जितना ज्यादा दल-दल होता है, उतना ज्यादा कमल खिलता है: मोदी

Modi target congress in shahjahanpur rally
[email protected] । Jul 21 2018 3:25PM

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विपक्षी दलों पर आज कटाक्ष किया कि जब दल के साथ दल हो तो ''दल—दल'' हो जाता है और जितना ज्यादा दलदल होता है उतना ज्यादा कमल खिलता है।

शाहजहांपुर (उत्तर प्रदेश)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विपक्षी दलों पर आज कटाक्ष किया कि जब दल के साथ दल हो तो 'दल—दल' हो जाता है और जितना ज्यादा दलदल होता है उतना ज्यादा कमल खिलता है। मोदी ने यहां किसान कल्याण रैली में कहा, 'केन्द्र में ऐतिहासिक जनादेश देकर आपने (जनता) जो सरकार बनायी है, उस पर उनको (विपक्षी दलों को) विश्वास नहीं है ... कल संसद में हम लगातार उनसे पूछते रहे कि बताओ अविश्वास का कारण क्या है ... जब कारण नहीं बता पाये तो गले पड़ गये।' 

उन्होंने कहा, 'लेकिन वे ना तो हमें और ना ही देश को इसका कारण बता पाए। हम उनको समझाते रहे कि लोकतंत्र में जनादेश सबसे ऊपर है। जनता जनार्दन के मन मंदिर के खिलाफ ये खेल खेलना ठीक नहीं है। जनता से उलझना महंगा पड़ जाएगा लेकिन उन पर (विपक्ष) तो लगता है कि जुनून सवार था कि मोदी को सबक सिखाना है, हटाना है ... मोदी कुछ नहीं है, ये सवा सौ करोड़ हिन्दुस्तानियों की ताकत है। बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के संविधान की ताकत है।' 

प्रधानमंत्री ने कहा, 'जब ये शक्ति साथ रहेगी तब तक कोई दल ... और अब तो एक दल नहीं ... दल के साथ दल ... जब दल के साथ दल हो तो दलदल हो जाता है और जितना ज्यादा दलदल होता है, उतना ज्यादा कमल खिलता है। ये उनका दलदल का खेल कमल खिलाने के लिए नया अवसर देने वाला है।' मोदी ने विपक्ष पर फिर निशाना साधा कि अहंकार, दंभ और दमन की आदतें आज का युवा भारत एक पल भी सहने को तैयार नहीं है। 'हम 2022 तक 'न्यू इंडिया' के उदय के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं।' 

उन्होंने कांग्रेस को आडे़ हाथ लेते हुए कहा कि पहले कांग्रेस सरकार के एक प्रधानमंत्री ने कहा था कि दिल्ली से एक रुपया निकलता है तो गांव में जाते-जाते 15 पैसा हो जाता है। ये बात कांग्रेस के प्रधानमंत्री ने तब कही थी जब पंचायत से लेकर संसद तक उन्हीं का झंडा फहरता था। उन्हीं के लोग चुने जाते थे, और किसी दल को एंट्री ही नहीं मिलती थी । जब चारों ओर उनका राज चलता था तब उन्होंने ऐसा कहा था।

मोदी ने कहा, 'ये कौन पंजा था जो रुपये को घिसते घिसते 15 पैसा बना देता था। ये कौन पंजा था जो रुपये में से 85 पैसे मार लेता था । हमने रास्ता खोजा और आपको खुशी होगी कि 90 हजार करोड़ रुपया जो कहीं और चला जाता था, वो प्रौद्योगिकी के माध्यम से सही व्यक्ति के पास उसके खाते में सीधे पहुंचने लग गया।' प्रधानमंत्री ने कहा कि किसान हिन्दुस्तान का गौरव है । यही कारण है कि देश के करीब पांच करोड़ गन्ना किसान परिवारों के हित में हाल में अनेक फैसले लिये गये। 

उन्होंने कहा कि अब बिचौलियों को दूर कर अपने अन्नदाता को समय पर खरीद का उचित मूल्य दिलाया जा रहा है। खरीद में पारदर्शिता, व्यवस्था का बहुत बड़ा बदलाव है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज किसानों के नाम पर जो (विपक्ष) घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं, ये सब करने के लिए उन्हें भी मौका था। ये ​घड़ियाली आंसू बहाने वाली सरकारों को किसानों के लिए निर्णय करने की ना तो चिन्ता थी और ना ही फुर्सत। रैली में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष महेन्द्र नाथ पाण्डेय सहित केन्द्र एवं राज्य सरकार के कई मंत्री भी शामिल हुए।

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