मोदी को बचाने के लिए दिया गया आधारहीन हलफनामा: कपिल सिब्बल
राफेल मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि उच्चतम न्यायालय का आदेश पढ़ने के बाद ऐसा लगा है कि हर पैरा में प्रेस रिपोर्ट का हवाला है और साथ ही इसमें सरकार के हलफनामे का हवाला है।
नयी दिल्ली। कांग्रेस ने राफेल मामले में उच्चतम न्यायालय में कैग रिपोर्ट के उल्लेख वाले सरकार के हलफनामे को ‘आधारहीन’ करार देते हुए शनिवार का आरोप लगाया कि सरकार की मंशा तथ्यों को छिपाना और ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बचाना’ है। पार्टी ने संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की जांच की मांग दोहराते हुए यह भी कहा कि अटॉर्नी जनरल को लोक लेखा समिति (पीएसी) के समक्ष बुलाकर कैग रिपोर्ट के बारे में पूछा जाना चाहिए जिसका जिक्र न्यायालय के आदेश में किया गया है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने संवाददाताओं से कहा कि उच्चतम न्यायालय का आदेश पढ़ने के बाद ऐसा लगा है कि हर पैरा में प्रेस रिपोर्ट का हवाला है और साथ ही इसमें सरकार के हलफनामे का हवाला है। जहां तक हलफनामे का सवाल है तो लगता है कि न्यायालय ने सरकार की कुछ बातें मान ली हैं। उन्होंने कहा, ‘न्यायालय ने यह भी कहा कि अनुच्छेद 32 के तहत हमारा अधिकार क्षेत्र सीमित है। इसलिए वह कुछ चीजों पर फैसला नहीं कर सकता।’
Kapil Sibal, Congress: Government is responsible for giving wrong facts to the Supreme Court. I think the Attorney General should be called before the PAC and be asked why wrong facts were presented. This is a very serious matter. #RafaleDeal pic.twitter.com/LdT22JGWct
— ANI (@ANI) December 15, 2018
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सिब्बल ने कहा, ‘आदेश में कुछ ऐसी बातें और तथ्य हैं जो गलत हैं। इसमें न्यायालय की नहीं, बल्कि सरकार की जिम्मेदारी है। हमें अटॉर्नी जनरल को पीएसी के समक्ष बुलाने की जरूरत है। उनसे पूछा जाना चाहिए कि इस तरह का हलफनामा क्यों दिया गया जो सही नहीं है।’ उन्होंने कहा, ‘अगर अटॉर्नी जनरल देश की सबसे बड़ी अदालत में आधारहीन बातें करता है और अगर इसकी बुनियाद पर फैसला होता है तो यह सही नहीं है। इस पर संसद में भी चर्चा होगी।’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘हम पहले भी कह चुके हैं कि राफेल मामले पर उच्चतम न्यायालय में फैसला नहीं हो सकता। न्यायालय सभी फाइलें नहीं देख सकता और प्रधानमंत्री से सवाल-जवाब नहीं कर सकता।’
वित्त मंत्री अरुण जेटली, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और भाजपा के कुछ अन्य नेताओं के बयानों का हवाला देते हुए सिब्बल ने कहा, ‘अपनी पीठ थपथपाना और क्लीन चिट मिलने की बात करना बचकाना है। यह कहना सही नहीं है कि कांग्रेस के आरोप काल्पनिक हैं। 2जी मामले में इनके आरोप काल्पनिक साबित हुए। हम साबित करेंगे कि राफेल मामले में हमारे आरोप काल्पनिक नहीं हैं।’ उन्होंने कहा कि राजनाथ सिंह कहते हैं कि कांग्रेस को माफी मांगनी चाहिए। माफी तो इन लोगों को मांगनी चाहिए क्योंकि उन्होंने देश और अदालत को गुमराह किया है।
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सिब्बल ने कहा कि किसके कहने पर यह हलफनामा दाखिल किया गया? जब संसद में कैग की रिपोर्ट नहीं गई तो फिर ये बात न्यायालय के आदेश में क्यों आई? उच्चतम न्यायालय में जाकर इस तरह की बात करना बहुत ही संगीन मामला है। इस पर कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि इस सरकार की मंशा है कि किसी न किसी तरह से इस मामले की जांच नहीं हो और तथ्य छिपे रहें और मोदी जी बचें रहें। यह बचाव का खेल है। सिब्बल ने कहा कि प्रधानममंत्री को इस मामले पर कुछ तो बोलना चाहिए। दरअसल, उच्चतम न्यायालय ने फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के मामले में नरेन्द्र मोदी सरकार को शुक्रवार को बड़ी राहत दी।
शीर्ष अदालत ने सौदे में कथित अनियमितताओं के लिए सीबीआई को प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने का अनुरोध करने वाली सभी याचिकाओं को खारिज किया। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की पीठ ने कहा कि अरबों डॉलर कीमत के राफेल सौदे में निर्णय लेने की प्रक्रिया पर संदेह करने का कोई कारण नहीं है। ऑफसेट साझेदार के मामले पर तीन सदस्यीय पीठ ने कहा कि किसी भी निजी फर्म को व्यावसायिक लाभ पहुंचाने का कोई ठोस सबूत नहीं मिला है।
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