महबूबा मुफ्ती फिर से चुनीं गईं PDP अध्यक्ष, जम्मू-कश्मीर को लेकर कही यह बात
प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क । Feb 22 2021 7:08PM
उन्होंने बताया कि वरिष्ठ पीडीपी नेता अब्दुल रहमान वीरी पार्टी निर्वाचन बोर्ड के अध्यक्ष थे। प्रवक्ता ने बताया कि जम्मू में पार्टी के निर्वाचन मंडल ने मुफ्ती को सर्वसम्मति से पुन: पार्टी प्रमुख चुना। वरिष्ठ नेता सुरिंदर चौधरी चुनाव के पीठासीन अधिकारी थे।
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को सोमवार को तीन साल के लिए फिर से पीडीपी अध्यक्ष सर्वसम्मति से चुना गया। पार्टी के एक प्रवक्ता ने चयन के बाद कहा कि मुफ्ती का नाम वरिष्ठ नेता गुलाम नबी लोन हंजूरा ने प्रस्तावित किया और खुर्शीद आलम ने इसका अनुमोदन किया। उन्होंने बताया कि वरिष्ठ पीडीपी नेता अब्दुल रहमान वीरी पार्टी निर्वाचन बोर्ड के अध्यक्ष थे। प्रवक्ता ने बताया कि जम्मू में पार्टी के निर्वाचन मंडल ने मुफ्ती को सर्वसम्मति से पुन: पार्टी प्रमुख चुना। वरिष्ठ नेता सुरिंदर चौधरी चुनाव के पीठासीन अधिकारी थे।
मुफ्ती ने संवाददाताओं से बातचीत मेंकहा कि जम्मू-कश्मीर मुश्किल दौर से गुजर रहा है और वह पीडीपी का उस मिशन का नेतृत्व करेंगी जिसके लिए उसकी स्थापना की गई है। उन्होंने कहा, ‘‘पीडीपी की स्थापना लोगों की आवाज और उनकी समस्याओं को उठाने के लिए की गई है। हम उसे जारी रखेंगे।’’ एक सवाल के जवाब में पीडीपी अध्यक्ष ने कहा, ‘‘अगर वे (पुलिस) मानते हैं कि मुझे लोगों के अधिकारों के लिए लड़ने की वजह से गिरफ्तार करना चाहिए, तो उन्हें अपना कर्तव्य करने दीजिए। मैं अपना काम करना जारी रखूंगी।’’ जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने के सवाल पर मुफ्ती ने कहा, ‘‘ इसका फैसला मुझे नहीं करना है। केंद्र को इसे बहाल करना है।’’Many Congratulations to beloved leader & mentor @MehboobaMufti for being unanimously re-elected as @jkpdp president. Steadfastness and Sincerity epitomized. You are an inspiration. Today & always. pic.twitter.com/ykDcA03z5E
— Syed Suhail Bukhari (@Suhail_Bukhari) February 22, 2021
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उल्लेखनीय है कि मुफ्ती मोहम्मद सईद ने नेशनल कांफ्रेंस के क्षेत्रीय विकल्प केतौर पर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) का वर्ष 1998 में गठन किया था। पिछले दो दशक में कई दिग्गज नेताओं के पीडीपी में शामिल होने के बाद पार्टी की ताकत बढ़ी, हालांकि जून 2018 में जम्मू-कश्मीर में पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार के गिरने के बाद वह विभाजन की कगार पर थी। मुफ्ती ने पार्टी पर मजबूत पकड़ बरकरार रखी है लेकिन कुछ संस्थापक सदस्यों सहित अधिकतर बड़े नेताओं ने गत दो साल में पीडीपी को छोड़ दिया है।
डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।
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