नेशनल वॉर मेमोरियल पर अंकित किए जाएंगे गलवान घाटी में शहीद हुए सैनिकों के नाम

National war Memorial

पिछले पांच दशकों में हुए सबसे बड़े सैन्य टकराव में 15 जून की रात गलवान घाटी में चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। झड़प में 16 वीं बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग अधिकारी कर्नल बी संतोष बाबू समेत अन्य सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे।

नयी दिल्ली। पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ झड़प में शहीद हुए 20 भारतीय सैन्य कर्मियों के नाम यहां नेशनल वॉर मेमोरियल पर अंकित किए जाएंगे। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि स्मारक पर सैन्य कर्मियों के नामों को उकेरे जाने की प्रक्रिया में कुछ महीने लगेंगे। पिछले पांच दशकों में हुए सबसे बड़े सैन्य टकराव में 15 जून की रात गलवान घाटी में चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। झड़प में 16 वीं बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग अधिकारी कर्नल बी संतोष बाबू समेत अन्य सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे। इस घटना के बाद पूर्वी लद्दाख में सीमा पर तनाव बढ़ गया और भारत ने इसे ‘‘चीन द्वारा सोची-समझी और पूर्वनियोजित कार्रवाई’’ बताया था। गलवान घाटी में पेट्रोलिंग प्वाइंट 14 के पास चीन द्वारा निगरानी चौकी बनाए जाने पर विरोध के बाद चीनी सैनिकों ने पत्थरों, नुकीले हथियारों, लोहे की छड़ों आदि से भारतीय सैनिकों पर नृशंस हमला किया। चीन ने झड़प में हताहत हुए अपने सैनिकों की संख्या के बारे में नहीं बताया था। हालांकि, अमेरिकी की एक खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक चीनी पक्ष के 35 सैनिक हताहत हुए। 

पूर्वी लद्दाख में 17 जुलाई को लुकुंग अग्रिम चौकी के दौरे के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीनी सैनिकों से लड़ाई में अदभुत शौर्य और वीरता दिखाने के लिए बिहार रेजिमेंट के सैनिकों की सराहना की थी। रक्षा मंत्री ने सैनिकों को अपने संबोधन में कहा कि गलवान घाटी में शहीद हुए भारतीय सैन्यकर्मियों ने ना केवल अदभुत शौर्य का परिचय दिया बल्कि 130 करोड़ भारतीयों के गौरव की भी रक्षा की।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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