जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 और 35-ए की समीक्षा की जरूरत: राजनाथ

need-review-of-article-370-and-35-a-in-jammu-and-kashmir-says-rajnath
[email protected] । May 17 2019 6:58PM

उनसे पूछा गया था कि क्या भाजपा को लगता है कि संविधान के अनुच्छेद 370 को खत्म कर देने से कश्मीर मुद्दे के समाधान में मदद मिलेगी।

नयी दिल्ली। भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35-ए की समीक्षा करने की जरूरत है, ताकि यह पता चल सके कि आतंकवाद प्रभावित राज्य जम्मू-कश्मीर को इन संवैधानिक प्रावधानों से फायदा हुआ है या नुकसान। राजनाथ ने यह बयान ऐसे समय में दिया है, जब भाजपा ने मौजूदा लोकसभा चुनावों के लिए जारी अपने घोषणा-पत्र में अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35-ए को खत्म करने का वादा किया है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने भी चुनाव प्रचार के दौरान बार-बार कहा है कि अपनी पार्टी की सत्ता में वापसी के बाद वह इन प्रावधानों को रद्द कर देंगे। केंद्रीय गृह मंत्री ने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराना चुनाव आयोग का विशेषाधिकार है। हालांकि, उन्होंने संकेत दिए कि विधानसभा चुनावों की घोषणा लोकसभा चुनावों के बाद हो सकती है। 

 

दरअसल, उनसे पूछा गया था कि क्या भाजपा को लगता है कि संविधान के अनुच्छेद 370 को खत्म कर देने से कश्मीर मुद्दे के समाधान में मदद मिलेगी। भाजपा की घोषणा-पत्र समिति के अध्यक्ष रहे राजनाथ ने कहा, ‘‘कश्मीर एक चुनौती है, लेकिन उसका हल जल्द निकलेगा।’’ गृह मंत्री से जब पर पूछा गया कि क्या अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35-ए को खत्म करना कोई समाधान है, इस पर उन्होंने कहा, ‘‘मुझे यह लगता है कि इसकी समीक्षा की जानी चाहिए कि धारा 370 या 35-ए के कारण कश्मीर को लाभ हुआ है, या हानि।’’पिछले दिनों भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी बयान दिया था कि भाजपा अनुच्छेद 370 खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। गडकरी ने एक टीवी इंटरव्यू के दौरान यह भी कहा था कि ‘‘संवेदनशील हालात के कारण इसे (अनुच्छेद 370 को खत्म करना) लागू करना उचित नहीं है।’’ उन्होंने कहा था, ‘‘हम इस बार पूर्ण बहुमत से सत्ता में थे, फिर भी हम आगे नहीं बढ़े। लेकिन जहां तक पार्टी की सोच, नीति और इस मुद्दे को लेकर रुख का सवाल है, हम इसे लेकर दृढ़ हैं।’’

इसे भी पढ़ें: सातवें चरण के लिए खत्म हुआ चुनाव प्रचार, 19 मई को वोटिंग का इंतजार

उल्लेखनीय है कि अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा मिला हुआ है, जबकि अनुच्छेद 35-ए राज्य के विधानमंडल को राज्य के ‘‘स्थानीय निवासी’’ को परिभाषित करने और उनके रोजगार के अधिकार को सुरक्षित रखने का अधिकार देता है। इसके अलावा, इस अनुच्छेद के जरिए उन्हें कई अन्य विशेषाधिकार प्राप्त हैं। राज्य में विधानसभा चुनावों का समय पूछे जाने पर राजनाथ ने कहा कि निश्चित तौर पर चुनाव कराए जाने चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘विधानसभा चुनावों के लिए बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों की जरूरत है और लोकसभा चुनावों में भी उन्हें दूसरे राज्यों में तैनात करना था। अब चूंकि संसदीय चुनाव संपन्न होने के करीब हैं, तो चुनाव आयोग तारीखें तय कर सकता है।’’ भाजपा द्वारा पीडीपी नीत जम्मू-कश्मीर सरकार से अचानक समर्थन वापस ले लिए जाने के बाद पिछले साल 19 जून को जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लगा दिया गया था। राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने 21 नवंबर को विधानसभा भंग कर दी थी। मलिक ने दावा किया था कि विधायकों की खरीद-फरोख्त रोकने को लेकर उन्होंने विधानसभा भंग की थी।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़