राष्ट्रपति चुनाव में कोविंद का मुकाबला विपक्ष की मीरा कुमार से

[email protected] । Jun 22 2017 5:50PM

देश के राष्ट्रपति पद के लिये होने वाले चुनाव में पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार विपक्ष की उम्मीदवार होंगी। उनका मुकाबला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद से होगा।

राष्ट्रपति पद के लिये होने वाले चुनाव में पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार विपक्ष की उम्मीदवार होंगे। उनका मुकाबला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद से होगा। पूर्व उपप्रधानमंत्री बाबू जगजीवन राम की पुत्री मीरा कुमार के नाम का चयन आज संसद भवन के पुस्तकालय कक्ष में हुई 17 विपक्षी दलों की बैठक में किया गया। राजग उम्मीदवार का नाम सामने आने के बाद से विपक्षी खेमे में पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार, पूर्व गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे, कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन, प्रकाश अंबेडकर और पूर्व राज्यपाल गोपाल कृष्ण गांधी के नामों की चर्चा चल रही थी। बुधवार को मीरा कुमार ने सोनिया गांधी से मुलाकात की थी।

मीरा कुमार पांच बार लोकसभा के लिए चुनी जा चुकी हैं और संप्रग-2 के कार्यकाल के दौरान लोकसभा की अध्यक्ष रही थीं। मीरा कुमार भी बिहार से हैं और कांग्रेस का जानामाना दलित चेहरा हैं। विपक्ष ने राजग के दलित कार्ड के मुकाबले अपना प्रत्याशी भी दलित वर्ग से ही उतारा है। विपक्ष के इस फैसले से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए धर्मसंकट की स्थिति पैदा हो गयी है क्योंकि अब उनके राज्य की महिला ही राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार है।

उधर, बैठक से पहले गैर राजग दलों के नेता गहन विचार विमर्श में जुटे दिखे। जदयू के राजग के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को समर्थन देने के फैसले के बाद कांग्रेस ने विपक्ष को एकजुट रखने का प्रयास तेज कर दिया है और उसके वरिष्ठ नेताओं ने कई विपक्षी दलों के नेताओं से इस बारे में चर्चा भी की। जदयू के राजग उम्मीदवार के समर्थन के अचानक लिये गये फैसले से विपक्ष की एकता में दरार साफ नजर आई क्योंकि पार्टी प्रमुख नीतीश कुमार ही वह शख्स थे जिन्होंने इस मुद्दे पर विपक्ष की साझा रणनीति की पहल की थी।

सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस और वामदल शुरू से ही इस चुनाव को 'विचारधारा की लड़ाई' के रूप में देख रहे थे। एक वरिष्ठ वाम नेता ने कहा, 'इससे फर्क नहीं पड़ता की नतीजा क्या होगा, हम चुनाव लड़ेंगे।' इस बात के लिये कोशिश की जा रही है कि एनसीपी भटके नहीं क्योंकि शरद पवार के नेतृत्व वाली पार्टी ने 17 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति पद के चुनाव पर रणनीति बनाने के लिये आंतरिक बैठक भी की है। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता गुलाम नबी आजाद और अहमद पटेल ने एनसीपी सुप्रीमो से उनके आवास पर मुलाकात की और माना जा रहा है कि इस दौरान चुनाव को लेकर विपक्ष की रणनीति पर उनसे चर्चा की। सूत्रों ने कहा कि माकपा नेता सीताराम येचुरी भी इस अनौपचारिक चर्चा का हिस्सा थे।

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