मुजफ्फरपुर यौन उत्पीडन मामला: आरोप सिद्ध होने पर इस्तीफा देंगे दोनों मंत्री

Muzaffarpur sexual harassment case: Both ministers will resign if charges are proved
[email protected] । Jul 27 2018 9:23AM

मुजफ्फरपुर जिले के एक बालिका गृह में 29 लडकियों के यौन उत्पीडन मामले में लग रहे आरोपों को दोनों मंत्रियों ने आधारहीन बताते हुये खारिज कर दिया।

पटना। मुजफ्फरपुर जिले के एक बालिका गृह में 29 लडकियों के यौन उत्पीडन मामले में लग रहे आरोपों को दोनों मंत्रियों ने आधारहीन बताते हुये खारिज कर दिया। समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा और नगर विकास एवं आवास मंत्री सुरेश कुमार शर्मा ने आज कहा कि यदि आरोप सिद्ध हुए तो वे मंत्रीपद से इस्तीफा दे देंगे। बिहार सरकार ने इस मामले की सीबीआई जांच का फैसला लिया है। 

समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर पत्रकार वार्ता में अपने पति चंद्रशेखर वर्मा पर मुजफ्फरपुर बालिका गृह के सीपीओ रवि कुमार रौशन की पत्नी के आरोपों का खंडन किया। मंजू ने आरोप लगाया कि वह पिछडी और कमजोर जाति (कुशवाहा समुदाय) से हैं इसलिए उनके पति को मोहरा बनाया गया है। 

जेल में बंद सीपीओ रवि की पत्नी ने मंजू वर्मा के पति पर बालिका गृह में अपने साथ जाने वाले अधिकारियों को बाहर छोडकर उसके भीतर जाने का आरोप लगाते हुए बताया था कि वहां की लडकियां उन्हें नेता जी के तौर जानती थीं। विपक्ष ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मंजू वर्मा को बर्खास्त करने की मांग की थी।

मंजू वर्मा ने कहा कि कल बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव के दौरे के बाद साजिश के तहत आरोपी की पत्नी को उनके पति पर बेबुनियाद आरोप लगाने के लिए उकसाया गया। उधर, नगर विकास एवं आवास मंत्री सुरेश कुमार शर्मा ने तेजस्वी प्रसाद यादव द्वारा लगाए गए आरोपों को लेकर पलटवार किया। सुरेश ने मीडिया से कहा कि वह उन्हें चुनौती देते हैं कि अगर इस मामले में उनकी कहीं से भी कोई संलिप्तता साबित कर देते हैं तो वह मंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे। साथ ही चुनौती दी कि आरोप साबित नहीं होने पर तेजस्वी प्रतिपक्ष के नेता और विधायक पद से इस्तीफा दे दें। उन्होंने मानहानि नोटिस भेजने की भी बात कही। 

तेजस्वी प्रसाद यादव ने सुरेश शर्मा का नाम लिए बिना आरोप लगाया था कि इस मामले में बिहार सरकार के एक स्थानीय मंत्री की भी संलिप्तता की चर्चा है जो कि हाल में पश्चिम बंगाल की यात्रा के क्रम में 'कारनामा' (एक होटल में मारपीट) किया था। इससे पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए राज्य सरकार द्वारा इस मामले को सीबीआई को सौंपे जाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश को धन्यवाद दिया। साथ ही पटना उच्च न्यायालय में मामले की अगली सुनवाई के समय निगरानी का आग्रह करने की बात कही। 

उधर, इस मामले को लेकर पटना उच्च न्यायालय में आज जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान न्यायधीश न्यायमूर्ति रवि रंजन और न्यायमूर्ति एस कुमार की खंडपीठ को महाधिवक्ता ललित किशोर ने बताया कि राज्य सरकार ने सीबीआई जांच का फैसला लिया है। इस पर खंडपीठ ने सुनवाई स्थगित करते हुए आदेश दिया कि दोनों जनहित याचिकाओं पर सुनवाई पूर्व निर्धारित तारीख 9 अगस्त को होगी।

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