मुफ्ती का प्रयोग नाकाम रहा, घाटी में अलोकप्रिय हो चुकी है PDP: सोज
सैफुद्दीन सोज अपनी किताब ‘''कश्मीर: ग्लिम्पसेज ऑफ हिस्ट्री एंड द स्टोरी ऑफ स्ट्रगल''’ को लेकर विवादों में हैं। जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष सोज नेशनल कांफ्रेंस में भी रह चुके हैं।
नयी दिल्ली। सैफुद्दीन सोज अपनी किताब ‘'कश्मीर: ग्लिम्पसेज ऑफ हिस्ट्री एंड द स्टोरी ऑफ स्ट्रगल'’ को लेकर विवादों में हैं। जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष सोज नेशनल कांफ्रेंस में भी रह चुके हैं। वह संप्रग सरकार में मंत्री भी थे। कश्मीर में भाजपा-पीडपी गठबंधन टूटने और घाटी के मौजूदा हालात पर सोज ने कहा कि शुरू से ही यह गठबंधन सही नहीं था। यह उत्तरी ध्रुव और दक्षिणी ध्रुव का मेल था। मुफ्ती मोहम्मद सईद ने एक प्रयोग किया जो कल भी नाकाम था और आज भी नाकाम है। उन्होंने कहा "भाजपा को 2019 के लोकसभा चुनाव में मुद्दा बनाना है और इसलिए वे अलग हुए हैं। आप देखेंगे कि वे लोग चुनाव के समय कहेंगे कि हमने देश के लिए यह गठबंधन तोड़ा। सच्चाई यह है कि इन्होंने देश के लिए यह फैसला नहीं किया है, बल्कि अपनी साख बचाने के लिए किया है। अब वो जम्मू में सांप्रदायिकता को हवा देंगे।"
सोज ने कहा कि पीडीपी ने गठबंधन करके बहुत गलत किया था। वे नाकाम रहे हैं। पीडीपी से लोग बहुत नाराज हैं। मुझे नहीं पता कि आगे क्या होगा। लेकिन इस वक्त वह पार्टी बहुत अलोकप्रिय हो चुकी है। उन्हेंने आगे कहा "जब तक भारत सरकार की नीति नहीं बदलती है तब तक कुछ नहीं होने वाला है। राज्य सरकार के पास करने के लिए कुछ नहीं है। इस वक्त केंद्र सरकार की नीति गलत है। अब वह ज्यादा फौजी भेजेगी, ज्यादा सीआपीएफ आएगी। बलप्रयोग करने की नीति में अपनाई जाएगी। इस नीति से लोग मर सकते हैं लेकिन कोई हल नहीं निकलेगा, कोई रास्ता नहीं निकलेगा।"
जम्मू-कश्मीर में नए राज्यपाल को नियुक्ति के लेकर सोज ने कहा कि एन एन वोहरा को कश्मीर की पहचान है। वो गलत काम नहीं करेंगे और जब तक वह रहेंगे, कश्मीर में अच्छी सरकार ही देंगे। वह सूझबूझ वाले इंसान है। मुझे नहीं पता कि भारत सरकार उनको कब तक इस पद पर रखेगी।
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