पाक जम्हूरियत का नया आगाज, आ रहे हैं शहबाज, कप्तान के हार की पूरी टाइमलाइन

Imran
अभिनय आकाश । Apr 10 2022 1:02PM

इमरान खान ने कोशिश की कि आखिरी ओवर तक मैच पहुंचे ही नहीं। जब आखिरी ओवर शुरू हुआ तो आखिरी गेंद फेंकने के लिए इमरान खान मैदान पर ही नहीं पहुंचे। इमरान खान ने स्टेडियम के बाहर से ही अपनी पारी घोषित कर दी।

रात क्या होती है पाकिस्तान से पूछो आप तो सोए और सवेरा हो गया। लेकिन जब आधी दुनिया सो रही थी तो पाकिस्तान की जम्हूरियत के नये आगाज की पटकथा लिखी जा रही थी और इसके साथ ही एक महीने से चल रहे सियासी ड्रामे के द इंड का भी वक्त आ गया था। इमरान खान ने कोशिश की कि आखिरी ओवर तक मैच पहुंचे ही नहीं। जब आखिरी ओवर शुरू हुआ तो आखिरी गेंद फेंकने के लिए इमरान खान मैदान पर ही नहीं पहुंचे। इमरान खान ने स्टेडियम के बाहर से ही अपनी पारी घोषित कर दी। 24 घंटे तक जिस तरह का सियासी नाटक चलता रहा उसने दुनियाभर में पाकिस्तान की खूब फजीहत करवाई। 24 घंटे के सियासी ड्रामे के बाद आधी रात को पाकिस्तान की सियासत में इमरान खान का खेल खत्म हो गया। आखिरी ओवर और आखिरी गेंद की बात करने वाले नियाजी मैदान में कहीं नजर नहीं आए। एक दिन पहले तक इमरान खान हार मानने को तैयार नहीं थे। लेकिन इमरान खान को ऐसा घेरा गया कि अविश्वास प्रस्ताव से बच निकलकर भागने के सारे दरवाजे बंद हो गए थे। जिस वोटिंग को सुबह साढ़े 10 बजे शुरू होना था। वो आधी रात एक बजे हुई। शनिवार के दिन को इमरान खान ने दुनियाभर के लिए नाटक का मंच बना दिया था। ऐसे में आपको बताते हैं कि ये नौटंकी कहां से शुरू हुई? कैसे शुरू हुई? कैसे विपक्ष ने इमरान खान को क्लीन बोल्ड कर दिया? 

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कप्तान की हार का पूरा टाइमलाइन

8 मार्च को विपक्ष ने इमरान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया।

19 मार्च को इमरान की पार्टी के असंतुष्ट सांसदों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।

20 मार्च को अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए 25 मार्च संसद का सत्र बुलाया गया यानी स्पेशल सेशन की कॉल दी गई।

23 मार्च को इमरान खान ने कहा कि वो किसी कीमत पर इस्तीफा नहीं देंगे।

25 मार्च को पाकिस्तानी संसद का सत्र अविश्वास प्रस्ताव पेश किए बिना स्थगित कर दिया गया। उसके बाद से ही ये सवाल उठने लगे कि आखिर इमरान खान क्या करवाना चाहते हैं?

27 मार्च को इमरान खान ने रैली में सरकार गिराने के लिए विदेशी साजिश का दावा किया।

28 मार्च को शहबाज शरीफ ने नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पेश किया।

31 मार्च को अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के लिए पाकिस्तानी संसद में बैठक हुई।

1 अप्रैल को इमरान खान ने दावा किया कि उनकी जान को खतरा है और उनकी हत्या की साजिश की जा सकती है। 

3 अप्रैल डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी ने इमरान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को रोक दिया। 

3 अप्रैल के ही दिन राष्ट्रपति अल्वी ने इमरान की सलाह पर नेशनल असेंबली भंग कर दी। 

4 अप्रैल को राष्ट्रपति की तरफ से कहा गया कि कार्यवाहक पीएम की नियुक्ति तक इमरान खान पद पर बने रहेंगे। 

4 अप्रैल को पाक सुप्रीम कोर्ट ने अविश्वास प्रस्ताव खारिज होने पर सुनवाई 1 दिन के लिए स्थिगत कर दी।

5 अप्रैल को पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने अविश्वास प्रस्ताव पर संसद की कार्यवाही का रिकॉर्ड मांगा। 

7 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने अविश्वास प्रस्ताव खारिज करने के डिप्टी स्पीकर के फैसले को रद्द कर दिया और नेशनल असेंबली की बहाली का आदेश दिया। 

7 अप्रैल को अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग के लिए 9 अप्रैल सुबह 10 बजे का वक्त तय किया गया।

8 अप्रैल को इमरान खान ने देश को संबोधित किया और सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दुख जताया। 

9 अप्रैल को अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग के लिए सत्र शुरू हुआ। दिनभर हंगामा हुआ। स्पीकर असद कैसर ने अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग कराने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट एक्शन में आया और रात 12 बजे चीफ जस्टिस पहुंचे।

10 अप्रैल रात 12: 08 मिनट पर नेशनल असेंबली के स्पीकर ने इस्तीफा दे दिया। रात 12: 15 में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग शुरू हुई। 

रात 01: 15 बजे अविश्वास प्रस्ताव पास हो गया और इमरान सरकार गिर गई। 342 सदस्यीय सदन में 174 सदस्यों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया।

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अब आगे क्या

वहीं अब नए प्रधानमंत्री के लिए सोमवार को फिर से संसद बुलाई गई है। इस दौरान वोटिंग की जाएगी. बता दें कि विपक्षी नेता शहबाज शरीफ के नेतृत्व में एक नई सरकार बनने की सबसे अधिक संभावना है। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के भाई हैं। पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) के अध्यक्ष हैं। 1999 में तख्तापलट के बाद पाकिस्तान छोड़ना पड़ा। 2007 में शाहबाज शरीफ और उनका परिवार फिर पाकिस्तान लौट आया। जून 2008 में शाहबाज फिर से पंजाब के मुख्यमंत्री बन गए। 2013 के चुनाव में शाहबाज तीसरी बार पंजाब के मुख्यमंत्री बने। 3 बार पाकिस्तान के सूबे पंजाब के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। पहली बार 1997 में पंजाब प्रोविंस के सीएम बने। 2018 में पाकिस्तान में आम चुनाव हुए. इस चुनाव में पीएमएल नवाज ने शाहबाज शरीफ को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया। हालांकि, इस चुनाव में इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी की जीत हुई। शाहबाज शरीफ विपक्ष के नेता चुने गए। 

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