बिहार विधानसभा में विधायकों और सुरक्षाबलों में हाथापाई, लालू ने ट्वीट कर नीतीश सरकार को घेरा
विपक्ष के विधायक चर्चा के दौरान अध्यक्ष की कुर्सी तक पहुंच गए और अध्यक्ष के हाथ से विधेयक खींचने की कोशिश करने लगे। आलम यह हो गया कि विधानसभा अध्यक्ष को चेंबर से निकालने के लिए पटना के डीएम और एसएसपी तक को भी आना पड़ा। इस दौरान विपक्ष नीतीश कुमार मुर्दाबाद के नारे लगा रहा था।
बिहार विधानसभा में विपक्षी विधायकों ने बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक 2021 के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने बाद जमकर बवाल हुआ। चर्चा के दौरान विपक्ष के विधायकों और सुरक्षाबलों में झड़प की भी खबर है। विपक्ष का आरोप है कि सुरक्षाबलों ने उनपर कार्रवाई की है। राजद विधायक सतीश कुमार को बिहार विधानसभा से एक स्ट्रेचर पर ले जाते हुए देखा गया। दूसरी ओर लालू प्रसाद यादव ने भी ट्वीट करके नीतीश सरकार को घेरा है। लालू ने लिखा कि लोहिया जयंती पर नीतीश में हिटलर, मुसोलिनी और पोल पॉट की आत्मा समा गई है। वह तिलमिलाए जा रहे हैं कि कब उतने ही निरंकुश हो जाएँ।
इस बिल को लेकर बवाल इतना बढ़ गया है कि विपक्ष विधायक धरने पर बैठकर और नौबत हाथापाई और मारपीट की आ गई। विपक्ष के विधायक चर्चा के दौरान अध्यक्ष की कुर्सी तक पहुंच गए और अध्यक्ष के हाथ से विधेयक खींचने की कोशिश करने लगे। आलम यह हो गया कि विधानसभा अध्यक्ष को चेंबर से निकालने के लिए पटना के डीएम और एसएसपी तक को भी आना पड़ा। इस दौरान विपक्ष नीतीश कुमार मुर्दाबाद के नारे लगा रहा था।लोहिया जयंती पर नीतीश में हिटलर, मुसोलिनी और पोल पॉट की आत्मा समा गई है। वह तिलमिलाए जा रहे हैं कि कब उतने ही निरंकुश हो जाएँ।
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) March 23, 2021
गोबेल्स, हिमलर, हरमन जैसे उनके सहायक तो हैं ही, अब हिटलर के SS की तर्ज पर कानून बनाकर बिहार विशेष सशस्त्र बल से जनता पर नकेल कसना चाहते हैं। शर्म करो https://t.co/mR4aSG6cw2
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पुलिस बल को कथित तौर पर बगैर वारंट की गिरफ्तारी की शक्ति देने वाला एक विधेयक नीतीश कुमार सरकार के बिहार विधानसभा में पेश करने के बाद मंगलवार को सदन में अभूतपूर्व स्थित देखने को मिली। स्पीकर के कक्ष का घेराव करने वाले विपक्ष के विधायकों को हटाने के लिए सदन में पुलिस बुलानी पड़ गई। विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (राजद), कांग्रेस और वाम दल के महागठबंधन के सदस्य बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक, 2021 का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने इसे लेकर विधानसभा में हंगामा किया, जिसके चलते सदन की कार्यवाही दिन में पांच बार स्थगित करनी पड़ी। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने इस ‘काला कानून’ और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर किये गये मार्च का नेतृत्व किया। इसका संकेत उन्होंने सुबह में किये गये अपने संवाददाता सम्मेलन में ही दे दिया था। तेजस्वी ने ट्वीट किया, ‘‘आज राम मनोहर लोहिया की जयंती है, जिन्होंने कहा था कि अगर सड़कें खामोश हो जाएँ, तो संसद आवारा हो जाती है।’’ उन्होंने क्रांतिकारी भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेव की याद में उर्दू की कुछ पंक्तियां भी ट्वीट कीं। अनधिकृत जुलूस निकालने और डाक बंगला चौराहे पर पथराव करने में संलिप्त रहने को लेकर पुलिस तेजस्वी और राजद के अन्य नेताओं को कोतवाली थाना ले गये थी। वहां से रिहा होने के बाद तेजस्वी वापस विधानसभा में आए, जब सदन की कार्यवाही दोपहर तीन बजे फिर से शुरू हुई थी।
