मुंबई में सिलसिलेवार बम धमाकों के दोषी मुस्तफा दोसा की मौत
मुंबई विस्फोटों के दोषी मुस्तफा दोसा की आज मुंबई के जे.जे. अस्पताल में मौत हो गयी। दोसा को मंगलवार देर रात सीने में दर्द की शिकायत के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
मुंबई। मुंबई में वर्ष 1993 में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के दोषी मुस्तफा दोसा की आज यहां जेजे अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। कुछ घंटों पहले ही उसे सीने में दर्द की शिकायत के बाद अस्पताल लाया गया था। अस्पताल के डीन टीपी लहाने ने बताया कि दिल का दौरा पड़ने से दोपहर ढाई बजे दोसा की मौत हो गई। सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले के दूसरे चरण में 60 वर्षीय दोसा को पांच अन्य आरोपियों के साथ दोषी करार दिया गया था। उसे आज तड़के तीन बजे अस्पताल के जेल वार्ड में भर्ती करवाया गया था। वह डॉन दाउद इब्राहिम का करीबी सहयोगी था।
धमाकों के दोषियों के लिए सजा की अवधि पर बहस के दौरान सीबीआई ने दोसा के लिए मौत की सजा मांगी थी और कहा था कि फांसी पर चढ़ाए गए दोषी याकूब मेमन के मुकाबले धमाकों में उसकी भूमिका और ज्यादा गंभीर थी। सीबीआई ने कहा कि साजिश के पीछे जिन लोगों का दिमाग था उनमें से एक दोसा था। अपराध के पीछे उसका सबसे बड़ा हाथ था। लहाने ने बताया कि दोसा को सीने में दर्द, अनियंत्रित उच्च रक्तचाप, मधुमेह और संक्रमण की शिकायत के बाद भर्ती करवाया गया था। अदालत ने 16 जून को दोसा और प्रत्यर्पित करके लाए गए गैंगस्टर अबू सलेम समेत पांच आरोपियों को दोषी ठहराया था। इन्हें हत्या, साजिश और अब खत्म कर दिए गए टाडा कानून की धाराओं के तहत दोषी ठहराया गया था। जबकि छठे आरोपी रियाज सिद्दकी को केवल टाडा के तहत दोषी बताया गया था। 12 मार्च 1993 को हुए सिलसिलेवार विस्फोटों में 257 लोगों की मौत हो गई थी।
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