NDA के दलित सांसदों की मांग, NGT अध्यक्ष को किया जाए बर्खास्त
उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश की राष्ट्रीय हरित अधिकरण के अध्यक्ष के तौर पर नियुक्ति पर आज राजनीति शुरू हो गई। भाजपा की सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने उन्हें बर्खास्त करने की मांग की।
नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश की राष्ट्रीय हरित अधिकरण के अध्यक्ष के तौर पर नियुक्ति पर आज राजनीति शुरू हो गई। भाजपा की सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने उन्हें बर्खास्त करने की मांग की। जबकि पार्टी के सांसद उदित राज ने लोकसभा में यह मुद्दा उठाया और शीर्ष अदालत के न्यायाधीश के तौर पर उनके फैसले को ‘दलित विरोधी’ बताया। छह जुलाई को एनजीटी अध्यक्ष बनाए गए न्यायाधीश आदर्श कुमार गोयल पर निशाना साधते हुए लोजपा नेता और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान ने कहा कि उनकी नियुक्ति से दलितों में यह संदेश गया है कि समाज के कमजोर तबके का संरक्षण करने वाले कानून को प्रभावहीन करने वाले एक न्यायाधीश को ‘ पुरस्कृत ’ किया गया है।
चिराग पासवान ने कहा कि लोजपा उन्हें बर्खास्त करने की मांग करती है। गोयल उच्चतम न्यायालय की उस पीठ का हिस्सा थे जिसने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार रोकथाम) कानून में सुरक्षा के कई ऐसे उपाय किए थे जिनकी कई दलित संगठनों और प्रमुख राजनीतिक पार्टियों ने आलोचना की थी। उन्होंने कानून को कमजोर करने का आरोप लगाया था। लोकसभा में मुद्दा उठाते हुए उदित राज ने कहा कि गोयल की नियुक्ति से दलित समुदाय में गुस्सा एवं हताशा है।
बाद में ट्वीट करके उन्होंने कहा कि गोयल ने कई ‘दलित विरोधी’ फैसले दिए थे। उत्तर पश्चिम दिल्ली से भाजपा सांसद ने कहा कि शीर्ष अदालत के न्यायाधीश के तौर पर गोयल के कई फैसले समुदाय के हितों के खिलाफ थे। चिराग पासवान ने कहा कि गोयल को तुरंत बर्खास्त किया जाना चाहिए तथा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार रोकथाम) अधिनियम के वास्तविक प्रावधानों को बहाल किया जाना चाहिए।
उन्होंने चेताया कि नौ अगस्त को दलित संगठनों द्वारा घोषित राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन दो अप्रैल के ‘ भारत बंद ’ से भी ज्यादा ‘ आक्रोशित और अधिक तीव्र ’ हो सकता है , क्योंकि दलितों का मानना है कि उनका संरक्षण करने वाले कानून को जिस न्यायाधीश ने प्रभावहीन किया है उन्हें पुरस्कृत किया गया है। कल यहां दलित सांसदों की एक बैठक में लोजपा अध्यक्ष रामविलास पासवान ने कहा कि गोयल की नियुक्ति से गलत संदेश गया है।
रामविलास पासवान ने यह टिप्पणी सत्तारूढ़ राजग के दलितों और आदिवासी सांसदों के रात्रि भोज के दौरान की। दो अप्रैल को भारत बंद के दौरान हुए प्रदर्शन देश के कई स्थानों पर हिंसक हो गए थे। इनमें कई लोगों की मौत हो गई थी और संपत्ति को भी काफी नुकसान हुआ था।
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