खुली अभिव्यक्ति पूर्ण नहीं हो सकती, इसे दबाया भी नहीं जाना चाहिए: उप राष्ट्रपति
प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क । Dec 21 2017 12:16PM
उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दमन नहीं किया जाना चाहिए। कुछ मात्रा में नियम होना चाहिए लेकिन नियम गला घोंटने में तब्दील नहीं होना चाहिए।
नयी दिल्ली। उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि वाक् एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पूर्ण नहीं हो सकती, लेकिन इसे दबाया भी नहीं जाना चाहिए। नायडू ने कहा कि जब राष्ट्र की संप्रभुता जैसे खास पहलुओं की बात आती है तो नियम होंगे, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि अधिकारों का गला घोंटा जाए।
उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दमन नहीं किया जाना चाहिए। कुछ मात्रा में नियम होना चाहिए लेकिन नियम गला घोंटने में तब्दील नहीं होना चाहिए। उप राष्ट्रपति ने रामनाथ गोयनका अवार्ड फॉर एक्सीलेंस इन जर्नलिज्म को संबोधित करने के दौरान अपने मुख्य भाषण में यह टिप्पणी की।
डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।
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