संसद के मानसून सत्र की हंगामेदार शुरुआत, जानिये क्या हुआ पहले दिन

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संसद के मानसून सत्र की आज हंगामेदार शुरुआत हुई। मोदी सरकार के पास अब कामकाज निबटाने के लिए वर्तमान लोकसभा के मात्र तीन सत्र ही बचे हैं इसलिए सरकार शायद दिल से चाहती है कि सत्र चले।

संसद के मानसून सत्र की आज हंगामेदार शुरुआत हुई। मोदी सरकार के पास अब कामकाज निबटाने के लिए वर्तमान लोकसभा के मात्र तीन सत्र ही बचे हैं इसलिए सरकार शायद दिल से चाहती है कि सत्र चले। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि मानसून सत्र के पहले दिन ही सरकार के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को लोकसभा अध्यक्ष ने मंजूर कर लिया। अविश्वास प्रस्ताव पर 20 जुलाई को चर्चा और मत विभाजन होगा। इस पर पूरे दिन चर्चा होगी और उसी दिन वोटिंग होगी। सदस्यों की ओर से चर्चा के लिए कुछ और समय बढ़ाने की मांग पर स्पीकर ने कहा है कि सात घंटे का समय चर्चा के लिये रखा गया है। इस दिन प्रश्नकाल नहीं चलेगा और गैर-सरकारी कामकाज नहीं होगा। सिर्फ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होगी।

हालांकि लोकसभा में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के सांसदों की संख्या को देखते हुए मोदी सरकार को कोई खतरा नहीं है लेकिन संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी के बयान के बाद भाजपा की धड़कनें बढ़ गयी हैं। सोनिया गांधी ने कहा है कि कौन कहता है कि हमारे पास नंबर नहीं है। लेकिन अगर आंकड़ों पर गौर करें तो लोकसभा की कुल 543 सीटों में से इस समय 9 सीटें खाली हैं और बहुमत साबित करने के लिए 268 सीटें चाहिए जबकि भाजपा के पास अपने 273 सांसद हैं और यदि राजग सांसदों की बात करें तो यह संख्या 312 बैठती है जिससे यह साफ है कि सरकार बहुमत परीक्षण में विफल नहीं हो सकती। विपक्ष के लिए एक बड़े झटके की बात यह है कि संभवतः तृणमूल कांग्रेस के सांसद शुक्रवार को संसद में नहीं आएंगे। लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस के नेता दिनेश त्रिवेदी ने कहा है कि पश्चिम बंगाल में हम 21 जुलाई को शहीद दिवस मनाते हैं और उसके आयोजन की वजह से 20 जुलाई को तृणमूल का एक भी सांसद सदन में नहीं रहेगा।

आइए डालते हैं एक नजर आज संसद के दोनों सदनों की कार्यवाहियों से जुड़े मुद्दों पर

राज्यसभा की कार्यवाही की मुख्य बातें

-संसद के मानसून सत्र के पहले ही दिन राज्यसभा में तेलुगु देशम पार्टी के सदस्यों ने आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने के मुद्दे पर कार्यस्थगन प्रस्ताव पर चर्चा की मांग पर जोर दिया। इस वजह से शून्यकाल में बैठक करीब 20 मिनट के लिए स्थगित की गयी।

-बैठक शुरू होने पर सभापति एम. वेंकैया नायडू ने नये सदस्यों को शपथ दिलवाई। इसके अलावा उन्होंने पिछले दिनों दिवंगत हुए पूर्व सदस्यों और विभिन्न घटनाओं में जान गंवाने वाले लोगों को पूरे सदन की ओर से श्रद्धांजलि दी।

-नायडू ने बताया कि उन्हें नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, सपा नेता रामगोपाल यादव, बसपा नेता सतीश चन्द्र मिश्र तथा कुछ अन्य सदस्यों की तरफ से विभिन्न मुद्दों पर कार्य स्थगन प्रस्ताव के नोटिस मिले हैं। उन्होंने कहा कि वह इन सभी प्रस्तावों को खारिज करते हुए उन्हें शून्यकाल के मुद्दों में परिवर्तित कर रहे हैं।


राज्यसभा में सात नये सदस्यों ने ली शपथ

आरएसएस विचारक राकेश सिन्हा, शास्त्रीय नृत्यांगना सोनल मानसिंह, मूर्तिकार रघुनाथ महापात्र सहित सात नये सदस्यों ने आज राज्यसभा की सदस्यता की शपथ ली। मानसूत्र सत्र के पहले दिन इन सदस्यों ने शपथ ली। शपथ लेने वालों में रामसकल भी हैं जो पूर्व भाजपा सांसद हैं। केरल से तीन नवनिर्वाचित सदस्यों- माकपा के ई. करीम, भाकपा के विनय विश्वम तथा केरल कांग्रेस (मणि) के जोस के. मणि ने भी शपथ ली।

