राष्ट्र की हर संपत्ति का नाम गांधी परिवार के नाम पर क्यों: रिषि
अभिनेता रिषि कपूर ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कांग्रेस के शासन के दौरान देश की सभी बड़ी संपत्तियों के नाम गांधी परिवार के नाम पर रखे जाने की आलोचना की है।
मुंबई। अभिनेता रिषि कपूर ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कांग्रेस के शासन के दौरान देश की सभी बड़ी संपत्तियों के नाम गांधी परिवार के नाम पर रखे जाने की आलोचना की है। हाल में असहिष्णुता जैसे मुद्दों पर भगवा ताकतों के आलोचक रहे 63 वर्षीय अभिनेता ने इस बार कांग्रेस पर हमला बोला है। कपूर ने कहा कि प्रसिद्ध स्थानों का नाम बदलकर देश के कल्याण के लिए काम करने वालों के नाम पर रखा जाना चाहिए।
अभिनेता ने ट्वीट किया, ‘‘कांग्रेस द्वारा संपत्तियों के गांधी परिवार के नाम पर रखे गए नामों को बदला जाए। बांद्रा-वर्ली सी लिंक का नाम लता मंगेशकर या जेआरडी टाटा लिंक किया जाए। बाप का माल समझ रखा है क्या।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यदि दिल्ली में सड़कों का नाम बदला जा सकता है तो कांग्रेस की संपत्तियों, संपत्ति के नाम क्यों नहीं? चंडीगढ़ में था, वहां भी राजीव गांधी संपत्ति है? सोचो?’’
‘कपूर एंड संस’ के स्टार ने कहा कि फिल्म उद्योग के लोगों को भी उनके नाम वाली इमारतें रखनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘हमें देश की महत्वपूर्ण संपत्तियों के नाम उन लोगों के नाम पर रखने चाहिए जिन्होंने समाज के लिए योगदान दिया है। हर चीज गांधी के नाम? मैं सहमत नहीं हूं। सोचना लोग।’’ उन्होंने कहा, ‘‘फिल्म सिटी का नाम दिलीप कुमार, देव आनंद, अशोक कुमार या अमिताभ बच्चन के नाम पर रखा जाना चाहिए? राजीव गांधी उद्योग क्या होता है? सोचो दोस्तों।’’
कपूर ने कहा कि दिल्ली के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का नाम भी भगत सिंह या भीमराव अंबेडकर जैसी हस्तियों के नाम पर रखा जाना चाहिए। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा क्यों? महात्मा गांधी या भगत सिंह, अंबेडकर या मेरे नाम रिषि कपूर के नाम पर क्यों नहीं।’’ अभिनेता ने कहा कि उनके पिता लेजेंडरी अभिनेता-फिल्म निर्माता राज कपूर ने देश के प्रति किसी नेता से अधिक अच्छा काम किया है। उन्होंने लिखा, ‘‘राज कपूर ने देश को वर्षों तक गौरवान्वित किया, यहां तक कि मृत्यु के पश्चात भी उनका योगदान जारी है। निश्चित तौर पर किसी नेता से अधिक।’’
अभिनेता अनुपम खेर ने कहा कि कपूर के ट्वीट वास्तविक विचार हैं। खेर ने कहा, ‘‘रिषि कपूर जी ने इसके बारे में सोचा है और मेरा मानना है कि बहुत से लोग बहुत सी चीजों के बारे में सोचते हैं जिसे वे सोशल नेटवर्किंग साइटों पर रखते हैं। यह वास्तविक विचार है। यह आवश्यक रूप से किसी खास परिवार के खिलाफ नहीं है..।’’ उन्होंने कहा कि अन्य लोगों की उपलब्धियों की भी सराहना की जानी चाहिए। फिल्म निर्माता एवं सेंसर बोर्ड के सदस्य अशोक पंडित ने कहा, ‘‘सच बोलने वालों को सलाम। देश के नेहरूकरण को रोकना होगा। उनमें और ब्रिटिशर्स में कोई फर्क नहीं है।’’
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