नेशनल हेराल्ड, कौमी आवाज, नवजीवन फिर से शुरू होंगे
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कांग्रेस के बंद पड़े मुखपत्र नेशनल हेराल्ड को दो अन्य अखबारों के साथ जल्द फिर से शुरू किया जाएगा। आठ साल पहले इनका प्रकाशन रोक दिया गया था।
कांग्रेस के बंद पड़े मुखपत्र नेशनल हेराल्ड को दो अन्य अखबारों के साथ जल्द फिर से शुरू किया जाएगा। आठ साल पहले इनका प्रकाशन रोक दिया गया था। एआईसीसी के कोषाध्यक्ष मोतीलाल वोरा ने कहा, ‘‘द एसोसिएटिड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) ने जनवरी में अपने अखबारों- नेशनल हेराल्ड, कौमी आवाज और नवजीवन को फिर से शुरू करने का फैसला किया। क्रियान्वयन की प्रक्रिया जारी है।’’ जब उनसे पूछा गया कि क्या तीनों अखबारों को फिर से शुरू करने की घोषणा इस महीने कर दी जाएगी तो उन्होंने कहा कि जनवरी में लखनऊ में एजेएल की आमसभा की विशेष बैठक में अखबारों को फिर से शुरू करने का फैसला किया गया और प्रक्रिया जारी है।
एक अन्य प्रश्न पर वोरा ने यह स्पष्ट नहीं किया कि क्या अंग्रेजी में नेशनल हेराल्ड, हिंदी में नवजीवन और उर्दू में कौमी आवाज के प्रिंट संस्करण निकाले जाएंगे या नहीं। इन्हें केवल ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर फिर से शुरू करने की बात थी। लखनऊ की बैठक में एजेएल ने एक गैरलाभकारी कंपनी में बदलने का और उसके अखबारों को फिर से शुरू करने का फैसला किया था। यह फैसला अखबार को लेकर चल रही एक कानूनी लड़ाई के बीच आया है जिस लड़ाई में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके पुत्र राहुल गांधी उलझे हुए हैं।
एजेएल की स्थापना पंडित जवाहरलाल नेहरू ने नवंबर 1937 में की थी। कंपनी और उसके द्वारा प्रकाशित अखबारों- नेशनल हेराल्ड, कौमी आवाज और नवजीवन ने स्वतंत्रता आंदोलन की आवाज के तौर पर महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी और जनहित में तथा सामाजिक अच्छाई के लिए ऐतिहासिक काम किया।
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