तीन तलाक कानून की वर्षगांठ से पहले मुस्लिम महिलाओं ने प्रधानमंत्री को कहा धन्यवाद

तीन तलाक कानून

‘मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक’ पिछले साल जुलाई में संसद के दोनों सदनों से पारित हुआ था। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस विधेयक को एक अगस्त, 2019 को मंजूरी दी थी और इसी के साथ यह कानून अमल में आ गया था।

नयी दिल्ली। तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) को प्रतिबंधित करने के लिए कानून बनाए जाने के एक साल होने से कुछ दिन पहले, केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बुधवार को सोशल मीडिया में मुस्लिम महिलाओं के वीडियो शेयर किये जिसमें उन्होंने इस कानून के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद कहा है। उल्लेखनीय है कि ‘मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक’ पिछले साल जुलाई में संसद के दोनों सदनों से पारित हुआ था। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस विधेयक को एक अगस्त, 2019 को मंजूरी दी थी और इसी के साथ यह कानून अमल में आ गया था। सोशल मीडिया में कई मुस्लिम महिलाओं ने ‘थैंक्स मोदी भाईजान’ हैशटैग से वीडियो शेयर कर इस कानून के लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद कहा। नकवी ने बुधवार को अपने ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम पर मुस्लिम महिलाओं के वीडियो शेयर किए। ऐसे ही एक वीडियो में हैदराबाद की सहाबिया ने कहा, ‘‘तीन तलाक मुस्लिम महिलाओं के लिए एक बहुत बड़ी समस्या थी। कानून बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का शुक्रिया। दिल्ली के लक्ष्मी नगर की शबाना रहमान ने कहा, तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) जैसी कुरीति-कुप्रथा, अपराध को कानूनन जुर्म बनाने के लिए प्रधानमंत्री जी का शुक्रिया। मुस्लिम महिलाएं इस कानून से अपने आप को बहुत सुरक्षित महसूस करती हैं। दिल्ली की ही निवासी तबस्सुम के मुताबिक, मुस्लिम महिलाओं पर हमेशा तीन तलाक की तलवार लटकी रहती थी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने तीन तलाक की कुप्रथा के खिलाफ विधेयक लाकर मुस्लिम महिलाओं को इज्जत की जिंदगी का हक सुनिश्चित किया है। 

इसे भी पढ़ें: कानून बनने के बाद तीन तलाक की घटनाओं में 82 फीसदी आई कमी: मुख्तार अब्बास नकवी

हाल ही में अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा था कि ‘मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण कानून’ बनने के बाद से देश में तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) की घटनाओं में 82 फीसदी से ज्यादा की कमी आई है। उन्होंने यह भी कहा था कि एक अगस्त की तारीख इतिहास में ‘मुस्लिम महिला अधिकार दिवस’ के रूप में दर्ज हो चुकी है। गौरतलब है कि भाजपा तीन तलाक विरोधी कानून की पहली वर्षगांठ को “मुस्लिम महिला अधिकार दिवस” के तौर पर मना रही है। मुख्य कार्यक्रम का आयोजन 31 जुलाई को भाजपा के केंद्रीय मुख्यालय में किया जाएगा जहां केंद्रीय कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद,महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी और नकवी डिजिटल कांफ्रेंस के जरिये देश के अलग अलग स्थानों से मुस्लिम महिलाओं को सम्बोधित करेंगे। भाजपा के विभिन्न राज्यों के अल्पसंख्यक मोर्चा एवं महिला मोर्चा द्वारा भी देश भर में डिजिटल तरीके से विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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