गोवा में 67 फीसदी लोग बदलाव चाहते थे : चिदंबरम

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कांग्रेस नेता ने कहा कि गोवा में 67 फीसदी लोग बदलाव चाहते थे और उन्होंने भाजपा के खिलाफ मतदान किया। लेकिन चूंकि उन्होंने अलग अलग दलों के पक्ष में मतदान किया, इसके परिणामस्वरूप राज्य में कोई बदलाव नहीं हुआ।

पणजी| कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने सोमवार को कहा कि जो लोग गोवा में बदलाव देखना चाहते थे उन्होंने हालिया संपन्न विधानसभा चुनावों में विभिन्न दलों के पक्ष में मतदान किया,जिसके कारण वोट बंट गए और प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा का शासन बरकरार रहा।

चिदंबरम गोवा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नए अध्यक्ष के रूप में अमित पालकर और विधायक दल के नेता माइकल लोबो के लिये पणजी में आयोजित एक समारोह को संबोधित कर रहे थे।

कांग्रेस नेता ने कहा कि गोवा में 67 फीसदी लोग बदलाव चाहते थे और उन्होंने भाजपा के खिलाफ मतदान किया। लेकिन चूंकि उन्होंने अलग अलग दलों के पक्ष में मतदान किया, इसके परिणामस्वरूप राज्य में कोई बदलाव नहीं हुआ।

उनहोंने कहा कि नयी सरकार का चरित्र समान है, चेहरे समान हैं और कई मामलों में मंत्रियों को वही विभाग मिले हैं (जो पहले थे)। उन्होंने कहा कि क्या यह वही सरकार है जो गोवा में ‘‘परिवर्तन, विकास और नौकरियां’ लेकर आयेगी। कांग्रेस के गोवा चुनाव प्रभारी ने कहा, ‘‘क्या होगा, मुझे डर है, पिछले 10 वर्षों में (भाजपा शासन के तहत) जो हुआ है, यह उसकी पुनरावृत्ति है। कांग्रेस जनादेश को स्वीकार करती है। हालांकि परिणामों से निराशा है। हम भाजपा से छह सीट बेहद कम अंतर से हारे हैं।’’

उन्होंने कहा कि इन छह सीटों का कुल अंतर 3,000 है, जिसका प्रभावी अर्थ यह हुआ कि तीन हजार मतदाताओं ने यह फैसला किया कि अगली सरकार कौन बनाएगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को कोई शिकायत नहीं है क्योंकि यह देश का कानून है, जिसे स्वीकार करना होगा।

उन्होंने कहा कि गोवा प्रदेश कांग्रेस में नई नियुक्तियां, एक नई पीढ़ी को जिम्मेदारी सौंपने का संकेत देती हैं, जो सही काम है, क्योंकि लगभग 60 प्रतिशत भारत 40 वर्ष से कम आयु के लोगों का है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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