असंसदीय शब्दों की सूची को लेकर बरसी कमल हासन की पार्टी, बोली- मिस्टर हिटलर यह जर्मनी नहीं है !
मक्कल निधि मय्यम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर के माध्यम से अपना बयान जारी किया। पार्टी ने ट्वीट में लिखा कि मिस्टर हिटलर यह जर्मनी नहीं है! क्या आप राजशाही वापस ला रहे हैं? पार्टी ने कहा कि यह लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कुचलने का एक विशिष्ट कार्य है।
नयी दिल्ली। अभिनेता कमल हासन की पार्टी मक्कल निधि मय्यम ने गुरुवार को असंसदीय शब्दों की नई सूची की निंदा की और कहा कि यह लोकतंत्र का गला घोंटने जैसा है। दरअसल, मक्कल निधि मय्यम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर के माध्यम से अपना बयान जारी किया। पार्टी ने ट्वीट में लिखा कि मिस्टर हिटलर यह जर्मनी नहीं है! क्या आप राजशाही वापस ला रहे हैं?
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लोकसभा सचिवालय ने ‘असंसदीय शब्द 2021’ शीर्षक के तहत ऐसे शब्दों एवं वाक्यों का नया संकलन तैयार किया है जिसमें जुमलाजीवी, बाल बुद्धि सांसद, शकुनी, जयचंद, लॉलीपॉप, चाण्डाल चौकड़ी, गुल खिलाए, तानाशाह, भ्रष्ट, ड्रामा, अक्षम, पिठ्ठू जैसे शब्द शामिल हैं। हालांकि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने एक संवाददाता सम्मेलन में स्पष्ट किया कि किसी शब्द पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। सदस्य अपने विचार व्यक्त करने के लिए स्वतंत्र हैं, कोई भी उस अधिकार को नहीं छीन सकता है, लेकिन यह संसद की मर्यादा के अनुसार होना चाहिए।
सरकार पर खूब बरसी कमल हासन की पार्टी
मक्कल निधि मय्यम ने कहा कि यह लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कुचलने का एक विशिष्ट कार्य है। किसी भी विसंगति को इंगित करना लोकतंत्र का विशेषाधिकार है और यदि इसकी अनुमति नहीं है तो यह हमारे संविधान का सीधा उपहास है। यदि माननीय प्रधानमंत्री और मंत्री आलोचना या राय के लिए खुले नहीं हैं, तो क्या इसका मतलब यह है कि हम राजशाही में वापस जा रहे हैं जहां राजा और उनके मंत्रियों की केवल प्रशंसा की जाएगी ?
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पार्टी ने कहा कि एक प्रधानमंत्री के लिए जो थिरुवल्लुवर को गहराई से उद्धृत करता है, उन्हें थिरुक्कुरल को पढ़ना चाहिए जो कहता है कि यदि किसी राजा के पास इंगित करने के लिए कोई नहीं है, तो वह बर्बाद हो जाएगा, भले ही उसे नष्ट करने वाला कोई नहीं है। हमारे माननीय प्रधानमंत्री को समझना चाहिए कि यह जर्मनी नहीं है!
Mr. Hitler this is not Germany!
— Makkal Needhi Maiam | மக்கள் நீதி மய்யம் (@maiamofficial) July 14, 2022
Are you bringing back Monarchy?
(14/07/2022) pic.twitter.com/uOVuZGRYoB
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