सदन की कार्यवाही बाधित करने की प्रवृत्ति को संरक्षण नहीं देने देंगे: नायडू

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[email protected] । Dec 13 2018 2:16PM

राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने उच्च सदन की बैठक में सभी दलों के नेताओं को अपनी भावनाओं से अवगत कराते हुये कहा कि वह विधायी कामकाज में बार बार की बाधा और स्थगन को संरक्षण देने के पक्षधर नहीं हैं।

नयी दिल्ली। राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने उच्च सदन की बैठक बृहस्पतिवार को दिन भर के लिये स्थगित करने के पीछे वजह बतायी है कि वह सदन की कार्यवाही में बार बार बाधा उत्पन्न करने की प्रवृत्ति को संरक्षण देने के बिल्कुल पक्षधर नहीं है। नायडू ने सदन की बैठक दिन भर के लिए स्थगित किये जाने के बाद सभापति कार्यालय में सभी दलों के नेताओं के साथ बैठक कर उन्हें स्थगन के कारणों से अवगत कराया। 

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राज्यसभा सचिवालय के सूत्रों ने बताया कि बैठक में नायडू ने सभी दलों के नेताओं को अपनी भावनाओं से अवगत कराते हुये कहा कि वह विधायी कामकाज में बार बार की बाधा और स्थगन को संरक्षण देने के पक्षधर नहीं हैं। खासकर उस दिन जबकि नौ सुरक्षाबलों ने आज ही के दिन संसद भवन को आतंकवादी हमले से बचाने के लिये शहीद हो गये। 

उल्लेखनीय है कि कावेरी नदी पर बांध बनाए जाने समेत विभिन्न मुद्दों पर अन्नाद्रमुक, द्रमुक सहित कई दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा की बैठक बृहस्पतिवार को शुरू होने के करीब दस मिनट बाद ही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। हंगामे की वजह से उच्च सदन में आज भी शून्यकाल नहीं हो पाया। उच्च सदन में बुधवार को सुचारू रूप से नहीं चल पाई थी तथा दो बार के स्थगन के बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गयी थी।

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संसद भवन पर हुए आतंकवादी हमले की आज 17वीं बरसी है। उच्च सदन की बैठक शुरू होते ही संसद हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद सभापति एम वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए।

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