राज्यसभा में अब सदस्य 22 भाषाओं में दे सकते हैं भाषण

राज्यसभा के सदस्य अब उच्च सदन में 22 भारतीय भाषाओं में अपनी बात रख सकेंगे। पहले यह सुविधा 17 भाषाओं में थी और इसमें पांच नयी भाषाओं को शामिल किया गया है।

सभापति एम वेंकैया नायडू ने सदन में कहा कि सदस्य अब डोगरी, कश्मीरी, कोंकणी, संथाली और सिंधी भाषाओं में भी अपनी बात रख सकेंगे। नायडू ने हालांकि कहा कि इसके लिए वक्ताओं को पहले ही नोटिस देना होगा।

राज्यसभा ने किया अंतरराष्ट्रीय समझौता

राज्यसभा ने रवांडा के उच्च सदन के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं जिसका मकसद अंतर-संसदीय संपर्क को बढ़ावा देना है। 66 साल में पहली बार राज्यसभा ने ऐसा कोई समझौता किया है। इससे पहले लोकसभा ही ऐसे समझौते करती थी।

लोकसभा की कार्यवाही की मुख्य बातें

-मानसून सत्र के पहले दिन आज लोकसभा में तेलुगू देशम पार्टी और समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने अपनी अपनी मांगों को लेकर आसन के समीप आकर नारेबाजी की।

-लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने जब प्रश्नकाल शुरू कराया तब तेदेपा के सदस्य आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे। वे आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की अपनी पुरानी मांग दोहरा रहे थे। सभी सदस्य कंधे पर पीले रंग की पट्टिका डाले हुए थे।

-प्रश्नकाल के दौरान ही कांग्रेस के सदस्य भी अपनी बात रखना चाह रहे थे। पार्टी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया मांग उठा रहे थे कि सरकार के खिलाफ लाये गये अविश्वास प्रस्ताव को पहले लिया जाए।

-अध्यक्ष ने उन सदस्यों से खड़े होने का आग्रह किया जो अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस के पक्ष में हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे सदस्यों की संख्या 50 से अधिक है, इसलिये यह प्रस्ताव सदन में स्वीकार होता है।

-इससे पहले सदन की बैठक शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री ने कहा कि देशहित में कई विधेयकों का पारित होना जरूरी है इसलिए सभी दलों को आपस में सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार हर मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार है। सदन की बैठक शुरू होने से पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदस्यों का अभिनंदन किया।

-सदन की बैठक शुरू होने पर चार नये सदस्यों ने शपथ ली और इसके बाद सदन के तीन दिवंगत पूर्व सदस्यों को श्रद्धांजलि दी गयी।

-सदन ने उत्तराखंड के पौढ़ी गढ़वाल में गत एक जुलाई को बस के खाई में गिरने से 48 लोगों की मौत पर और 16 और 17 जून को अफगानिस्तान के नांगरहार में ईद उल फितर के मौके पर हुए दोहरे आतंकी हमलों पर भी दुख जताया। सदन ने एक जुलाई को अफगानिस्तान के जलालाबाद में आत्मघाती हमले में अफगान सिख और हिंदू समुदायों के 13 सदस्यों की मौत पर भी शोक व्यक्त किया।

संसद में उठे उन मुद्दों पर नजर जिनका होगा गहर असर

-विश्विद्यालयों और महाविद्यालयों में नियुक्तियों में आरक्षण लागू करने को लेकर विपक्ष के आरोप पर केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने स्पष्ट किया कि कोई व्यक्ति या संस्था अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्गों का आरक्षण नहीं छीन सकती। लोकसभा में शून्यकाल के दौरान समाजवादी पार्टी के धर्मेंद्र यादव ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय की पांच मार्च की एक अधिसूचना का हवाला दिया और आरोप लगाया कि सरकार विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में आरक्षण खत्म करना चाहती है। इस पर गृह मंत्री ने कहा कि कोई भी व्यक्ति या संस्था आरक्षण नहीं छीन सकती।

-लोकसभा में कांग्रेस के शशि थरूर ने तिरूवनंतपुरम में अपने कार्यालय पर हुए हमले का विषय उठाया और अपनी जान को खतरा होने का दावा करते हुए आरोप लगाया कि देश में असहिष्णुता बढ़ रही है। शून्यकाल में इस विषय को उठाते हुए थरूर ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से ऐसी घटनाओं पर चुप्पी तोड़ने की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसे हमले देश में बढ़ रहे हैं। कल ही स्वामी अग्निवेश पर हमला किया गया और ऐसा सत्तारूढ़ दल की शह पर हो रहा है।

