अपनी इस गलती के लिए नागेश्वर राव ने सुप्रीम कोर्ट से बिना शर्त मांगी माफी

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[email protected] । Feb 12 2019 9:19AM

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने शीर्ष अदालत के पिछले दो आदेशों का उल्लंघन किये जाने को गंभीरता से लेते हुए शर्मा का न्यायालय की पूर्व अनुमति के बगैर 17 जनवरी को सीआरपीएफ में तबादला किये जाने पर राव के खिलाफ अवमानना का नोटिस जारी किया था।

नयी दिल्ली। एम नागेश्वर राव ने सोमवार को स्वीकार किया कि सीबीआई का अंतरिम प्रमुख रहते हुए जांच एजेंसी के पूर्व संयुक्त निदेशक ए के शर्मा का तबादला करके उन्होंने ‘गलती’ की और उन्होंने उच्चतम न्यायालय से इसके लिये माफी मांगते हुए कहा कि शीर्ष अदालत के आदेशों का उल्लंघन करने की उनकी कोई मंशा नहीं थी। राव ने सात फरवरी को उन्हें जारी अवमानना नोटिस के जवाब में एक हलफनामा दायर किया। उन्होंने कहा कि वह शीर्ष अदालत से बिना शर्त माफी मांगते हैं।

उन्होंने अपने माफीनामे में कहा, ‘‘मैं गंभीरता से अपनी गलती महसूस करता हूं और बिना शर्त माफी मांगने के दौरान मैं विशेष रूप से कहता हूं कि मैंने जानबूझकर इस अदालत के आदेश का उल्लंघन नहीं किया क्योंकि मैं सपने में भी इस अदालत के आदेश का उल्लंघन करने की सोच नहीं सकता।’’  न्यायालय ने उसके आदेश का उल्लंघन करते हुए शर्मा का एजेंसी के बाहर तबादला करने के लिये सात फरवरी को सीबीआई को फटकार लगाई थी और राव को 12 जनवरी को व्यक्तिगत रूप से उसके समक्ष उपस्थित होने को कहा था। 


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शर्मा बिहार में बालिका गृह मामले की जांच कर रहे थे। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने शीर्ष अदालत के पिछले दो आदेशों का उल्लंघन किये जाने को गंभीरता से लेते हुए शर्मा का न्यायालय की पूर्व अनुमति के बगैर 17 जनवरी को सीआरपीएफ में तबादला किये जाने पर राव के खिलाफ अवमानना का नोटिस जारी किया था।

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