मुकुल राय ने तृणमूल कांग्रेस छोड़ी, ममता पर निशाना साधा

Mukul Roy quits TMC Rajya Sabha likely to join BJP

भाजपा के कुछ नेताओं ने मुकुल की संगठनात्मक कौशल की तारीफ की तो कुछ नेताओं ने उनके खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर चिंता प्रकट की।

नयी दिल्ली, कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) से निलंबित नेता मुकुल रॉय ने पार्टी और अपनी राज्य सभा सीट छोड़ दी जिसके बाद उनके भाजपा में शामिल होने की संभावना को लेकर अटकलें तेज हो गयी हैं। कभी ममता के साथ मिलकर तृणमूल कांग्रेस की बुनियाद रखने वाले मुकुल ने पार्टी छोड़ने के बाद अपनी पूर्व नेता पर जमकर निशाना साधा और उनको वंशवाद को आगे बढाने वाला करार दिया। बीते 25 सितंबर को मुकुल ने एलान किया था कि दुर्गा पूजा के बाद वह पार्टी छोड़ देंगे जिसके बाद उनको ‘पार्टी विरोधी गतिविधियों’ को लेकर छह साल के लिए निलंबित कर दिया था। मुकुल ने यह भी कहा कि उन्होंने भाजपा को कभी भी सांप्रदायिक पार्टी नहीं माना। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि पार्टी में हर कोई कामरेड होता है और कोई नौकर नहीं होता है।

एक व्यक्ति वाले हर राजनीतिक दल में इस तरह की समस्या है। एक व्यक्ति केंद्रित राजनीति देश में हर राजनीतिक दल के लिए खराब है।’’ वह राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू को इस्तीफा सौंपने के बाद बोल रहे थे।ममता का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि पार्टी छोड़ने की एक वजह वंशवाद की राजनीति है। उन्होंने कहा, ‘‘वंशवादी शासन जैसे मुद्दों को उठाने के लिए तृणमूल कांग्रेस में कोई माहौल नहीं है।’’ तृणमूल कांग्रेस ने मुकुल के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वह खुद को सीबीआई से बचाने के लिए भाजपा के एजेंट के तौर पर काम रहे हैं। पार्टी नेता पार्थ चटर्जी ने कोलकाता में कहा, ‘‘वह इस तरह के निराधार आरोप अब क्यों लगा रहे हैं? अगर वह पार्टी के फैसलों के इतने खिलाफ थे तो वह बहुत पहले अलग हो जाते।

 

उनको किसने रोका था? सच्चाई यह है कि वह भाजपा को खुश करने के लिए आरोप लगा रहे हैं ताकि वह उनको शामिल कर ले।’’ भाजपा में जाने के कयासों के बीच मुकुल ने कहा कि 1998 में जब तृणमूल कांग्रेस का पश्चिम बंगाल में भगवा पार्टी से सीटों को लेकर तालमेल था तब उसके नेतृत्व ने कहा था कि भाजपा सांप्रदायिक नहीं है। उधर, मुकुल को पार्टी में लेने को लेकर को भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई में दो फाड़ नजर आ रही है। भाजपा के कुछ नेताओं ने मुकुल की संगठनात्मक कौशल की तारीफ की तो कुछ नेताओं ने उनके खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर चिंता प्रकट की।

 

राज्य भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष ने मुकुल की तारीफ की और कहा कि उन्होंने पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की प्रगति में बड़ा योगदान दिया। घोष ने कहा, ‘‘फिलहाल कुछ फैसला नहीं हुआ है क्योंकि हमने इस बारे में अभी विचार नहीं किया। परंतु तृणमूल से उनका अलग होना हमारे लिए अच्छी खबर है।’’ दूसरी तरफ, राज्य भाजपा के एक अन्य वरिष्ठ नेता ने नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर कहा, ‘‘मुकुल रॉय को शामिल करने से पार्टी की छवि को नुकसान होगा। उन पर भ्रष्टाचार के कई मामले हैं।’’ मुकुल रॉय 20 साल तक तृणमूल कांग्रेस में रहे और उन्होंने ममता बनर्जी के साथ मिलकर पार्टी को खड़ा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कभी ममता के दाहिने हाथ कहे जाने वाले मुकुल अपनी संगठन क्षमता के लिए जाने जाते थे। मुकुल रेल मंत्री भी रहे। इसके अलावा उन्होंने केंद्र में पोत परिवहन राज्य मंत्री की जिम्मेदारी भी संभाली थी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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