नये कृषि कानून ‘हर किसान की आत्मा पर आक्रमण’ हैं: राहुल गांधी
उन्होंने लाल डोरा क्षेत्र में लंबे समय से बसे लोगों को संपत्ति का अधिकार देने के सरकार के फैसले की भी घोषणा की। लाल डोरा, ऐसी भूमि को कहते हैं जो गांव के वास स्थान का हिस्सा होता है और इसका उपयोग गैर कृषि कार्यों के लिये किया जाता है।
उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी इस नींव की रक्षा करने और उसे मजबूत करने की लड़ाई लड़ती है। यही हमारे और केंद्र सरकार के बीच अंतर है। वे (केंद्र) पंचायतों और लोगों को ध्यान में रखे बगैर शीर्ष स्तर से योजनाओं पर जोर देते हैं और उनके कानूनों ने भारत की नींव कमजोर कर दी है।’’ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ‘‘यदि ये कानून किसानों और मजदूरों के हित में हैं, तो सरकार ने लोकसभा और राज्यसभा में इन्हें पारित कराने से पहले चर्चा क्यों नहीं होने दी? वे चर्चा से क्यों डर गये थे? पूरा देश चर्चा देखता और यह फैसला करता कि क्या ये कानून किसानों के हित में हैं। ’’ राहुल ने कहा, ‘‘लेकिन लोकसभा और राज्यसभा में, हिन्दुस्तान के किसानों की आवाज दबा दी गई। मैं खुश हूं कि पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र में किसानों और मजदूरों की आवाज सुनी जाएगी। ’’ उल्लेखनीय है कि हाल ही में संसद के मॉनसून सत्र के दौरान कृषि से संबद्ध तीन विधेयक पारित किये गये थे और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मंजूरी मिलने के बाद ये कानून बन गये हैं। कांगेस, कई विपक्षी दल और कई किसान संगठन इन नये कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। उनका दावा है कि ये किसानों के हितों को नुकसान और कॉरपोरेट को फायदा पहुंचाएंगे। हालांकि, केंद्र सरकार ने इससे इनकार करते हुए कहा कि ये नये कृषि कानून किसानों के लिये फायदेमंद होंगे और उनकी आय बढ़ाएंगे। राहुल ने अपने संबोधन में कहा, ‘‘हर इमारत की एक नींव होती है। यदि वह कमजोर होगी तो इमारत ढह जाएगी। यदि विधानसभा इमारत है तो पंचायतें और सरपंच (इसकी) नींव हैं...यदि हमें पंजाब या भारत को विकसित करना है, तो हमें इस इमारत और उसकी नींव को मजबूत करना होगा। ’’ उन्होंने कहा कि स्मार्ट गांव अभियान इसी की ओर लक्षित है। इस अभियान की शुरूआत को लेकर आयोजित डिजिटल कार्यक्रम में पंजाब के सभी ग्राम पंचायतों ने हिस्सा लिया।पंजाब कांग्रेस सरकार ने बिना भेदभाव के हर वर्ग के साथ किये वादों को निभाया है।
— Congress (@INCIndia) October 17, 2020
राज्य सिविल सेवाओं में महिला शक्ति को 33% कोटा देकर सशक्तिकरण की तरफ कदम बढ़ाया है। 'स्लम मुक्त पंजाब' का सपना भी जल्द पूरा कर शहरी गरीबों को सुविधा दी जायेगी।#ProgressWithCongress pic.twitter.com/msYrJCyLvG
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कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘जब कांग्रेस कोई कार्यक्रम चलाती है, चाहे यह मनरेगा हो, भोजन का अधिकार हो या ग्रामीण बुनियादी ढांचा कार्यक्रम हो, हम इन्हें पंचायतों के माध्यम से चलाते हैं... क्योंकि हम जानते हैं कि यदि हम इसमें पंचायतों को शामिल करेंगे, तो कार्यक्रम कारगर तरीके से चलेंगे। यदि हम पंचायतों और स्थानीय विधायकों को शामिल किये बगैर अपने कार्यक्रमों को शीर्ष स्तर से क्रियान्वित करने पर जोर देंगे तो यह नाकाम रहने वाला है क्योंकि इसमें जन भागीदारी नहीं होगी। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं दुखी हूं, पंजाब के लोग भी दुखी हैं कि केंद्र पंजाब की आत्मा पर आक्रमण कर रहा है। ’’ मुख्यमंत्री सिंह ने कहा कि केंद्र के नये कृषि कानूनों पर सोमवार को विधानसभा के विशेष सत्र में चर्चा होगी, जिसका उद्देश्य किसानों पर इन कानूनों के विनाशकारी प्रभावों का आक्रमकता के साथ एवं प्रभावी तरीके से मुकाबला करना है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार इन ‘काले कानूनों’ का मुकाबला करने के लिये हर कदम उठायेगी और पंजाब के किसानेां की हिफाजत करेगी। सिंह ने कहा कि वह अपने जीवन का एक-एक दिन पंजाब के लिये समर्पित कर देंगे। उन्होंने लाल डोरा क्षेत्र में लंबे समय से बसे लोगों को संपत्ति का अधिकार देने के सरकार के फैसले की भी घोषणा की। लाल डोरा, ऐसी भूमि को कहते हैं जो गांव के वास स्थान का हिस्सा होता है और इसका उपयोग गैर कृषि कार्यों के लिये किया जाता है।
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