एलओसी पर संघर्ष विराम लेकिन दुश्मन के नापाक मंसूबों के खिलाफ भारतीय सेना सतर्क: शीर्ष कमांडर

Indian Army
प्रतिरूप फोटो

सेना की 15वीं कोर या चिनार कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी), लेफ्टिनेंट जनरल डी. पी. पांडे ने कहा कि अभी संघर्ष विराम समझौता जारी है लेकिन, ‘‘हमें देखना होगा’’ कि आने वाले समय में पाकिस्तान का ‘‘उद्देश्य और इरादा क्या है।’’

श्रीनगर| सेना के एक शीर्ष कमांडर ने मंगलवार को यहां कहा कि कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास संघर्ष विराम जारी है और लेकिन भारतीय सेना दुश्मन के नापाक मंसूबों के खिलाफ सतर्क है। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना चाहती है कि संघर्ष विराम दोनों ओर के आम लोगों के फायदे के लिए जारी रहे, लेकिन साथ ही सेना किसी भी नापाक मंसूबों को विफल करने के लिए सतर्क है।

सेना की 15वीं कोर या चिनार कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी), लेफ्टिनेंट जनरल डी. पी. पांडे ने कहा कि अभी संघर्ष विराम समझौता जारी है लेकिन, ‘‘हमें देखना होगा’’ कि आने वाले समय में पाकिस्तान का ‘‘उद्देश्य और इरादा क्या है।’’

उन्होंने कश्मीर में युवाओं से हिंसा का रास्ता छोड़ने का आग्रह किया और कहा कि देश में उन तत्वों से निपटने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए जो उन्हें उकसा रहे हैं। उन्होंने उन लोगों के खिलाफ भी आगाह किया जो विदेश में अच्छा जीवन जी रहे हैं लेकिन देश में युवाओं को कट्टरपंथी बना रहे हैं और उनका भविष्य खराब कर रहे हैं।

लेफ्टिनेंट जनरल पांडे ने यहां एक कार्यक्रम से इतर पत्रकारों से कहा, ‘‘हम एक ऐसे दुश्मन से निपट रहे हैं जो पहले खुद की सोचता है। इसलिए उसकी मजबूरी थी जिसके लिए वे इस चीज (संघर्षविराम) के लिए आगे बढ़े। मैं इसे अपनी तरफ कश्मीर के लोगों के लिए देखता हूं और इससे दोनों तरफ के लोगों को फायदा हुआ है।’’

उन्होंने कहा कि सेना केवल कश्मीर के लोगों के फायदे के लिए संघर्ष विराम जारी रखना चाहेगी ताकि व्यापार, खेती, व्यवसाय और स्कूली शिक्षा के लिए मुक्त आवाजाही हो। उन्होंने कहा, ‘‘वे (दोनों तरफ के कश्मीर के लोग) शांति से एक आम नागरिक का जीवन जी सकें। यही सबसे बड़ा फायदा है जो उन्हें मिला है।’’ जीओसी ने कहा कि जब संघर्ष विराम हो रहा था, सेना बहुत सतर्क थी ‘‘क्योंकि दुश्मन बहुत कुटिल है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, जब तक संघर्ष विराम जारी है, हमें हर समय सतर्क रहने की जरूरत है और देखना होगा कि आने वाले समय में उसका उद्देश्य और इरादा क्या है।’’ गणतंत्र दिवस समारोह की पूर्व संध्या पर स्थिति को ‘‘बिल्कुल ठीक’’

बताते हुए, सेना के अधिकारी ने कहा कि पूरे कश्मीर में लोगों द्वारा राष्ट्रीय ध्वज की मांग में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा, ‘‘यह कश्मीर के लोगों के रूख का एक बड़ा संकेतक है। यह एक सकारात्मक बात हो रही है... मुझे लगता है कि आगे आने वाला समय बहुत अच्छा है।’’ लेफ्टिनेंट जनरल पांडे ने हथियार उठाने वाले युवकों से गलत रास्ता छोड़ने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘‘अब समय बदल गया है, रास्ता बदल गया है, लोग समझदार हो गए हैं, और सार्थक जीवन में लौट आए हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जब आप 24-25 वर्ष की आयु तक पहुंचेंगे, तो आप समझ जाएंगे कि यह रास्ता गलत है, इसलिए अपने जीवन में वापस आ जाओ, नहीं तो हमारे देश में कानून का राज है और जो भी बंदूक ले जाने के लिए अधिकृत है, वह इसे ले जाएगा, और अगर कोई व्यक्ति, जो अधिकृत नहीं है, बंदूक रखता है, तो उसे या तो पकड़ लिया जाएगा या आप जानते हैं कि उसके साथ क्या होगा।’’

नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार से लगातार उकसाने का जिक्र करते हुए, उन्होंने कहा कि इससे कहीं अधिक खतरनाक यह है कि भारत में निहित तत्व ‘‘इससे लाभान्वित’’ हो रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘उन लोगों के पास सब कुछ है, लेकिन हमारे युवाओं को भड़का रहे हैं... हमारा दुश्मन हमारा फायदा तब तक नहीं उठा सकता जब तक हमारे ही घरों में कुछ गलत नहीं हो जाता। इसलिए हमें इस पर ध्यान देना होगा।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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