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इससे पहले, सदन की कार्यवाही तीन बार स्थगित की जा चुकी थी। मंत्री बिजेंद्र यादव द्वारा चर्चा के लिए विधेयक को पेश किये जाते ही विपक्षी सदस्य विधानसभा अध्यक्ष के आसन के करीब चले गये, जहां मार्शल पहुंच गये ताकि सत्ता पक्ष के सदस्यों के साथ उनकी हाथापाई होने से रोका जा सके। इसपर, विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने सदन की कार्यवाही शाम साढे चार बजे तक के लिए स्थगित कर दी और अपने कक्ष के अंदर चले गये, जबकि महागठबंधन के सदस्यों ने इसे चारों ओर से घेर लिया और नारेबाजी करने लगे। स्थिति से निपटने में मार्शल को समस्या होने के बारे में पता चलने पर पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक उपेंद्र शर्मा विधानसभा परिसर पहुंचे। इस बीच, भाजपा के वरिष्ठ विधायक प्रेम कुमार ने सदन के पीठासीन अधिकारी के तौर पर कार्यवाही बहाल की, लेकिन पूरे सदन में शोरगुल होता रहा। मंत्री के तौर पर विधानसभा में मौजूद एमएलसी अशोक चौधरी उस वक्त गुस्से में नजर आए, जब विपक्षी सदस्यों ने प्रेम कुमार से कागज छीनने की कोशिश की। दरअसल, चौधरी ने जद(यू) के साथी विधायकों से अपने पास आने का अनुरोध किया, जब वह अध्यक्ष के आसन के करीब चले गये थे। राजद के एक विधायक इस दौरान चौधरी के साथ धक्कामुक्की होने पर फर्श पर गिर पड़े। इससे विपक्षी सदस्य गुस्से में आ गये और उन्होंने मेज पर कुर्सी पटक कर उसे ((मेज) तोड़ दी।
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इसके चलते, पीठासीन अधिकारी ने सदन की कार्यवाही शाम साढ़े पांच बजे के तक के लिए स्थगित कर दी। दिन में, तेजस्वी के नेतृत्व में राजद कार्यकर्ताओं ने विधानसभा परिसर तक मार्च करने की कोशिश की, जिस दौरान उनकी पुलिस के साथ झड़पें हुई। तेजस्वी और उनके बड़े भाई तेज प्रताप यादव और कुछ अन्य विधायकों के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के कार्यकर्ता बड़ी तादाद में दिन में जे पी गोलंबर पर एकत्र हुए। वहां से उन्होंने विधानसभा परिसर की ओर मार्च किया, जो करीब तीन किमी दूर है। तेजस्वी ने सुबह संवाददाता सम्मेलन कर घोषणा की थी कि वह विधानसभा परिसर का घेराव करेंगे, जबकि बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस बल, 2021 विधेयक को लेकर उनकी पार्टी के विधायकों ने सदन में एक स्थगन प्रस्ताव दिया हुआ था। गौरतलब है कि यह विधेयक पिछले हफ्ते विधानसभा में पेश किया गया था। यह बिहार मिलिट्री पुलिस का नाम बदलने का प्रस्ताव करता है, उसे कहीं अधिक शक्तियां देता है और कथित तौर पर बगैर वारंट के लोगों को गिरफ्तार करने का उसे अधिकार देता है।
#WATCH RJD MLA Satish Kumar carried on a stretcher from Bihar Assembly after he was allegedly manhandled by "police and local goons" inside the Assembly during protest against Bihar Special Armed Police Bill 2021.
— ANI (@ANI) March 23, 2021
"See how an elected representative was treated today," he says pic.twitter.com/WlJe1ly6DH
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