मिलिए, करोड़ों की नौकरी छोड़ भाजपा के टिकट से चुनाव लड़ रहीं नौक्षम चौधरी से

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अंकित सिंह । Oct 7 2019 3:54PM

26 वर्षीय नौक्षम ने बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता और इनकी नीतियों ने उन्हें काफी प्रभावित किया। भाजपा बाकी पार्टियों की तुलना में युवाओं को राजनीति में ज्यादा मौका दे रही है।

हरियाणा और महाराष्ट्र में चुनावी बिगुल बजने के बाद सभी पार्टियों ने अपने-अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है। उम्मीदवारों ने भी अपना नामांकन भर दिया है। पार्टियों ने जहां पुराने दिग्गज नेताओं पर भरोसा जताया है तो वहीं कई ऐसे उम्मीदवारों को भी टिकट दिया है जो राजनीति में नए हैं। बात अगर हरियाणा की करें तो सत्ता में रही भाजपा ने कई चौंकाने वाले नामों को चुनावी मैदान में उतारा है। भाजपा ने 90 सीटों पर होने वाले चुनाव के लिए 9 महिलाओं को टिकट दिया है जबकि दो मुस्लिम उम्मीदवार भी हैं। लेकिन एक नाम फिलहाल बड़ी चर्चा में है और वह नाम है कुमारी नौक्षम चौधरी। नौक्षम को भाजपा ने हरियाणा के पुन्हाना से टिकट लेकर सभी को चौंका दिया है। एक ही महीने पहले तक नौक्षम का नाम कहीं से भी चर्चा में नहीं था। खास बात यह है कि वर्तमान विधायक का टिकट काटकर भाजपा ने उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया है। 

मेवात की ही रहने वाली नौक्षम चौधरी दिल्ली विश्वविद्यालय के मिरांडा हाउस से इतिहास में स्नातक और स्नातकोत्तर हैं। उन्होंने इटली के मिलान से फैशन एंड लक्जरी ब्रांड मैनेजमेंट के प्रबंधन में सुपर-स्पेशियलिटी कोर्स किया है। माना जाता है कि नौक्षम लंदन में करोड़ो की नौकरी छोड़कर अपने पैतृक गांव वापस लौट आई हैं। हालांकि नौक्षम को राजनीति का चस्का मिरांडा हाउस कॉलेज में ही लग गया था जहां वह छात्रसंघ की नेता रहीं थी। नौक्षम के पिता आरएस चौधरी रिटायर्ड जज है जबकि माता रंजीत कौर हरियाणा सरकार में उच्च पद पर कार्यरत हैं। करोड़ो की नौकरी छोड़ मेवात वापस लौटने पर उन्होंने कहा कि दशकों से यहां कि स्थिति जस की तस बनी हुई है। मुझे यह महसूस करने में समय नहीं लगा कि सिस्टम का हिस्सा बनने से ही इसे बदला जा सकता है। शिक्षा और रोजगार  के क्षेत्र में यहा बहुत कुछ करने की जरूरत है। खराब सड़कें, शिक्षा की कमी और बुनियादी सुविधाएं उनके एजेंडे में सबसे ऊपर हैं। 

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भाजपा ही क्यों?

26 वर्षीय नौक्षम ने बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता और इनकी नीतियों ने उन्हें काफी प्रभावित किया। भाजपा बाकी पार्टियों की तुलना में युवाओं को राजनीति में ज्यादा मौका दे रही है। नौक्षम चौधरी ने अपने पैतृक गांव पैमाखेड़ा में लोगों से रायशुमारी के बाद भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी जिसके बाद 25 अगस्त को अपने गांव में उन्होंने पार्टी की सदस्यता ले ली थी। उन्होंने लोगों से साफ कहा है कि ना वो अब विदेश जाएंगी और ना ही माता-पिता के पास चंडीगढ़, वो पुन्हाना में ही रहकर यहां के हालात को बदलने की कोशिश करेंगी।

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कैसे मिला टिकट

नुह हरियाणा का मुस्लिम बहुल क्षेत्र है। यहा कि तीन विधानसभा सीटों पर मुस्लिम वोटों का काफी प्रभाव रहता है। हालांकि, कहा जा रहा है कि RSS ने भाजपा की राज्य इकाई से कहा था कि इन तीन सीटों में से एक सीट पर हिन्दू उम्मीदवार को उतारा जाना चाहिए। नूंह और फिरोजपुर झिरका से इनेलो छोड़कर भाजपा में आए निवर्तमान विधायक चौधरी जाकिर हुसैन और नसीम अहमद को पार्टी ने टिकट थमा दिया पर एक पुन्हाना सीट पर पेंच फंस गया। इस सीट से रहीश खान टिकट के दावेदार थे। क्षेत्र में उनके परिवार का राजनीतिक रुतबा काफी ज्यादा है। रहीश ने पिछला चुनाव निर्दलीय जीता था पर बदले हालात को देखते हुए वो भाजपा से जुड़ गए। पार्टी ने उनका टिकट काट नौक्षम को थमा दिया। सीएम की जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान कम समय में काफी संख्या में लोगों को जुटाकर नौक्षम ने अपने इरादे जाहिर कर दिए थे। नौक्षम का सामना कांग्रेस के मो. अजाज खान से होगा। 

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