राज्यसभा में विभिन्न दलों के सदस्यों ने ई सिगरेट पर रोक के कदम का समर्थन किया

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[email protected] । Dec 2 2019 4:21PM

इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट विधेयक पर चर्चा पिछले हफ्ते शुरू हुयी थी। भाजपा के विकास महात्मे ने चर्चा को आगे बढ़ाते हुए कहा कि इस विधेयक के प्रावधान से ई सिगरेट की समस्या जड़ से दूर होगी।

नयी दिल्ली। राज्यसभा में सोमवार को विभिन्न दलों के सदस्यों ने ई सिगरेट पर रोक के लिए लाये गये विधेयक का समर्थन करते हुए तंबाकू उत्पादों के सेवन के कारण बड़ी संख्या में लोगों की मौत होने पर चिंता जतायी और इस संबंध में सरकार से प्रभावी कदम उठाने की मांग की। उच्च सदन में ‘इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट (उत्पादन, विनिर्माण, आयात, निर्यात, परिवहन, विक्रय, वितरण, भंडारण और विज्ञापन) प्रतिषेध विधेयक, 2019 पर आगे हुई चर्चा के दौरान विभिन्न दलों के सदस्यों ने विभिन्न प्रकार के तंबाकू उत्पादों के सेवन के कारण होने वाली घातक बीमारियों को लेकर चिंता जतायी। इस विधेयक पर चर्चा पिछले हफ्ते शुरू हुयी थी।  भाजपा के विकास महात्मे ने चर्चा को आगे बढ़ाते हुए कहा कि इस विधेयक के प्रावधान से ई सिगरेट की समस्या जड़ से दूर होगी।

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उन्होंने कहा कि कई पक्षों ने मांग की है कि इस पर रोक लगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ई सिगरेट से जुड़ी कंपनियां चाहती हैं कि उन्हें लाभ होता रहे। वे इस संबंध में मिलने भी आए थे।महात्मे ने कहा कि ई सिगरेट की ज्यादा मांग नहीं है और अगर अभी रोक लग जाएगी तो इसकी मांग ही नहीं पैदा हो सकेगी।कांग्रेस के रिपुन बोरा ने कहा कि कई चीजें ई सिगरेट से ज्यादा नुकसानदेह हैं और उन पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। तंबाकू के सेवन से होने वाली बीमारियों का जिक्र करते हुए बोरा ने कहा कि ई सिगरेट के सेवन से कोई मौत होने का कोई उदाहरण अभी तक नहीं है। उन्होंने विधेयक को दमनकारी बताते हुए कहा कि इसमें कनिष्ठ पुलिस अधिकारी को भी व्यापक अधिकार दे दिए गए हैं।कांग्रेस सदस्य ने सुझाव दिया कि ई सिगरेट की तरह अफीम और शराब भी नुकसानदेह है लेकिन उन्हें प्रतिबंधित नहीं किया गया है।

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उन्होंने कहा कि रोक आखिरी विकल्प है और इससे पहले सख्त नियम बनाए जाने चाहिए और नियमन किया जाना चाहिए। तृणमूल कांग्रेस के नदीमुल हक ने इस संबंध में लाए गए अध्यादेश का विरोध किया और कहा कि तंबाकू के सेवन से हर साल लाखों लोगों की मौत हो जाती है। उन्होंने मांग की कि ई सिगरेट की तरह गुटखा, पान मसाला आदि पर भी रोक लगायी जानी चाहिए।अन्नाद्रमुक की विजिला सत्यानाथन ने सभी प्रकार के तंबाकू उत्पादों पर रोक लगाए जाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि धूम्रपान के लिए संसद सहित विभिन्न स्थानों पर बने विशेष क्षेत्र को समाप्त किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि तंबाकू उत्पादों की विक्री के लिए वैध उम्र 18 साल से बढ़ाकर 21 साल की जानी चाहिए। सपा के रवि प्रकाश वर्मा ने सभी प्रकार के तंबाकू उत्पादों पर रोक लगाए जाने का सुझाव देते हुए कहा कि ई सिगरेट में निकोटिन कम होता है और इसकी शुरूआत धूम्रपान की लत छुड़ाने के लिए की गयी थी। उन्होंने कहा कि सरकार को सिगरेट, बीड़ी आदि से राजस्व के रूप में जितनी राशि मिलती है, उससे कई गुना ज्यादा खर्च तंबाकू के सेवन से होने वाली बीमारियों पर इलाज के लिए उसे करना पड़ता है। वर्मा ने नशे की लत के कारणों का जिक्र करते हुए कहा कि युवाओं के एक वर्ग में पलायनवादी रूख और एकाग्रता का अभाव भी इसकी अहम वजह हैं। उन्होंने कहा कि आज 28 प्रतिशत लोग तंबाकू के बिना नहीं रह सकते हैं। बीजद के प्रशांत नंदा ने विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि इसका चलन बच्चों में बढ़ रहा है। यह पेन ड्राइव जैसा दिखने वाला उपकरण है और उनके राज्य ओडिशा सहित 18 राज्यों ने इसकी बिक्री प रोक लगा दी है।

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