लोकसभा में सदस्यों ने बाढ़ की गंभीर स्थिति का मुद्दा उठाया

[email protected] । Jul 28 2016 3:10PM

लोकसभा में आज सदस्यों ने देश के विभिन्न क्षेत्रों में आयी बाढ़ का मुद्दा उठाया और सरकार से तत्काल राहत एवं बचाव कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाने की मांग की।

लोकसभा में आज सदस्यों ने देश के विभिन्न क्षेत्रों में आयी बाढ़ का मुद्दा उठाया और सरकार से तत्काल राहत एवं बचाव कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाने की मांग की। शून्यकाल के दौरान भाजपा के ददन मिश्रा ने बाढ़ के कारण उत्पन्न गंभीर स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि हर साल बारिश के बाद नेपाल से पानी छोड़े जाने के कारण श्रावस्ती, बलरामपुर समेत पूर्वी उत्तरप्रदेश में बाढ़ की स्थिति अत्यंत विकट हो जाती है। उन्होंने कहा कि इस बार भी बाढ़ के कारण लोग गंभीर स्थिति का सामना कर रहे हैं। गांव दर गांव जलमग्न हो गया है। लोग परेशान हैं। इस स्थिति पर ध्यान दिया जाए और लोगों को राहत प्रदान करने की व्यवस्था की जाए। मिश्रा ने कहा कि हम मांग करते हैं कि बाढ़ प्रभावित लोगों को दवा, भोजन आदि उपलब्ध कराने के साथ जानवरों के लिए चारा का प्रबंध भी किया जाए।

एआईएमआईएम के असादुद्दीन औवैसी ने कहा कि बाढ़ के कारण किशनगंज समेत सीमांचल के चार जिले गंभीर स्थिति का सामना कर रहे हैं। हजारों की संख्या में लोग शिविरों में रहने को मजबूर हैं। उन्हें दवा नहीं मिल रही है, कोई राहत कार्य नहीं चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सीमांचल के लोगों के साथ गंभीर नाइंसाफी हो रही है। राज्य और केंद्र दोनों सरकारें ध्यान नहीं दे रही हैं। ऐसे में केंद्र सरकार एक टीम भेजे और लोगों की परेशानियां दूर करने की पहल करे। ओवैसी ने क्षेत्र के प्रभावित लोगों को आर्थिक मदद देने की व्यवस्था करने का भी सरकार से आग्रह किया।

भाजपा के हरीश द्विवेदी ने कहा कि पूरा पूर्वी उत्तर प्रदेश हर साल बाढ़ के कारण गंभीर संकट का सामना करने को मजबूर होता है। गोरखपुर, श्रावस्ती, बस्ती, गोंडा बाढ़ की विकट स्थिति का सामना कर रहा है। हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि बाढ़ की समस्या का स्थायी समाधान निकालने की पहल की जाए। द्विवेदी ने कहा कि बाढ़ के कारण हर वर्ष काफी नुकसान होता है और जानमाल की क्षति होती है। ऐसे में स्थायी एवं ठोस समाधान निकालना जरूरी है।

भाजपा के जगदम्बिका पाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड बाढ़ की गंभीर स्थिति का सामना कर रहा है। केंद्र सरकार अपनी ओर से पहल कर रही है लेकिन राज्य सरकारों की ओर से अपेक्षित पहल नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि बाढ़ से सुरक्षा के लिए बांधों का बेहतर रखरखाव महत्वपूर्ण होता है लेकिन उत्तर प्रदेश में बांधों का रखरखाव नहीं हो रहा है जिसके कारण स्थिति काफी गंभीर है। पाल ने कहा कि हम केंद्र सरकार से आग्रह करते हैं कि वह बांधों के रखरखाव एवं बाढ़ संबंधी तैयारियों के लिए राज्यों को परामर्श जारी करे।

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