रेल बजट का आम बजट में विलय करेंः सुरेश प्रभु
रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली को पत्र लिखकर रेलवे का अलग से एक बजट पेश करने की पुरानी व्यवस्था खत्म कर इसका आम बजट में विलय करने की पेशकश की है।
रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली को पत्र लिखकर रेलवे का अलग से एक बजट पेश करने की पुरानी व्यवस्था खत्म कर इसका आम बजट में विलय करने की पेशकश की है। रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि प्रभु ने रेलवे के लिए अलग से एक बजट पेश करने की 92 साल पुरानी व्यवस्था को समाप्त कर आम बजट में इसका विलय करने की मांग की है। आम बजट वित्त मंत्री द्वारा पेश किया जाता है।
इस अधिकारी ने कहा कि यद्यपि यह पत्र जून में भेजा गया था, वित्त मंत्रालय से अभी तक इसका कोई जवाब नहीं आया है। नीति आयोग के सदस्य बिबेक देबराय द्वारा रेल बजट का आम बजट में विलय करने की सिफारिश करने के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय ने पिछले महीने रेल मंत्रालय से जवाब मांगा। अब चूंकि रेल मंत्री ने जवाब दे दिया है, रेल बजट का आम बजट में विलय करने पर निर्णय केन्द्र द्वारा किया जाना है। यह पूछे जाने पर कि क्या 2017-18 में रेल बजट आएगा या फिर 2016-17 का रेल बजट, अंतिम रेल बजट होगा, अधिकारी ने कहा, ''इस पर निर्णय अभी किया जाना बाकी है।’’ वर्तमान में, रेलवे को यात्री खंड में 34,000 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है और इसकी आय घट रही है। इसके अलावा, रेलवे पर 458 अधूरी और चालू परियोजनाओं के क्रियान्वयन की दिशा में 4,83,511 करोड़ रुपये का सकल बोझ है। रेल बजट का आम बजट में विलय होने की स्थिति में, संपूर्ण वित्तीय बोझ वित्त मंत्रालय को स्थानांतरित हो जाएगा।
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