी नहीं लेना चाहता।

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