एक बार फिर पलायन को मजबूर प्रवासी, सता रहा कोरोना और लॉकडाउन का डर
आनंद विहार बस अड्डे पर लाखों की तादात में प्रवासी दिखाई दिए। बस और ट्रेनों में भयंकर भीड़ हो रही है। प्रवासी बस की छतों पर भी जा रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से हम लगातार देख रहे है कि मुंबई के भी विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर प्रवासियों के भीड़ देखी जा रही है।
कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच एक बार फिर से प्रवासियों का पलायन शुरू हो गया है। चाहे महाराष्ट्र हो या फिर गुजरात या पंजाब या फिर दिल्ली, हर जगह से प्रवासी लगातार अपने गृह राज्य की ओर लौट रहे हैं। बातचीत में सबसे ज्यादा डर इस बात का ही निकल कर आ रहा है कि उन्हें इस बात की चिंता सता रही है कि कहीं एक बार फिर से पिछले साल की तरह लॉकडाउन ना लग जाए। इसके साथ-साथ उन्हें अपने स्वास्थ्य की भी चिंता है। उन्हें ऐसा लगता है कि गांव या अपने घर जाकर वह ज्यादा सुरक्षित है। दिल्ली में भी 6 दिन के लॉक डाउन के ऐलान के बाद से प्रवासी लगातार पलायन कर रहे हैं। आनंद विहार बस अड्डे पर लाखों की तादात में प्रवासी दिखाई दिए। बस और ट्रेनों में भयंकर भीड़ हो रही है। प्रवासी बस की छतों पर भी जा रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से हम लगातार देख रहे है कि मुंबई के भी विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर प्रवासियों के भीड़ देखी जा रही है।
दूसरी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बार-बार लोगों से अपील कर रहे हैं कि जिन्हें आना है वह जल्दी आ जाए। ऐसे में प्रवासियों को इस बात की भी शंका हो रही है कि कहीं ट्रेन एक बार फिर से बंद ना हो जाए। इन सबके बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि कोरोना वायरस संकट के चलते शहरों से पलायन कर रहे प्रवासी मजदूरों के बैंक खातों में पैसे डालने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है। पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने भी कहा कि गरीबों, श्रमिकों और रेहड़ी-पटरी वालों को नकद मदद दी जानी चाहिए।Delhi: Migrant workers wait for buses at Anand Vihar Bus Terminal amid 1-week lockdown in NCT
— ANI (@ANI) April 19, 2021
"We're daily wagers, CM should have given us some time before announcing it. It takes us Rs 200 to reach home, but they're charging Rs 3,000-4,000 now,how will we go home?" say migrants pic.twitter.com/6bJIL2TbXb
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राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘प्रवासी मजदूर एक बार फिर पलायन कर रहे हैं। ऐसे में केंद्र सरकार की ज़िम्मेदारी है कि उनके बैंक खातों में रुपये डाले जाएं। लेकिन कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने के लिए जनता को दोष देने वाली सरकार क्या ऐसा जन सहायक क़दम उठाएगी?’’ प्रियंका ने ट्वीट कर कहा, ‘‘ कोविड महामारी की भयावहता देखकर यह तो स्पष्ट था कि सरकार को लॉकडाउन जैसे कड़े कदम उठाने पड़ेंगे, लेकिन प्रवासी श्रमिकों को एक बार फिर उनके हाल पर छोड़ दिया गया। क्या यही आपकी योजना है? नीतियां ऐसी हों जो सबका ख्याल रखें।’’ उन्होंने सरकार से आग्रह किया, ‘‘ गरीबों, श्रमिकों, रेहड़ी वालों को नकद मदद वक्त की मांग है। कृपया यह करिए।
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