इन तीन कारणों की वजह से मिजोरम की जनता ने कांग्रेस को नकारा
नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री एमएनएफ के जोरमथंगा ने कहा कि जनता ने शायद उदार मद्य नीति की वजह से ललथनहवला को नकार दिया।
आइजोल। ईसाई बहुल मिजोरम में उदार मद्य नीति, जोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेपीएम) के उदय और सत्ता विरोधी लहर को कांग्रेस सरकार की करारी हार का कारण माना जा रहा है। मंगलवार को घोषित चुनाव नतीजे में कांग्रेस मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) से काफी पीछे तीसरे स्थान पर सिमट गयी। एमएनएफ को 40 सदस्यीय विधानसभा में 26 सीटें मिलीं तथा जेपीएम ने आठ एवं कांग्रेस ने पांच सीट हासिल कीं। 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 34 सीट जीती थीं।
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नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री एमएनएफ के जोरमथंगा ने कहा कि जनता ने शायद उदार मद्य नीति की वजह से ललथनहवला को नकार दिया। निवर्तमान मुख्यमंत्री ललथनहवला ने भी कहा कि उनकी पार्टी की हार की वजह 20 साल के मद्य निषेध के बाद शायद 2015 में शराब की दुकानों का खुलना है। कांग्रेस प्रवक्ता ललीआनचुंगा के अनुसर जेपीएम ने उनकी पार्टी एवं एमएनएफ दोनों को नुकसान पहुंचाया।
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