बेटियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने पर नाराज हुए मुनव्वर राना, शाह की रैली पर उठाये सवाल

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[email protected] । Jan 21 2020 7:46PM

राना ने कहा कि उन्होंने अपनी बेटियों से कहा है कि मुकदमे से डरने की कोई जरूरत नहीं है। कबीले में हमारे चाहे नींद हो या मौत, वह मकतल (वध स्थान) में आती है, कबीले में हमारे कोई आंगन में नहीं मरता।

लखनऊ। शायर मुनव्वर राना ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) के खिलाफ प्रदर्शन कर निषेधाज्ञा के उल्लंघन के आरोप में अपनी बेटियों पर मुकदमा दर्ज किये जाने की कड़ी आलोचना करते हुए इस सिलसिले में मंगलवार को गृहमंत्री अमित शाह की लखनऊ में हुई रैली पर सवाल उठाये हैं। राना ने कहा है कि पुलिस ने उनकी बेटियों सुमैया और फौजिया पर धारा 144 के तहत लागू निषेधाज्ञा तोड़ने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया। मगर वह ये भी बताए कि इसी निषेधाज्ञा की धज्जियां उड़ाकर आज लखनऊ में रैली करने वाले गृह मंत्री अमित शाह पर कब मुकदमा होगा।

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उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान अगर राम, नानक और चिश्ती का मुल्क है तो शाह के खिलाफ भी मुकदमा होना चाहिये। तब हम समझेंगे कि हमारी सरकार और पुलिस इंसाफ कर रही है। राना ने कहा कि अगर सरकार की नजर में शाह का रैली करना जायज है तो जाहिर है कि पुलिस की कार्रवाई सीएए और एनआरसी का विरोध कर रही उनकी बेटियों और तमाम मुल्जिम महिलाओं तथा लड़कियों के साथ नाइंसाफी है। उन्होंने कहा कि यह तो वही हुआ कि जब किसी शहर में कोई  शाह  आता है तो फकीरों के बेटे—बेटियां बंद कर दिये जाते हैं।

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राना ने कहा कि उन्होंने अपनी बेटियों से कहा है कि मुकदमे से डरने की कोई जरूरत नहीं है। कबीले में हमारे चाहे नींद हो या मौत, वह मकतल (वध स्थान) में आती है, कबीले में हमारे कोई आंगन में नहीं मरता।  मालूम हो कि गृह मंत्री अमित शाह ने सीएए के समर्थन में मंगलवार को लखनऊ में एक रैली को सम्बोधित किया था। इसके पूर्व, सोमवार को राना की बेटियों सुमैया और फौजिया समेत करीब 160 महिलाओं और लड़कियों पर सीएए के खिलाफ घंटाघर पर प्रदर्शन करके निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने का मुकदमा दर्ज किया गया था। धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा के अन्तर्गत एक स्थान पर तीन से ज्यादा लोगों के एकत्र होने पर पाबंदी होती है।

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