विधायक की पुलिस अधिकारी से हुई सुलह, तबादला रूकवाने के लिए लिखा सीएम को पत्र

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दिनेश शुक्ल । Sep 9 2019 12:09PM

जिसमें विधायक रक्षा संतराम सरौनिया ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दतिया मंजीत सिंह चावला का तबादला रूकवाने का उल्लेख किया है। उन्होनें पहले मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मंजीत सिंह चावला का दतिया जिले से अनयंत्र करने के लिए लिए पत्र लिखा था जिसे निरस्त करने के लिए चार दिन बाद दोबारा पत्र लिख दिया।

मध्यप्रदेश के दतिया जिले की भांडेर विधानसभा से कांग्रेस विधायक का एक पत्र सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। जिसमें विधायक ने चार दिन पहले एक पुलिस अधिकारी का तबादला करने वाले पत्र को निरस्त करते हुए नए पत्र में तबादला रूकवाने के लिए लिख दिया जो सोशल मीडिया पर लोगों के साथ विपक्ष के लिए चुटकी लेने वाला बना हुआ है। हालंकि विधायक ने यह पत्र जून माह में लिखा था जो कांग्रेस सरकार में मची घमासान के बीच वायरल हुआ है।

मध्यप्रदेश में काँग्रेस की कमलनाथ सरकार बनने के बाद से अधिकारीयों और कर्मचारीयों के तबादलों को लेकर सरकार लगातार बैकफुट पर रही है। सुबह किसी अधिकारी का ट्रांसफर हुआ और शाम होते होते वह निरस्त हो गया। जिसको लेकर विपक्ष लगातार हमलावर रहा है। मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने तो इसे तबादला उद्योग का नाम दे दिया है। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तो ऐसा कोई मौका नहीं छोड़ते जब उन्होनें कमलनाथ सरकार पर अधिकारीयों और कर्मचारीयों के तबादलों को लेकर प्रश्न खडे न किए हो। पूर्व मुख्यमंत्री का साफ तौर पर कहना है कि प्रदेश की कमलनाथ सरकार तबादला उद्योग चला रही है जिसमें तबादला करवाने और रूकवाने के लिए पैसों का लेनदेन होता है। 

वही काँग्रेस विधायकों और मंत्रीयों ने भी हालही में तबादलों में हो रहे भारी भ्रष्ट्राचार को लेकर बयान दिए है। यही नहीं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सहित कमलनाथ सरकार में मंत्रीयों पर भी तबादलों में मनमानी करने और बिना पैसों के तबादला न करने के आरोप लगे। वही सोशल मीडिया पर प्रदेश के भांडेर विधानसभा विधायक रक्षा संतराम सरौनिया का लिखा एक पत्र खूब वायरल हो रहा है। जिसमें विधायक रक्षा संतराम सरौनिया ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दतिया मंजीत सिंह चावला का तबादला रूकवाने का उल्लेख किया है। उन्होनें पहले मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मंजीत सिंह चावला का दतिया जिले से अनयंत्र करने के लिए लिए पत्र लिखा था जिसे निरस्त करने के लिए चार दिन बाद दोबारा पत्र लिख दिया। विधायक ने 19 जून 2019 को अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक का तबादला करने के लिए पत्र लिखा था लेकिन चार दिन बाद ही 24 जून 2019 को उनका तबादला रूकवाने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिख दिया।

अब विपक्ष इस पत्र पर चुटकिया ले रहे है। साथ ही यह सवाल भी किए जा रहे है कि चार दिन में ऐसा क्या हो गया जो तबादला निरस्त करने के लिए विधायक ने सीएम को पत्र लिखा, क्या सुलह हो गई। भांडेर विधायक ज्योतिरादित्य सिंधिया की समर्थक विधायक मानी जाती है।

 

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