2013 के मुकाबले 2019 के कुंभ में दोगुनी संख्या में लोग आएः योगी आदित्यनाथ
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 2013 के महाकुंभ में मॉरीशस के प्रधानमंत्री बहुत श्रद्धाभाव के साथ आए थे कि वह संगम में स्नान करेंगे।
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुंभ 2019 की तुलना 2013 के महाकुंभ से करते हुए मंगलवार को कहा कि 2013 के कुंभ में 12 करोड़ लोगों ने स्नान किया था, लेकिन 2019 के कुंभ में 24 करोड़ से अधिक लोगों ने स्नान किया। वर्ष 2013 में प्रयाग महाकुंभ का आयोजन अखिलेश यादव की अगुवाई वाली समाजवादी पार्टी सरकार ने किया था और तत्कालीन नगर विकास मंत्री आजम खान ने उस महाकुंभ मेले को संपन्न कराया था।
यहां संवाददाताओं से बातचीत में योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 2013 के महाकुंभ में मॉरीशस के प्रधानमंत्री बहुत श्रद्धाभाव के साथ आए थे कि वह संगम में स्नान करेंगे। लेकिन उन्होंने गंदगी, बदबू, अव्यवस्था देखी और दूर से ही नमस्कार करके यह कहते हुए चले गए कि क्या यही गंगा है, क्या यही प्रयागराज है? मुख्यमंत्री ने कहा, "2019 में वाराणसी में प्रवासी भारतीय दिवस में मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ भी आए थे और 24 जनवरी को 400 प्रतिनिधियों के साथ वह स्वयं प्रयागराज पधारे। उन्होंने गंगा की निर्मलता, अविरलता और व्यवस्था देखी और पवित्र संगम में स्नान भी किया।"
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उन्होंने कहा कि 1954 में प्रयाग कुंभ में मौनी अमावस्या पर 40 लाख श्रद्धालु संगम तट पर आए थे। उस समय भीषण भगदड़ मची थी और सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 800 से अधिक श्रद्धालुओं की मृत्यु हुई थी। योगी ने कहा कि इसी तरह, 2013 के महाकुंभ में भगदड़ मचने से तीन दर्जन से अधिक श्रद्धालुओं की मौत हुई थी और कई लोग घायल हुए थे। यह पहला कुंभ है जिसमें श्रद्धालुओं के आगमन की दृष्टि से रिकार्ड बना है और हम कह सकते हैं कि यह कुंभ निर्विघ्नता के साथ संपन्न हुआ और इसने स्वच्छता और सुरक्षा के नए मानक स्थापित किए।
योगी आदित्यनाथ ने अक्षयवट और सरस्वती कूप के बारे में कहा, "सुरक्षा और मरम्मत के लिए एक महीने को छोड़कर शेष 11 महीने इसे आम लोगों के दर्शनार्थ उपलब्ध कराने की व्यवस्था हम कर रहे हैं। इसकी सैद्धांतिक स्वीकृति हमें प्राप्त हो चुकी है। प्रतिदिन एक लाख से अधिक लोगों ने अक्षयवट का दर्शन किया।" मुख्यमंत्री ने कुंभ 2019 की खास बातों का जिक्र करते हुए कहा कि देश के प्रधानमंत्री द्वारा कुंभ मेले की शुरूआत गंगा पूजन से की गई। प्रधानमंत्री दो बार यहां आए। यह पहला कुंभ है जिसमें भारत के हर संवैधानिक पद पर बैठा हर महानुभाव इस कुंभ में पधारा।
उन्होंने कहा, "भारत के राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, देश के प्रधान न्यायाधीश, केंद्रीय मंत्री, राज्यों के राज्यपाल, मुख्यमंत्रीगण और उच्च न्यायालय के 1500 से अधिक न्यायाधीश भी इस पूरे आयोजन में सहभागी बने।" इससे पूर्व, मुख्यमंत्री ने सेक्टर एक स्थित गंगा पंडाल में कुंभ मेला, 2019 समापन समारोह में कुंभ मेले के सफल आयोजन के लिए मेलाधिकारी विजय किरण आनंद, मेला डीआईजी केपी सिंह, आयुक्त आशीष गोयल, एडीजी एसएन साबत, आईजी मोहित अग्रवाल, तत्कालीन जिलाधिकारी सुहास एलवाई, एडीए उपाध्यक्ष बीसी गोस्वामी सहित अन्य अधिकारियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय, डीजीपी ओपी सिंह, प्रमुख सचिव पर्यटन अवनीश अवस्थी, डीआरएम अमिताभ आदि को भी सम्मानित किया। योगी आदित्यनाथ ने मेला की कोर टीम (मेला प्रशासन, मेला प्राधिकरण, मेला पुलिस प्रशासन) को प्रदेश सरकार की ओर से एक महीने का वेतन बोनस के रूप प्रदान करने की घोषणा की। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के साथ ही राज्यपाल राम नाईक, उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना, स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह, पर्यटन मंत्री रीता बहुगुणा जोशी, नागरिक उड्डयन मंत्री नंद गोपाल गुप्ता भी मौजूद थे।
UP CM Yogi Adityanath: More than 3200 NRIs took part in Kumbh, and for the first time Ambassadors of 70 countries came to attend the #Kumbh2019, which is an achievement in itself. pic.twitter.com/AplVuzBN79
— ANI UP (@ANINewsUP) March 5, 2019
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