उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बड़े सुधार की जरूरत है: विनय सहस्त्रबुद्धे
सांसद सहस्रबुद्धे ने कहा, कई बार सरकारी नीतियों के चलते विवि नई सोच को बढ़ावा नहीं दे पाते। लेकिन निजी क्षेत्र के विवि इस मामले में स्वतंत्र हैं।
मथुरा। भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के अध्यक्ष एवं राजनीतिक विचारक डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे ने रविवार को कहा कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भारत कई चुनौतियों का सामना कर रहा है तथा अब भी लाखों स्नातक अपने विषय की गहराई को नहीं समझ पाए हैं। वह अलीगढ़-मथुरा रोड पर स्थित निजी क्षेत्र के मंगलायतन विश्वविद्यालय के सातवें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। समारोह में कुल 742 विद्यार्थियों को स्नातक एवं परास्नातक उपाधियाँ प्रदान की गईं। उनमें से 3 को पीएचडी, 35 को स्वर्ण पदक तथा 41 को रजत पदक प्रदान किए गए।
अलीगढ़ के मंगलायतन विश्वविद्यालय का सातवां दीक्षांत समारोह
— BadalataIndia (@BadalataIndia) May 20, 2019
मुख्य अतिथि राज्य सभा MP और अध्यक्ष ICCR डॉ. विनय सहस्रबुद्धे ने कहा कि निजी विश्वविद्यालयों में ऐसे कोर्स शुरू करने की जरूरत है, जिनमें प्रयोग-शोध की अधिकता हो। @vinay1011 @swadesh171 @ShivajiSarkar1 pic.twitter.com/SolBoXFERb
सांसद सहस्रबुद्धे ने कहा, कई बार सरकारी नीतियों के चलते विवि नई सोच को बढ़ावा नहीं दे पाते। लेकिन निजी क्षेत्र के विवि इस मामले में स्वतंत्र हैं। वे उच्च शिक्षा में नए प्रयोग एवं नए शोध कार्यों को बढ़ावा दे सकते हैं। इस क्षेत्र में देश में बड़े सुधार किए जाने की महती आवश्यकता है। उन्होंने कहा, शिक्षा केवल किताबी ज्ञान प्राप्त करना ही नहीं है। बल्कि, हुनर का विकास करके जीविका का माध्यम बनाना है। वर्तमान परिस्थितियों में विवि को चाहिए कि वे पारम्परिक क्षेत्रों के अलावा अनछुए विषयों से जुड़े विषयों पर भी गहन शोध तथा प्रायोगिक कोर्स विकसित करने पर ध्यान दें।
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विवि के विजिटर एवं दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता कर रहे प्रो. अच्युतानंद ने कहा, 21वीं सदी में भारत समय के साथ बदल रहा है। प्रौद्योगिकी एवं अभियांत्रिकी भी तेजी से बदल रही है जो हमें चौथी औद्योगिक क्रांति की ओर ले जाएगी। यह भारत के लिए एक नया अध्याय होगा। जिससे हम विकासशील से विकसित समाज की ओर अग्रसर होंगे।
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