मोदी सरकार ने राफेल सौदे पर देश को किया गुमराह: कांग्रेस
राफेल सौदे को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा संसद में मोदी सरकार पर निशाना साधने के कुछ दिन बाद पूर्व रक्षा मंत्री ए के एंटनी, पार्टी के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा और प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश की।
नयी दिल्ली। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण पर राफेल सौदे पर संसद में ‘ झूठ ’ बोलने का आरोप लगाते हुए आज कहा कि 2008 में इस लड़ाकू विमान के संदर्भ में भारत और फ्रांस के बीच हुए समझौते में ऐसा कोई प्रावधान नहीं था जिस वजह से इस सौदे की कीमत का खुलासा नहीं किया जा सकता है। कांग्रेस द्वारा इस मुद्दे पर सरकार पर जोरदार हमला बोलने और लोकसभा को ‘गुमराह’ करने के लिए प्रधानमंत्री और सीतारमण के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाने की संभावना है।
राफेल सौदे को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा संसद में मोदी सरकार पर निशाना साधने के कुछ दिन बाद पूर्व रक्षा मंत्री ए के एंटनी , पार्टी के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा और प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश की। इन नेताओं ने विमानों की कीमतों का खुलासा करने की मांग की।
नेताओं ने संप्रंग के शासनकाल में जनवरी , 2008 में फ्रांस के साथ हुए गोपनीय समझौते की प्रति भी जारी की। पार्टी ने इसके जरिये यह बताने की कोशिश की कि इस समझौते में कोई ऐसा प्रावधान नहीं है , जिसके कारण राफेल सौदे की कीमतों को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है। उन्होंने इस बात के संकेत भी दिए कि कांग्रेस प्रधानमंत्री और सीतारमण के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव ला सकती है।
कांग्रेस की ओर से जारी समझौते की प्रति में कहा गया है कि फ्रांस और भारत की सरकारें अपने राष्ट्रीय कानूनों के मुताबिक सभी गोपनीय जानकारियों और सामग्रियों के संरक्षण के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएंगे। लोकसभा में शुक्रवार को राजग सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान राहुल ने अपने भाषण में कहा था कि फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुअल मैक्रों ने एक बैठक के दौरान उनसे साफ-साफ कहा था कि राफेल लड़ाकू विमान के मूल्यों से संबंधित ब्यौरे साझा करने में कोई दिक्कत नहीं है।
इसके बाद फ्रांस ने कहा था कि भारत के साथ 2008 में किया गया सुरक्षा समझौता गोपनीय है और दोनों देशों के बीच रक्षा उपकरणों की संचालन क्षमताओं के संबंध में इस गोपनीयता की रक्षा करना कानूनी रूप से बाध्यकारी है। प्रस्ताव का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने गांधी को इस तरह के संवेदनशील मुद्दों पर ‘बचकाना’ आरोप नहीं लगाने को कहा था। एंटनी ने आज संवाददाता सम्मेलन में कहा कि समझौते पर गोपनीयता संबंधी प्रावधान का सरकार का दावा ‘ पूरी तरह गलत है। ’
उन्होंने कहा कि सरकार विमान की कीमत के खुलासे से इनकार नहीं कर सकती है क्योंकि इस सौदे की कैग और संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) द्वारा समीक्षा की जाएगी। संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में आनंद शर्मा ने कहा, “फ्रांस की सरकार को राफेल विमान की कीमत के खुलासे से कोई आपत्ति नहीं है। फ्रांस के राष्ट्रपति ने राहुल गांधी के साथ एक बैठक में यह बात कही थी। इस बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री के साथ मैं भी शामिल था। ”
उन्होंने कहा , “ यह एक दुखद दिन है कि खुलासा करने में अक्षम होने की बात करके वे देश के संविधान का भी सम्मान नहीं कर रहे हैं और संसद को गुमराह कर रहे हैं। फ्रांस के कानून के अनुसार संबंधित कंपनियों के लिए भी सालाना जानकारी देना अनिवार्य है।” शर्मा ने कहा , “ सरकार के रिकॉर्ड , विरोधाभासी बयानों और इंकार के आधार पर मैं बेहिचक कह सकता हूं कि निश्चित तौर पर इसमें कुछ घोटाला हुआ है।”
उन्होंने कहा , “ प्रधानमंत्री भी समान रूप से जवाबदेह हैं। वह बराबर रूप से जिम्मेदार भी हैं। उन्होंने भी पूरे जोश के साथ बार - बार झूठ बोला एवं सदन तथा देश के लोगों को गुमराह किया। मुझे विश्वास है कि ऐसा चूंकि लोकसभा में किया गया है , तो इसे उचित तरीके से आगे बढ़ाया जाएगा।” सुरजेवाला ने कहा , “ यह सीधे तौर पर देश और संसद को गुमराह करने का मामला है। वह मुद्दा लोकसभा से संबंधित है और लोकसभा में कांग्रेस का संसदीय दल जल्द ही इस बाबत फैसला करेगा।”
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