एक से ज्यादा उम्रकैद की सजा एक साथ चलेंगीः सुप्रीम कोर्ट

[email protected] । Jul 19 2016 2:05PM

उच्चतम न्यायालय ने आज व्यवस्था दी है कि अगर किसी को एक से ज्यादा बार आजीवन कारावास की सजा दी जाती है तो उसकी यह सजा एक साथ ही चलेंगी अलग अलग नहीं।

उच्चतम न्यायालय ने आज व्यवस्था दी है कि अगर किसी मुजरिम को एक या उससे अधिक अपराधों में एक से ज्यादा बार आजीवन कारावास की सजा दी जाती है तो उसकी यह सजा एक साथ ही चलेंगी अलग अलग नहीं। प्रधान न्यायाधीश टीएस ठाकुर की अध्यक्षता में पांच न्यायाधीशों की संवैधानिक पीठ ने कानून से जुड़े कई सवालों पर यह फैसला दिया है। इसमें एक सवाल यह भी था कि क्या दोषी को एक या उससे अधिक मामलों में एक से ज्यादा बार उम्रकैद की सजा दी जा सकती है।

पीठ में न्यायमूर्ति एफएमआई कलीफुल्ला, एके सीकरी, एसए बोबडे और आर भानुमति भी शामिल हैं। पीठ ने कहा कि निचली और उच्च अदालतें किसी मामले के दोषी को उम्रकैद के साथ-साथ निश्चित अवधि की सजा भी सुना सकती हैं। इसमें दोषी से पहले निश्चित अवधि की सजा और फिर उम्रकैद की सजा काटने को कहा जा सकता है। यह फैसला कुछ याचिकाओं के आधार पर आया है। इन्हीं में से एक मामला ए मुथुरामालिंगम का था, जिसमें उन्होंने एक मामले में दी गई सजा के बारे में पूछा था कि ये सजाएं साथ-साथ भुगती जा सकती हैं या इन्हें एक के बाद एक भुगतना होगा।

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