कश्मीर पर संप्रग के काम पर मोदी सरकार ने पानी फेरा: कांग्रेस
![](https://images.prabhasakshi.com/2016/7/2016_7$largeimg20_Jul_2016_171808967.jpg)
कांग्रेस ने आज कहा कि संप्रग सरकार ने 10 वर्षों में जम्मू कश्मीर में काफी मेहनत से शांति और विकास का जो माहौल कायम किया था, उस पर इस सरकार ने दो वर्षों में पानी फेर दिया है।
राजग सरकार की पाकिस्तान नीति के विफल होने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने आज कहा कि ऐसा लगता है कि ध्रुवीकरण इस सरकार का एजेंडा है और कांग्रेस नीत संप्रग सरकार ने 10 वर्षों में जम्मू कश्मीर में काफी मेहनत से शांति और विकास का जो माहौल कायम किया था, उस पर इस सरकार ने पिछले दो वर्षों में पानी फेर दिया है। कांग्रेस ने इस विषय पर सर्वदलीय समिति गठित करने की मांग भी की।
भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर की समस्या किस नेता के कारण बनी, उस पर कांग्रेस को आत्ममंथन करने की जरूरत है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने जम्मू कश्मीर को 80 हजार करोड़ का पैकेज देने, बंद पड़ी बिजली परियोजनाएं शुरू करने, शैक्षणिक संस्थाओं का निर्माण कराने, स्टेडियम बनाने, एम्स खोलने जैसी पहल की। नियम 193 के तहत लोकसभा में ‘कश्मीर घाटी में हाल में हुई हिंसा से राज्य में लोगों की शांति और सुरक्षा के लिए उत्पन्न खतरे से संबंधित स्थिति’ के बारे में चर्चा की शुरूआत करते हुए कांग्रेस के ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि जब भी राष्ट्रहित, देश की एकता और अखंडता की आती है तो पूरा देश एक ही स्वर में बोलता है। लेकिन पिछले दो वर्षों में कश्मीर की स्थिति निराशाजनक हो चुकी है। उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों में देश में असहिष्णुता के मुद्दे, दादरी की घटना, विश्वविद्यालयों के मुद्दों के कारण साम्प्रदायिक सद्भाव की बजाए साम्प्रदायिकता का माहौल बन गया है।
सिंधिया ने कहा कि कश्मीर में जो कुछ हो रहा है, उसके लिए पाकिस्तान कसूरवार है लेकिन हमें अपने गिरेबां में भी झांक कर देखने की जरूरत है। कांग्रेस नेता ने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी के विधायक और सांसद गैर जिम्मेदाराना बयान देते हैं और उन पर कोई कार्रवाई नहीं होती है, जिससे लगता है कि कहीं ध्रुवीकरण इस सरकार का एजेंडा तो नहीं है। सिंधिया ने कहा कि कांग्रेस नीत संप्रग सरकार ने 10 वर्षों में जम्मू कश्मीर में काफी मेहनत से शांति और विकास का माहौल कायम किया था, उस पर इस सरकार ने पिछले दो वर्षों में पानी फेर दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि आज कश्मीर की घरेलू आर्थिक विकास दर नकारात्मक हो गयी है। पर्यटन, रोजगार के अवसर समाप्त हो गये हैं।
अन्य न्यूज़