मॉनसून की वापसी शुरू, आठ राज्यों में कम बारिश की सूचना

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दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून ने मंगलवार को दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान के कुछ हिस्सों और गुजरात के कच्छ से पीछे हटना शुरू कर दिया। इस बार धान की फसल वाले राज्यों उत्तर प्रदेश और बिहार सहित कम से कम आठ राज्यों में कम बारिश हुई। वर्ष 2016 के बाद पहली बार ऐसा हुआ है कि सितंबर के तीसरे सप्ताह में मॉनसून की वापसी शुरू हो गई है।

दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून ने मंगलवार को दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान के कुछ हिस्सों और गुजरात के कच्छ से पीछे हटना शुरू कर दिया। इस बार धान की फसल वाले राज्यों उत्तर प्रदेश और बिहार सहित कम से कम आठ राज्यों में कम बारिश हुई। वर्ष 2016 के बाद पहली बार ऐसा हुआ है कि सितंबर के तीसरे सप्ताह में मॉनसून की वापसी शुरू हो गई है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने ट्वीट किया, दक्षिण पश्चिमी राजस्थान और उससे सटे कच्छ के हिस्सों से दक्षिण पश्चिमी मॉनसून आज वापस हो गया। दक्षिण पश्चिमी राजस्थान से मॉनसून की वापसी की सामान्य तिथि 17 सितंबर है।

मौसम कार्यालय ने कहा कि मॉनसून की वापसी की स्थितियां - पांच दिन तक बारिश नहीं होना, क्षेत्र में प्रति चक्रवात का बनना और शुष्क मौसम की स्थिति पूरी तरह देखी गई। इसने कहा कि दक्षिण पश्चिमी मॉनसून की वापसी की रेखा खाजूवाला, बीकानेर, जोधपुर और नलिया से होकर गुजरती है। मौसम कार्यालय के अनुसार, भारत में इस बार सात प्रतिशत अधिक बारिश हुई, लेकिन आठ राज्यों - उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, दिल्ली, पंजाब, त्रिपुरा, मिजोरम और मणिपुर में कम बारिश दर्ज की गई। दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून एक जून से शुरू होता है और 30 सितंबर तक जारी रहता है।

भारत में एक जून से 20 सितंबर के बीच 878.5 मिमी बारिश हुई, जो समीक्षाधीन अवधि के लिए 822 मिमी की सामान्य वर्षा से सात प्रतिशत अधिक है। उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश में कम बारिश से राज्यों में धान की बुवाई प्रभावित हुई है। 16 सितंबर तक खरीफ सीजन के दौरान धान की बुवाई का रकबा पिछले वर्ष की तुलना में 18.90 लाख हेक्टेयर कम था। कृषि मंत्रालय के अनुसार, 16 सितंबर तक धान की बुवाई का रकबा 399.03 लाख हेक्टेयर था, जो पिछले साल 417.93 लाख हेक्टेयर था।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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