सांसद राजीव प्रताप रूडी ने भोजपुरी में शपथ नहीं ले पाने पर अफसोस जताया
लोकसभा में सोमवार को उस समय भाषाई विविधता की झलक देखने को मिली, जब अनेक नवनिर्वाचित सांसदों ने हिंदी के साथ-साथ संस्कृत, डोगरी, बांग्ला, असमिया, तेलुगू, मलयालम, उड़िया तथा कुछ अन्य भारतीय भाषाओं में शपथ ली।
नयी दिल्ली। बिहार के सारण से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद राजीव प्रताप रूडी ने सोमवार को लोकसभा में शपथ लेने से पहले इस बात पर अफसोस जताया कि नियमों के चलते वह भोजपुरी में शपथ नहीं ले सकते। लोकसभा में सोमवार को उस समय भाषाई विविधता की झलक देखने को मिली, जब अनेक नवनिर्वाचित सांसदों ने हिंदी के साथ-साथ संस्कृत, डोगरी, बांग्ला, असमिया, तेलुगू, मलयालम, उड़िया तथा कुछ अन्य भारतीय भाषाओं में शपथ ली।
सांसद अंग्रेजी या संविधान की आठवीं अनुसूची में सूचीबद्ध 22 भाषाओं में से किसी में भी शपथ ले सकते हैं। भोजपुरी संविधान की आठवीं अनुसूची में सूचीबद्ध नहीं है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की उम्मीदवार और पार्टी प्रमुख लालू प्रसाद की बेटी रोहिणी आचार्य को हराने वाले रूडी ने कहा कि सांसदों को अपनी मातृमें शपथ लेते हुए देखना अच्छा लगा। उस समय आसन से कार्यवाही का संचालन बिहार के पूर्वी चंपारण से भाजपा सांसद राधामोहन सिंह कर रहे थे।
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रूडी ने पीठासीन सभापति को भोजपुरी में संबोधित करते हुए कहा, ‘‘सब लोग अपन अपन में ले ता केतना अच्छा लागता, हमनी भोजपुरी में लेती तो और निम्मन लागत नू, भोजपुरी नहीखे त....। (सब अपनी-अपनी में शपथ ले रहे हैं और यह बहुत अच्छा लग रहा है... अगर हम भोजपुरी में शपथ लेते तो और भी अच्छा होता, लेकिन भोजपुरी सूची में नहीं है)।’’ इसके बाद रूडी ने हिंदी में शपथ ग्रहण की।
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