मध्य प्रदेश में लागू हुई नई शिक्षा नीति, मुख्यमंत्री और महामहिम राज्यपाल ने किया इसका शुभारंभ

भोपाल। मध्य प्रदेश में गुरुवार से नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का शुभारंभ हो गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के संबंध में सभी पहलुओं पर भोपाल स्थित मिंटो हॉल में चर्चा की गई। इसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, राज्यपाल मंगूभाई पटेल एवं उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव समेत कई शिक्षाविद शामिल हुए।
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आपको बता दें कि प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू हो गई है। यह नई नीति शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लिए लागू हो गई है। इसकी घोषणा महामहिम राज्यपाल मंगूभाई पटेल और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की। इनके साथ ही कार्यक्रम में विश्वविद्यालयों के कुलपति, कुलसचिव और प्रचार भी शामिल हुए।
वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति लागू कर रहे हैं यह गर्व की बात है। नई शिक्षा नीति के बारे में अनेक प्रयास हुए। विद्यार्थियों के जीवन को बदलने वाली नई शिक्षा नीति बनी है। उन्होंने कहा कि शिक्षा वह है जो मुक्ति दिलवाए, इस लोक में भी और परलोक में भी।
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इसके साथ ही शिवराज सिंह ने इस मौके पर वाइस चांसलरों को उनके कामों को लेकर भी हिदायत दी है। उन्होंने कहा कि वाइस चांसलर के नाम शिक्षा दिए जाने और मॉनीटिरिंग जरूरी है। विश्वविद्यालय रिसर्च का केंद्र होना चाहिए। विश्वविद्यालय उद्योगों के साथ मिलकर काम करें। जिससे हम शिक्षा को और सार्थक बना सकें।
इस कार्यक्रम में महामहिम राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने संबोधित करते हुए कहा कि जो नई शिक्षा नीति आई है उसका पालन होना चाहिए। तक्षशिला नालंदा विद्यापीठ जैसी शिक्षा संस्थान देश में थे। इस विद्यापीठ में बाहर से भी लोग पढ़ने के लिए आते थे।प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू कराने के हर संभव प्रयास होना चाहिए। इस कार्यशाला के आयोजन के साथ ही काम पूरा हो जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि शिक्षा को जीवन में उपयोगी एवं दायित्व पूर्ण बनाकर हम देश के विकास और सुपर पावर बनाने का अवसर दिया है। वैश्विक प्रतिस्पर्धा के अनुकूल शिक्षा व्यवस्था होने की मांग हैं। शिक्षा को रोजगार आधारित बनाने के लिए कौशल उन्नयन की जरूरत है।
इसी कड़ी में उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने भी कार्यक्रम को संबोधति करते हुए नई शिक्षा नीति लागू करने पर मुख्यमंत्री का आभार जताया है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति को लेकर अलग-अलग तरह की चर्चा हुई, कोरोनाकाल में थोड़ा कठिन था।नई शिक्षा नीति का अर्थ रोजगार जोड़ने का काम हुआ है। उन्होंने आगे ये कहा कि नई शिक्षा नीति में झांसी की रानी के साथ-साथ रानी अहिल्या बाई, भील टनटा बिरसा मुंडा, रानी अवंती बाई की जीवनी को भी जगह दी है।