नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ज्ञवाली ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर से की मुलाकात, इन मुद्दों पर हुई चर्चा
भारत और नेपाल ने सम्पर्क, अर्थव्यवस्था, ऊर्जा, सुरक्षा सहित सहयोग के विविध क्षेत्रों पर चर्चा की। विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार,‘‘यह वार्ता भारत-नेपाल संयुक्त आयोग की बैठक (जेसीएम) के ढांचे के तहत हुई।
नयी दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को अपने नेपाली समकक्ष प्रदीप कुमार ज्ञवाली के साथ बैठक की जिसमें दोनों नेताओं ने सम्पर्क, अर्थव्यवस्था, कारोबार, ऊर्जा, तेल एवं गैस, जल संसाधन, राजनीतिक एवं सुरक्षा से जुड़े मुद्दे, सीमा प्रबंधन, विकास गठजोड़, पर्यटन सहित सहयोग के विविध आयामों पर विस्तृत चर्चा की। विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार,‘‘यह वार्ता भारत-नेपाल संयुक्त आयोग की बैठक (जेसीएम) के ढांचे के तहत हुई। संयुक्त आयोग ने दोनों देशों के बीच बहुआयामी सहयोग के सभी विषयों की समीक्षा की और पारंपरिक रूप से करीबी और दोस्ताना संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने के बारे में चर्चा की।’’ दोनों पक्षों ने सम्पर्क, अर्थव्यवस्था, कारोबार, ऊर्जा, तेल एवं गैस, जल संसाधन, राजनीतिक एवं सुरक्षा से जुड़े मुद्दे, सीमा प्रबंधन, विकास गठजोड़, पर्यटन, शिक्षा, संस्कृति, क्षमता उन्नयन सहित सहयोग के विविध आयामों पर विस्तृत चर्चा की।
India and Nepal during the 6th meeting of the India-Nepal Joint Commission discussed several areas of cooperation including in the areas of connectivity, economy and trade, power, oil and gas, water resources, political and security issues, border management: MEA https://t.co/3TiyNvk4Lh
— ANI (@ANI) January 15, 2021
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बयान में कहा गया है कि इसमें संयुक्त आयोग की पिछली बैठक के बाद कई तरह के द्विपक्षीय कदमों को आगे बढ़ाने के संबंध में भी विचार किया गया। इस बैठक में जयशंकर और ज्ञवाली के अलावा विदेश सचिव हषवर्द्धन श्रृंगला और नेपाल के विदेश सचिव भरत राज पौडियाल सहित वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे। मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्षों ने क्षेत्र में कोविड-19 महामारी से मुकाबला करने में करीबी सहयोग के बारे में भी चर्चा की। नेपाल ने कोविशिल्ड और कोवैक्सीन टीका का निर्माण करने में उल्लेखनीय सफलता के लिये भारत को बधाई दी और नेपाल को जल्द टीका उपलब्ध कराने का आग्रह किया। दोनों पक्षों ने मोतिहारी-अमलेखगंज पेट्रोलियम उत्पाद पाइपलाइन को बड़ी उपलब्धि बताते हुए पाइपलाइन को चितवन तक विस्तार करने के बारे में चर्चा की। इसके अलावा सिलिगुड़ी और नेपाल में झापा के बीच पूर्वी क्षेत्र में एक नई पाइपलाइन स्थापित करने के बारे में भी चर्चा की।
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विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि दोनों पक्षों ने जयनगर से जनकपुर होते हुए कुर्था तक भारत और नेपाल के बीच पहली यात्री रेल लाइन पर काम पूरा होने का स्वागत किया। दोनों देशों ने इस बात का भी उल्लेख किया कि ट्रेन सेवाओं की शुरूआत की परिचालन संबंधी प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसके अलावा रक्सौल-काठमांडू ब्राडगेज रेलवे लाइन की संभावना के बारे में भी चर्चा की गई। संयुक्त आयोग ने सीमापार लोगों और माल की आवाजाही को सुगम बनाने की जरूरत बतायी। इस बात का भी उल्लेख किया गया कि हाल ही बीरगंज और बिराटनगर पर स्थापित समन्वित चेकपोस्ट से दोनों देशों के बीच लोगों और माल के निर्वाध आवाजाही में मदद मिली है। भारत ने बताया कि भैरवा में नये समन्वित चेक पोस्ट का निर्माण जल्द शुरू किया जायेगा। दोनों पक्षों ने पंचेश्वर बहुउद्देशीय परियोजना सहित अन्य संयुक्त जल विद्युत परियोजना में तेजी लाने के बारे में भी चर्चा की।
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बयान के अनुसार, ‘‘ दोनों पक्षों ने क्षेत्रीय, अंतरराष्ट्रीय एवं उप क्षेत्रीय सहयोग से जुड़े मुद्दों पर विचारों का आदान प्रदान किया। नेपाल ने विस्तारित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन किया। दोनों पक्षों ने आपसी सहमति के आधार पर अगली बैठक की तिथि तय करने पर सहमति व्यक्त की। नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ज्ञवाली बृहस्पतिवार को तीन दिवसीय यात्रा पर भारत पहुंचे। ज्ञवाली 14-16 जनवरी तक भारत की यात्रा पर रहेंगे। नेपाल सरकार द्वारा पिछले साल विवादित नया नक्शा प्रकाशित किए जाने के कारण उभरे सीमा विवाद के बाद इस देश के किसी वरिष्ठ नेता की यह पहली भारत यात्रा है। इस विवादित नक्शे में भारतीय क्षेत्र लिम्पियाधुरा, कालापानी और लिपुलेख को नेपाल का हिस्सा दर्शाया गया था। नेपाल के इस कदम पर भारत ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी और उसके दावे को खारिज किया था।
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