-इस पर संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि यह घटना केरल की है, केरल में किसकी सरकार है, इसके बारे में थरूर समेत सभी को पता है। कानून एवं व्यवस्था राज्य का विषय होता है। ऐसे में केरल में जो कुछ हुआ, उसकी जिम्मेदारी हमारे ऊपर नहीं डाली जा सकती है।

-लोकसभा में भाजपा के एक सदस्य ने झारखंड में ‘मिशनरीज ऑफ चैरिटी’ से जुड़ी एक संस्था से कथित तौर पर बच्चों को बेचे जाने का मुद्दा उठाया और सरकार से इस पूरे मामले की सीबीआई जांच कराने मांग की। भाजपा के निशिकांत दुबे ने शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाया और आरोप लगाया कि सेवा के नाम पर धर्मांतरण कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ‘मिशनरीज और चैरिटी’ से जुड़ा मामला बहुत गंभीर है और सरकार को इसकी सीबीआई जांच करानी चाहिए।

-लोकसभा में सदस्यों ने केरल समेत देश के कुछ अन्य तटीय क्षेत्रों में भारी बारिश से हुए नुकसान का मुद्दा उठाया। सरकार ने सदस्यों को अश्वस्त किया कि इस बारे में राज्यों से ज्ञापन मिलने के बाद प्रभावित इलाकों में केंद्रीय दल भेजा जायेगा। सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि केरल एवं कुछ अन्य तटीय राज्यों में काफी क्षति हुई है। सरकार को जवाब देना चाहिए कि इस पर क्या कदम उठाए गए हैं।

इस पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि जब कोई प्राकृतिक आपदा आती है तो वह संबंधित राज्य के मुख्यमंत्री से बात करते हैं और वहां जरूरी मदद मुहैया कराई जाती है। उन्होंने कहा कि इस बार भी एनडीआरएफ और दूसरी मदद दी गई है।

-गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने अनुसूचित जाति और जनजाति के व्यक्तियों के प्रति बढ़ते अपराधों पर राज्यसभा में आज व्यक्त की गयी चिंता के जवाब में कहा कि कोई भी व्यक्ति या संस्था इन समुदायों के संरक्षण संबंधी कानूनी प्रावधानों में कटौती नहीं कर सकता है। सिंह ने उच्च सदन में प्रश्नकाल के दौरान इस बारे में पूछे गये एक पूरक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘अनुसूचित जाति और जनजाति के व्यक्तियों को संविधान में प्रदत्त संरक्षण को कोई व्यक्ति अथवा संस्था नहीं छीन सकती है।’’ 

-केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि मौसम के पूर्वानुमान के संदर्भ में अलर्ट जारी होने पर राज्य सरकारें तत्काल कदम उठाएं और जनता को सूचित करें। लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान मोहम्मद सलीम और रमेश विधूड़ी के पूरक प्रश्नों के उत्तर में हर्षवर्धन ने कहा कि मौसम के पूर्वानुमान के बारे में केंद्रीय एजेंसियों की ओर से अलर्ट जारी होने पर राज्य सरकारों को तत्काल कदम उठाना चाहिए और जनता को सूचित करना चाहिए। मंत्री ने कहा कि अलर्ट पर कई राज्य तत्काल कदम उठाते हैं जिसका लोगों को लाभ मिलता है।

-केंद्र ने आज कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश से हिंदू परिवारों के पलायन के बारे में किसी मामले की सूचना नहीं है। गृह राज्य मंत्री हंसराज गंगाराम अहीर ने राज्यसभा में कहा, 'उत्तर प्रदेश सरकार से इस संबंध में एक रिपोर्ट मिली है। रिपोर्ट के अनुसार, देवबंद, सहारनपुर के बनहेरा खास गांव में हिंदू परिवारों के पलायन से संबंधित कोई मामला सूचित नहीं किया गया है।’’ उन्होंने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी।

-लोकसभा ने नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2017 को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी जिसमें आठवीं कक्षा तक फेल नहीं करने की नीति में संशोधन करने की बात कही गई है। हालांकि बच्चों को कक्षा में रोकने या नहीं रोकने का अधिकार राज्यों को दिया गया है। विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, 'यह महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक विधेयक है और इससे स्कूलों, खासकर सरकारी विद्यालयों में शिक्षा का स्तर सुधरेगा।’’ उन्होंने कहा कि इस पहल से परीक्षा के साथ जवाबदेही आयेगी, शिक्षा और सीखने को बढ़ावा मिलेगा, पढ़ने और पढ़ाने को प्रोत्साहन मिलेगा और अंतत: ‘सबको शिक्षा, अच्छी शिक्षा’ सुनिश्चित हो सकेगी। मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि नये संशोधन विधेयक में कक्षा में अनुत्तीर्ण होने की स्थिति में बच्चों को कक्षा में रोकने या नहीं रोकने का अधिकार राज्यों को दिया गया है।

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