‘खेत से दस्तरखान’ की श्रृंखला में छूटी कड़ियों को जोड़ने की जरूरत: कोविंद
कोविंद ने कहा, ‘‘सबसे पहले हमें ‘खेत से दस्तरखान’ तक की श्रृंखला में छूटी कड़ियों को जोड़ना चाहिए। किसान को उसकी उपज के लिए मिलने वाले दाम और ग्राहक द्वारा चुकाए जाने वाले मूल्य के अंतर को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कम करना चाहिए।’’
नयी दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बृहस्पतिवार को कहा कि हमारा देश में खाद्य अधिशेष है लेकिन हमें ‘खेत से दस्तरखान’ की श्रृंखला में छूटी कड़ियों को जोड़ने की जरूरत है। साथ ही हमें अपनी खाने की बर्बादी को भी घटाना होगा। अखिल भारतीय खाद्य प्रसंस्कर्ता संगठन (एआईएफपीए) के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कोविंद ने इस बात पर जोर दिया कि किसान को अपनी उपज के लिए जो दाम मिलता है और ग्राहक जो मूल्य चुकाते हैं, उसमें ‘बहुत अंतर’ है और हमें इस अंतर को घटाने की जरूरत है। साथ ही उन्होंने कृषि और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में खाने की बर्बादी को कम करने की भी जरूरत बतायी।
Attending the AIFPA platinum Jubilee Conference. "Food sustains life, processing sustains food" @rashtrapatibhvn @MOFPI_GOI @fssaiindia @QualityCouncil @QCI_NBQP Vigyan bhawan pic.twitter.com/c5y4gxnZB4
— अमित सिंह (@amyketu) December 20, 2018
कोविंद ने कहा, ‘‘ भारत में आज खाने की कमी नहीं है। जब बात कई कृषि जिंसों या खाद्य प्रसंस्करण की आती है तो हमारे पास अधिशेष है। हम वैश्विक बाजार की बढ़ती मांग का नेतृत्व करते हैं। अब समय आ गया है कि हम अपने लक्ष्यों को अधिक आर्थिक लाभ के लिए बढ़ाएं और किसानों के लिए हमें यह करना चाहिए।’’ उन्होंने कृषि और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए चार अहम दृष्टिकोणों पर चलने का सुझाव दिया।
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कोविंद ने कहा, ‘‘सबसे पहले हमें ‘खेत से दस्तरखान’ तक की श्रृंखला में छूटी कड़ियों को जोड़ना चाहिए। किसान को उसकी उपज के लिए मिलने वाले दाम और ग्राहक द्वारा चुकाए जाने वाले मूल्य के अंतर को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कम करना चाहिए।’’ खाने की बर्बादी पर चिंता जाहिर करते हुए कोविंद ने कहा कि यह न सिर्फ खेतों में बल्कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में भी एक वैश्विक समस्या है। संयुक्त राष्ट्र की एक रपट के हवाले से उन्होंने कहा कि हर साल करीब 1,230 अरब डॉलर का खाना ऐसे ही फेंक दिया जाता है। इस मौके पर खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर भी मौजूद थीं।
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