बदायूं में अधेड़ महिला के साथ सामूहिक बलात्कार, फिर निर्मम हत्या, विपक्ष ने योगी सरकार को घेरा

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बताया जा रहा है कि मामले में मंदिर का एक पुजारी और उसके दो सहयोगी शामिल हैं। पुलिस ने इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है और थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया गया है।

लखनऊ। साल 2012 की बेदर्द रात को शायद ही कोई भूल सका हो जब दरिंदो ने निर्भया का बलात्कार किया था और अब ठीक उसी तरह का एक मामला उत्तर प्रदेश के बदायूं से सामने आया है। जहां पर एक अधेड़ उम्र की महिला के साथ हैवानों ने सामूहिक दुष्कर्म किया और फिर महिला की हत्या कर दी गई। खबर है कि हैवानों ने पीड़िता के शरीर के कई अंगो पर प्रहार कर उनको क्षतिग्रस्त कर दिया। यह मामला बदायूं के उघैती थाना क्षेत्र के एक गांव का है, जहां पर गांव की एक महिला रविवार की शाम को मंदिर गई, लेकिन वह वापस नहीं लौटी। 

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बताया जा रहा है कि मामले में मंदिर का एक पुजारी और उसके दो सहयोगी शामिल हैं। पुलिस ने इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है और थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया गया है। महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अत्याचारों को लेकर राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी संज्ञान लिया है। वहीं, विपक्ष ने योगी आदित्यनाथ सरकार को घेरने का काम किया है। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव से लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी तक ने एक महिला की कथित तौर पर बलात्कार के बाद हत्या किए जाने के मामले में सरकार पर निशाना साधा है।

अखिलेश यादव ने ट्वविटर पर लिखा कि बदायूँ में एक महिला के साथ सामूहिक बलात्कार के बाद हैवानियत और दरिंदगी का जो वीभत्स रूप पोस्टमार्टम में सामने आया है वो दिल दहलाने वाला है। भाजपा सरकार अपराधियों को बचाने की कोशिश न करे और मृतका व उसके परिवार को पूर्ण न्याय मिले। भाजपा सरकार का कुशासन अपराधियों की ढाल न बने। तो वहीं प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश सरकार की नियत पर ही सवाल खड़ा कर दिया। 

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कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया कि हाथरस में, सरकारी अमले ने शुरुआत में फरियादी की नहीं सुनी, सरकार ने अफसरों को बचाया और आवाज को दबाया, बदायूं में, थानेदार ने फरियादी की नहीं सुनी, घटनास्थल का मुआयना तक नहीं किया। महिला सुरक्षा पर यूपी सरकार की नियत में खोट है।

प्रियंका गांधी का बयान सामने आया ही था कि कांग्रेस ने इस मामले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की। कांग्रेस नेता अल्का लांबा ने तो सीधेतौर पर अपराधियों को संरक्षण देना का आरोप लगा दिया।

बसपा प्रमुख मायावती ने भी इस घटना की निंदा की है। इस पूरे मामले में बदायूं के एसएसपी संकल्प मिश्रा का भी बयान सामने आया। एएसपी ने बताया कि एक 50 वर्षीय महिला की संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु के संदर्भ में IPC की धारा 302 और 376D के अंतर्गत मुकदमा दर्ज़ किया गया। एक अभियुक्त को गिरफ्तार किया गया है। प्रारंभिक जांच में लापरवाही बरतने के दोषी पाए जाने के कारण तत्कालीन थाना प्रभारी को निलंबित किया जा रहा है। 

उन्होंने बताया कि आरोपी महंत फरार है। उसे गिरफ्तार करने के लिए पुलिस की चार टीम गठित की गई है। लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस मामले में क्या कुछ कहा ? दरअसल, सूचना विभाग के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने लखनऊ में बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बदायूं की वारदात को गंभीरता से लेते हुए क्षेत्रीय अपर पुलिस महानिदेशक से रिपोर्ट तलब की है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा है कि जरूरत पड़ने पर मामले की जांच में स्पेशल टास्क फोर्स की भी मदद ली जाए, साथ ही दोषी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो और मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में की जाए।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले को अत्यंत निंदनीय बताया और कहा कि अभियुक्तों के विरुद्ध कठोरतम कानूनी कार्रवाई की जाएगी। एडीजी जोन बरेली को घटना के संबंध में रिपोर्ट प्रस्तुत करने तथा UP-STF को विवेचना में सहयोग करने हेतु निर्देशित किया है। इस घटना के दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।

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