झंडेवाला देवी मंदिर में माँ सिद्धिधात्री की पूजा-अर्चना के साथ नवरात्र संपन्न
नवरात्र का अंतिम दिन महत्वपूर्ण माना जाता है क्योकि आज माँ की उपासना करने से साधारण भक्तों की भी मनचाही मुरादें पूरी होती है। उन्हे सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। झंडेवाला देवी मंदिर मे पूरे नौं दिन माँ के नौं स्वरूपों का पूजन किया जाता है और नवरात्र पर्व संपन्न होता है।
प्रेस विज्ञप्ति/नई दिल्ली। राजधानी स्थित प्राचीन एवं ऐतिहासिक झंडेवाला देवी मंदिर में शारदीय नवरात्र के अंतिम दिन माँ के नवें स्वरूप “माँ सिद्धिधात्री’’ का श्रृंगार व पूजा अर्चना पूर्ण विधि विधान के साथ की गई। माँ सिद्धिधात्री कमल पुष्प पर विराजमान अपने साधकों को समस्त सिद्धियाँ प्रदान करने मे समर्थ है। देवी पुराण के अनुसार भगवान शिव ने इनकी कृपा से ही इन सिद्धियाँ को प्राप्त किया था। इन्ही की अनुकंपा से ही भगवान का आधा शरीर देवी का हुआ और वह “अर्धनारीश्वर’’ नाम से प्रसिद्ध हुए।
नवरात्र का अंतिम दिन महत्वपूर्ण माना जाता है क्योकि आज माँ की उपासना करने से साधारण भक्तों की भी मनचाही मुरादें पूरी होती है। उन्हे सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। झंडेवाला देवी मंदिर मे पूरे नौं दिन माँ के नौं स्वरूपों का पूजन किया जाता है और नवरात्र पर्व संपन्न होता है। आज भी सारा दिन भक्त माँ के दर्शन कर अपने परिवार की मंगलकामना करते रहे।
प्रात: 4:00 बजे व सायं 7 बजे की आरती व उसके उपरांत श्री बद्री भगत वेद विधालय मंडोली के छात्रों द्वारा मंदिर के प्रांगण में वेद मंत्रों का पाठ सस्वर किया गया जिस का सीधा प्रसारण मंदिर द्वारा झंडेवाला देवी मंदिर यूट्यूब चैनल पर किया गया। माँ के भक्त अशोक भारद्वाज जी एंड पार्टी द्वारा दुर्गा स्तुति के पाठ का आयोजन मंदिर मे किया गया।
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