मुजफ्फरपुर कांड में बड़ा खुलासाः बच्चियों की आपबीती सुन रूह कांप जायेगी

muzaffarpur-shelter-home-case-cbi-probe-begins

सीबीआई बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के एक आश्रय गृह में नाबालिग लड़कियों से वहीं के कर्मियों द्वारा बलात्कार किए जाने के मामले में गहन फॉरेंसिक जांच कराएगी। अधिकारियों ने बताया कि सीएफएसएल की एक टीम जल्द ही मुजफ्फरपुर जाएगी।

सीबीआई बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के एक आश्रय गृह में नाबालिग लड़कियों से वहीं के कर्मियों द्वारा बलात्कार किए जाने के मामले में गहन फॉरेंसिक जांच कराएगी। अधिकारियों ने बताया कि सीएफएसएल की एक टीम जल्द ही मुजफ्फरपुर जाकर आश्रय गृह से फॉरेंसिक नमूने इकट्ठा करेगी। अधिकारियों ने बताया कि पीड़िताओं के बयानों का इस्तेमाल कर समझने की कोशिश की जाएगी कि अपराध को कैसे अंजाम दिया गया और फिर इस ब्योरे का इस्तेमाल आरोपियों पर मुकदमा चलाने के लिए किया जाएगा। 

इस बीच, गुरुवार को उच्चतम न्यायालय ने मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए मीडिया पर बच्चियों के साथ बातचीत करने पर रोक लगा दी है और निर्देश दिये हैं कि उनकी तसवीरें नहीं प्रकाशित की जानी चाहिए।

सीबीआई पीड़िताओं के बयान दर्ज करने के लिए मनोवैज्ञानिकों की मदद ले सकती है क्योंकि कुछ पीड़िताओं की उम्र महज छह-सात साल हैं। पीड़िताओं की आपबीती सुन सीबीआई अधिकारी भी हैरान हैं कि आखिर कोई इतना हैवान कैसे हो सकता है कि मासूम बच्चियों के साथ अमानवीयता की सभी हदें पार कर दी गईं। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, कुछ पीड़िताओं ने बताया है कि उन्हें नशीले पदार्थ दिए जाते थे और मारा-पीटा जाता था फिर उनके साथ बलात्कार किया जाता था। कई लड़कियों की शिकायत है कि उन्हें पेट दर्द की शिकायत हमेशा बनी रहती थी। वहीं कुछ लड़कियों ने जानकारी दी कि जब वह सुबह उठती थीं तो खुद को निर्वस्त्र पाती थीं। एक बच्ची ने तो यहां तक बताया कि रात को खाने के बाद सफेद और गुलाबी गोलियां दी जाती थीं जिसे खाकर वह सो जाती थी। अधिकारियों को आश्रय गृह स्थल की तलाशी के दौरान बड़ी संख्या में कॉन्डम भी मिले हैं।

उल्लेखनीय है कि बिहार सरकार द्वारा वित्तपोषित एनजीओ के प्रमुख ब्रजेश ठाकुर ने आश्रय गृह की करीब 30 लड़कियों से कथित तौर पर बलात्कार किया। सीबीआई उन डॉक्टरों और फॉरेंसिक विशेषज्ञों के भी बयान दर्ज करेगी और उनसे साक्ष्य इकट्ठा करेगी जिनकी सेवाएं पुलिस ने अपनी जांच के दौरान ली थी। 

मुंबई स्थित टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टिस्स) की ओर से अप्रैल में बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग को एक रिपोर्ट सौंपी गई थी जिसमें पहली बार इस आश्रय गृह में रह रही लड़कियों से कथित दुष्कर्म की बात सामने आई थी। इस मामले में बीते 31 मई को ब्रजेश ठाकुर सहित 11 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। अब सीबीआई ने इस मामले की जांच संभाल ली है।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़