नर्मदा प्रसाद प्रजापति बने मध्य प्रदेश की 15वीं विधानसभा के अध्यक्ष

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[email protected] । Jan 8 2019 4:29PM

भाजपा ने पार्टी विधायक कुंवर विजय शाह का नाम अध्यक्ष पद के लिए पेश करने की अनुमति मांगी, लेकिन प्रोटेम स्पीकर दीपक सक्सेना ने यह कहते हुए इसकी अनुमति नहीं दी कि पहले प्रथम प्रस्ताव का निराकरण मिल जाये।

भोपाल। कांग्रेस विधायक नर्मदा प्रसाद प्रजापति मंगलवार को मध्य प्रदेश की 15वीं विधानसभा के अध्यक्ष चुने गये। विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए अपनी पार्टी के उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव पेश न करने को लेकर मुख्य विपक्षी दल भाजपा द्वारा किये गये बहिर्गमन के बीच प्रजापति इस पद के लिये चुने गए। सत्र के दूसरे दिन आज सुबह 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही संसदीय कार्य मंत्री डॉ. गोविन्द सिंह ने कांग्रेस सदस्य नर्मदा प्रसाद प्रजापति को अध्यक्ष बनाने के लिए प्रस्ताव पेश किया, जिसका पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री आरिफ अकील ने समर्थन किया। इसके बाद प्रजापति के पक्ष में तीन अन्य विधायकों ने तीन अलग-अलग प्रस्ताव पेश किये और उनका समर्थन किया गया।

इसके बाद भाजपा ने पार्टी विधायक कुंवर विजय शाह का नाम अध्यक्ष पद के लिए पेश करने की अनुमति मांगी, लेकिन प्रोटेम स्पीकर दीपक सक्सेना ने यह कहते हुए इसकी अनुमति नहीं दी कि पहले प्रथम प्रस्ताव का निराकरण मिल जाये। भाजपा सदस्यों ने इसे लोकतंत्र की हत्या बताया और विधानसभा अध्यक्ष के आसन के पास जाकर नारे लगाये। इसके बाद सदन में हुए हंगामे के बीच प्रोटेम स्पीकर ने सदन की कार्यवाही दो बार 10-10 मिनट के लिए स्थगित कर दी। जब तीसरी बार सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा सदस्य अध्यक्ष के आसन के पास जाकर फिर नारे लगाने लगे –‘लोकतंत्र की हत्या बंद करो’।

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इसी बीच, चौहान ने कहा, ‘एक वरिष्ठ आदिवासी नेता का नाम प्रस्तावित नहीं करने दिया गया। यह लोकतंत्र एवं सदन का अपमान है। हम सदन का बहिष्कार करते हैं।’ भाजपा विधायकों के बहिर्गमन के बीच संसदीय कार्य मंत्री गोविंद सिंह ने कहा, ‘विपक्ष अपना प्रस्ताव भी रखे। उनके पास बहुमत नहीं है। अपनी कमजोरी को छुपाने के लिए वाकआउट कर रहे हैं। सदन में आकर अपना प्रस्ताव रखें। हम वोटिंग के लिए तैयार हैं।’ इसके बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रोटेम स्पीकर से कहा कि स्पीकर निर्वाचन की शुरूआत करें।

इसके बाद प्रोटेम स्पीकर ने कहा कि स्पीकर चुना जाये। जो प्रस्ताव के पक्ष में हैं, हां कहें।’ इस पर वहां मौजूद कांग्रेस, बसपा, सपा एवं निर्दलीय विधायकों की ओर से हां की आवाज आई। इसके बाद प्रोटेम स्पीकर ने कहा, ‘‘जो पक्ष में नहीं है, वे न कहें।’’ किसी की भी आवाज सदन से नहीं आती है। प्रोटेम स्पीकर ने कहा, ‘हां की जीत हुई। न की हार हुई।’ इसके बाद बसपा विधायक संजीव सिंह ने कहा कि मत विभाजन कराया जाये। इसके बाद प्रोटेम स्पीकर ने संजीव सिंह की मांग को स्वीकारते हुए कहा, ‘निर्णय मत विभाजन द्वारा किया जाएगा। जो प्रस्ताव के पक्ष में हैं वह मेरे दाएं हाथ की ओर मतदान करने लॉबी में जायें और जो विपक्ष में हैं, वे मेरे बाएं हाथ की ओर लॉबी में चले जाएं।’

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इसके बाद सभी सदस्य दाईं हाथ की ओर वाली लॉबी में गये। मत विभाजन के बाद प्रोटेम स्पीकर ने कहा, ‘प्रस्ताव के पक्ष में 120 मत पडे हैं। विपक्ष में कोई मत नहीं पड़ा है। आधे से अधिक मत पड़े। अत: प्रस्ताव स्वीकृत हुआ। इसलिए (अध्यक्ष पद के लिए) दूसरा प्रस्ताव नहीं लिया जाएगा।’ इसके बाद प्रोटेम स्पीकर ने प्रजापति को निर्वाचित होने पर बधाई देते हुए उन्हें अध्यक्ष पद पर आसीन होने लिए आमंत्रित किया और प्रजापति आसन पर बैठ गये।

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