हम सीलिंग के नहीं, उसके तरीके के खिलाफ है: हरदीप सिंह पुरी
आवास एवं शहरी विकास राज्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि दिल्ली में कन्वर्जन चार्ज देने वालों की सम्पत्ति भी सील किए जाने जैसी घटनाओं के मद्देनज़र उन्होंने सीलिंग के तरीक़े पर सवाल उठाया है।
नयी दिल्ली। आवास एवं शहरी विकास राज्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि दिल्ली में कन्वर्जन चार्ज देने वालों की सम्पत्ति भी सील किए जाने जैसी घटनाओं के मद्देनज़र उन्होंने सीलिंग के तरीक़े पर सवाल उठाया है। पुरी ने आज आवास एवं शहरी विकास निगम (हुडको) के स्थापना दिवस समारोह के बाद संवाददाताओं से बातचीत में अपने कल के उस बयान पर सफ़ाई देते हुए यह बात कही जिसमें उन्होंने कहा था कि सीलिंग समिति के लोग एसी कमरों में बैठ कर काम करते है, उन्हें ज़मीनी हक़ीक़त का पता ही नहीं होता है।
पुरी ने कहा कि मैं सीलिंग का विरोध नहीं कर रहा हूँ, बल्कि सिर्फ़ यह कह रहा हूँ कि व्यापक मानवीय हितों की ज़मीनी हक़ीक़त को देख कर सीलिंग की जाए। उन्होंने कहा कि कई ऐसे मामले सामने आए है जहाँ “डिसील” की गई सम्पत्तियों को सील कर दिया गया। इससे सीलिंग के तरीक़े पर सवाल उठना लाज़िमी है। पुरी ने कहा “आपको पता है सीलिंग से कितने लोग बेरोज़गार हुए और कितनों को विस्थापित होना पड़ा। इसलिए जब तक आप वास्तविक हक़ीक़त को नहीं समझेंगे तब तक तकनीकी बातों का कोई फ़ायदा नहीं है।
उन्होंने कहा कि वह अदालत के आदेश में दख़ल नहीं दे रहे है ना ही यह कह रहे हैं कि लोग अवैध निर्माण कार्य करें, उनका सिर्फ़ इतना कहना है कि दिल्ली के मास्टर प्लान में संशोधन करके ही दिल्ली में अवैध निर्माण और अतिक्रमण की इस समस्या का मानवीय आधार पर हल निकाला जा सकता है। उल्लेखनीय है कि मास्टर प्लान में संशोधन पर उच्चतम न्यायालय ने रोक लगाई है। पुरी ने इस मामले की अगली सुनवाई पर अदालत द्वारा यह रोक हटाए जाने की उम्मीद जताते हुए कहा कि ऐसा होने पर मास्टर प्लान में संशोधन किया जाएगा।
दिल्ली में हो रहे अतिक्रमण के सवाल पर पुरी में कहा कि क़ानून व्यवस्था की ज़िम्मेदारी सरकार की है और मंत्रालय ने तय किया है कि सरकारी ज़मीन पर अतिक्रमण की क़तई छूट नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि पहले जिसे जहाँ मौक़ा, मिला वहाँ क़ब्ज़े कर लिए गए, लेकिन अब ऐसा नहीं होने दिया जाएगा।
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