भारत के इतिहास को ‘‘सुधारने’’ की जरूरत: वेंकैया नायडू
उन्होंने देश के इतिहासकारों, पुरातत्वविदों, भाषाविदों और अन्य विद्वानों का आह्वान किया कि वे इतिहास को ‘पुनर्निर्मित करने’ और उसमें ‘पुन: सुधार करके’ विश्व के समक्ष भारत का वास्तविक इतिहास पेश करने के लिए एकजुट हों।
पुणे। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने बृहस्पतिवार को कहा कि औपनिवेशिक शासकों द्वारा तोड़ मरोड़कर पेश किये गए भारतीय इतिहास को ‘‘सुधारने’’ की जरूरत है। नायडू यहां पुण्यभूषण पुरस्कार वितरण समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने देश के इतिहासकारों, पुरातत्वविदों, भाषाविदों और अन्य विद्वानों का आह्वान किया कि वे इतिहास को ‘पुनर्निर्मित करने’ और उसमें ‘पुन: सुधार करके’ विश्व के समक्ष भारत का वास्तविक इतिहास पेश करने के लिए एकजुट हों।
There is a need for promoting nationalistic outlook among the youth and involving them in constructive nation-building activities. All of us must strive to build a New India that is free of poverty, hunger, discrimination, and inequalities based on caste, creed, and gender. #ABVP pic.twitter.com/cpJdtwCpxg
— VicePresidentOfIndia (@VPSecretariat) September 26, 2019
उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय इतिहास को पुनर्निर्मित करने और उसमें पुन: सुधार करने की अपार संभावनाएं हैं जिसे औपनिवेशिक शासकों ने तोड़ मरोड़ कर पेश किया।’’ नायडू ने कहा, ‘‘शिवाजी महाराज, शंकराचार्य, रानी लक्ष्मीबाई और कई अन्य महान नाम हैं जिसके योगदान का अधिक उल्लेख नहीं है। हमें स्वयं की फिर से तलाश करने और विश्व के समक्ष भारत का वास्तविक इतिहास पेश करने की जरूरत है।’’
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उन्होंने कहा भारत तभी एक मजबूत राष्ट्र बन सकता है जब ‘‘हम सामाजिक बुराइयों से छुटकारा पा लें’’ और युवा पीढ़ी को भारत का ‘वास्तविक इतिहास’ पढ़ाकर उनकी मानसिकता में बदलाव लाएं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारी युवा पीढ़ी की मानसिकता में बदलाव लाने की जरूरत है। उन्हें हमारे समृद्ध इतिहास और अतीत के बारे में बताया जाना चाहिए। तभी भारत एक मजबूत राष्ट्र बनेगा।’’
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