अपनी इस गलती के लिए नागेश्वर राव ने सुप्रीम कोर्ट से बिना शर्त मांगी माफी
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने शीर्ष अदालत के पिछले दो आदेशों का उल्लंघन किये जाने को गंभीरता से लेते हुए शर्मा का न्यायालय की पूर्व अनुमति के बगैर 17 जनवरी को सीआरपीएफ में तबादला किये जाने पर राव के खिलाफ अवमानना का नोटिस जारी किया था।
नयी दिल्ली। एम नागेश्वर राव ने सोमवार को स्वीकार किया कि सीबीआई का अंतरिम प्रमुख रहते हुए जांच एजेंसी के पूर्व संयुक्त निदेशक ए के शर्मा का तबादला करके उन्होंने ‘गलती’ की और उन्होंने उच्चतम न्यायालय से इसके लिये माफी मांगते हुए कहा कि शीर्ष अदालत के आदेशों का उल्लंघन करने की उनकी कोई मंशा नहीं थी। राव ने सात फरवरी को उन्हें जारी अवमानना नोटिस के जवाब में एक हलफनामा दायर किया। उन्होंने कहा कि वह शीर्ष अदालत से बिना शर्त माफी मांगते हैं।
Former Interim CBI Chief M Nageshwar Rao files an affidavit rendering an unconditional apology to the Supreme Court:...I ought not have agreed with the legal advice for relieving AK Sharma even on his promotion without prior approval of SC. (2/2) #MuzaffarpurShelterHome
— ANI (@ANI) February 11, 2019
उन्होंने अपने माफीनामे में कहा, ‘‘मैं गंभीरता से अपनी गलती महसूस करता हूं और बिना शर्त माफी मांगने के दौरान मैं विशेष रूप से कहता हूं कि मैंने जानबूझकर इस अदालत के आदेश का उल्लंघन नहीं किया क्योंकि मैं सपने में भी इस अदालत के आदेश का उल्लंघन करने की सोच नहीं सकता।’’ न्यायालय ने उसके आदेश का उल्लंघन करते हुए शर्मा का एजेंसी के बाहर तबादला करने के लिये सात फरवरी को सीबीआई को फटकार लगाई थी और राव को 12 जनवरी को व्यक्तिगत रूप से उसके समक्ष उपस्थित होने को कहा था।
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शर्मा बिहार में बालिका गृह मामले की जांच कर रहे थे। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने शीर्ष अदालत के पिछले दो आदेशों का उल्लंघन किये जाने को गंभीरता से लेते हुए शर्मा का न्यायालय की पूर्व अनुमति के बगैर 17 जनवरी को सीआरपीएफ में तबादला किये जाने पर राव के खिलाफ अवमानना का नोटिस जारी किया था।
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