उत्तर प्रदेश की बड़ी खबरें: वार्षिक परीक्षा एवं सेमेस्टर परीक्षाओं के संबंध में नए दिशा निर्देश जारी

dinesh sharma

प्रदेश में चिकित्सा सुविधाओं के निरन्तर संवर्द्धन कार्यों के साथ-साथ प्राथमिक स्वास्थ्या केन्द्रों को बेहतर किए जाने का कार्य भी जारी है। इसी क्रम मा0 मुख्यमंत्री की घोषणा से आच्छादित जनपद पीलीभीत के कुकरीखेड़ा में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के भवन निर्माण का कार्य जारी है।

उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार लगातार काम कर रही है। सरकार द्वारा आज भी कई बड़े निर्णय लिए गए। आइए पढ़ते हैं उत्तर प्रदेश की दिनभर की आज की बड़ी खबर।

 

विश्वविद्यालयों की शैक्षिक सत्र 2020-21 की वार्षिक परीक्षा एवं सेमेस्टर परीक्षाओं के संबंध में नए दिशा निर्देश जारी

उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने बताया कि कोविड-19 महामारी के कारण वैश्विक स्तर पर जन जीवन व्यापक रूप से प्रभावित हुआ है, जिसके दृष्टिगत मुख्यमंत्री द्वारा उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के कारण फैल रही महामारी को आपदा घोषित किया गया है। कोरोना संक्रमण के दृष्टिगत छात्रहित में उच्च शिक्षण संस्थानों में सत्र के दौरान ऑनलाइन पठन-पाठन की निरन्तर व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु उप्र उच्च शिक्षा डिजिटल लाइब्रेरी के माध्यम से गुणवत्तायुक्त ऑनलाइन 76,000 से भी अधिक ई-कन्टेन्ट छात्रों को उपलब्ध कराए गए। इस डिजिटल लाइब्रेरी की समृद्धता, विशेषता एवं नएपन के दृष्टिगत नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी ऑफ इण्डिया ने उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा डिजिटल लाइब्रेरी के साथ आईआईटी, खड़गपुर के माध्यम से एमओयू हस्ताक्षरित किया है। इस प्रकार कोरोना काल में प्रदेश में छात्रों को उत्तम पाठ्य सामग्री उपलब्ध करायी गयी जिसका 05 लाख से भी अधिक छात्रों ने घर बैठे ही लाभ उठाया।

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उप मुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश में उच्च शिक्षा विभाग के अधीन स्थापित विश्वविद्यालयों में कोविड-19 के कारण शैक्षणिक कैलेण्डर के अनुसार शिक्षण कार्य कराये जाने तथा छात्रों के ज्ञान के मूल्यांकन हेतु सम सेमेस्टर परीक्षायें एवं वार्षिक परीक्षायें सम्पन्न नहीं करायी जा सकी हैं। कतिपय विश्वविद्यालयों में पठन-पाठन व परीक्षा पूर्णरूप से सेमेस्टर पद्धति पर आधारित है जबकि कतिपय विश्वविद्यालयों में यह पूर्णरूप से वार्षिक पद्धति पर आधारित है। कुछ विश्वविद्यालयों में दोनों ही पद्धतियां प्रचलन में हैं अर्थात् कुछ पाठयक्रम सेमेस्टर प्रणाली एवं कुछ पाठ्यक्रम वार्षिक प्रणाली के अन्तर्गत संचालित किये जा रहे हैं। वार्षिक पद्धति के अन्तर्गत संचालित पाठ्यक्रमों में कतिपय विश्वविद्यालयों में आंतरिक मूल्यांकन की व्यवस्था नहीं है एवं उक्त पाठ्यक्रमों में छात्रों के मूल्यांकन का आधार वार्षिक परीक्षा है। उल्लेखनीय है कि शैक्षणिक सत्र 2019-20 में भी कोविड-19 के कारण विश्वविद्यालयों में पठन-पाठन एवं परीक्षा से सम्बन्धित कार्य गंभीरता से प्रभावित होने के कारण प्रथम वर्ष के छात्रों को द्वितीय वर्ष में इस आधार पर प्रोन्नत कर दिया गया था कि सत्र 2020-21 में ऐसे छात्रों की द्वितीय वर्ष की परीक्षा सम्पन्न होने के पश्चात द्वितीय वर्ष के परीक्षा परिणाम के आधार पर उनका प्रथम वर्ष का परिणाम घोषित किया जायेगा।

उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने बताया कि उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग के विश्वविद्यालयों के लगभग 41 लाख छात्र-छात्राओं की वार्षिक एवं सेमेस्टर परीक्षाओं को सम्पन्न कराये जाने में कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न व्यवधान के दृष्टिगत शिक्षा की गुणात्मकता को सुनिश्चित किये जाने के दृष्टिगत छात्र-छात्राओं को प्रोन्नत किये जाने अथवा उनके वार्षिक परिणामों को घोषित किये जाने के सम्बन्ध में मा० राज्यपाल/कुलाधिपति तथा मा० मुख्यमंत्री जी से विचार विमर्श के बाद दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। उप मुख्यमंत्री ने सेमेस्टर पद्धति के अन्तर्गत संचालित स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के संदर्भ में जारी दिशा-निर्देश के संबंध में बताया कि जहां स्नातक प्रथम/तृतीय (विषम) तथा स्नातकोत्तर प्रथम सेमेस्टर की परीक्षायें हो चुकीं है वहां स्नातक द्वितीय/चतुर्थ (सम) सेमेस्टर तथा स्नातकोत्तर द्वितीय सेमेस्टर के अंक प्रथम/तृतीय सेमेस्टर के अंको के आधार पर अंतर्वेशन से तथा मिड-टर्म/अन्तरिम मूल्यांकन के आधार पर निर्धारित किए जा सकते हैं।

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जहां विषम एवं सम सेमेस्टर की परीक्षाएं सम्पन्न नहीं हुई हैं वहां, मिड टर्म/अन्तरिक मूल्यांकन के आधार पर विषम एवं सम सेमेस्टर के परिणाम तथा अंक अंतर्वेशन से निर्धारित किए जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि स्नातक तथा स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के अंतिम सेमेस्टर की परीक्षायें सम्पन्न करायी जायेंगी। यदि स्नातक पंचम सेमेस्टर तथा स्नातकोत्तर तृतीय सेमेस्टर की परीक्षाएं सम्पन्न नही हुई हों, तो अन्तिम सेमेस्टर में प्राप्त अंको के अंतर्वेशन से पूर्व सेमेस्टर के अंक निर्धारित किए जा सकते है। उप मुख्यमंत्री ने वार्षिक परीक्षा पद्धति के अन्तर्गत संचालित पाठ्यक्रमों के संदर्भ में जारी दिशा-निर्देश के संबंध में बताया कि ऐसे विश्वविद्यालय जहां स्नातक पाठ्यक्रमों के प्रथम वर्ष की परीक्षाएं सम्पन्न नहीं हुई हैं, उनके छात्रों को द्वितीय वर्ष में प्रोन्नत कर दिया जायेगा तथा वर्ष 2022 में होने वाली उनकी द्वितीय वर्ष की परीक्षा के अंकों के आधार पर अंतर्वेशन से उनके प्रथम वर्ष का परिणाम तथा अंक निर्धारित किए जा सकते हैं। स्नातक द्वितीय वर्ष के छात्रों के लिये उन्होंने बताया कि ऐसे विश्वविद्यालय जहां वर्ष 2020 में प्रथम वर्ष की परीक्षायें हुई थीं, वहां प्रथम वर्ष के अंको के आधार पर द्वितीय वर्ष के परिणाम तथा अंक निर्धारित किये जा सकते हैं और तदनुसार छात्रों को तृतीय वर्ष में प्रोन्नत किया जायेगा। ऐसे विश्वविद्यालय जहां वर्ष 2020 में प्रथम वर्ष की परीक्षायें नहीं हुई थी, उनके द्वारा द्वितीय वर्ष की परीक्षायें करायी जायेंगी और परीक्षा परिणाम के अनुसार तृतीय वर्ष में प्रवेश दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि स्नातक तृतीय/अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को सम्पन्न कराया जायेगा।

डॉ दिनेश शर्मा ने बताया कि स्नातकोत्तर पूर्वार्द्ध के छात्रों को उत्तरार्द्ध में प्रोन्नत किया जायेगा। जब वर्ष 2022 में उत्तरार्द्ध की परीक्षायें होंगी, तो उनमें प्राप्त अंकों के आधार पर उन्हें अंतर्वेशन से पूर्वार्द्ध वर्ष हेतु अंक प्रदान किये जा सकते हैं जबकि स्नातकोत्तर उत्तरार्द्ध की परीक्षायें करायी जायेंगी। स्नातक/स्नातकोत्तर के अन्तिम सेमेस्टर एवं अन्तिम वर्ष तथा उपरोक्तानुसार यथावश्यक स्नातक द्वितीय वर्ष की परीक्षाओं के आयोजन के संबंध में जारी दिशा निर्देश के संबध में उन्होंने बताया कि समस्त परीक्षाएं यथासंभव अगस्त, 2021 मध्य तक सम्पन्न करा ली जायें। स्थानीय परिस्थितियों को देखते हुए सम्बन्धित विश्वविद्यालय द्वारा परीक्षाओं की तिथियों का निर्धारण किया जायेगा। प्रायोगिक परीक्षाएं आयोजित नहीं की जायेंगी और उनके अंको का निर्धारण लिखित परीक्षा के आधार पर किया जा सकता हैं। मौखिक परीक्षा आवश्कतानुसार आनलाइन सम्पन्न करायी जायेंगी। परीक्षा प्रणाली का सरलीकरण विश्वविद्यालय स्तर से किया जायेगा। परीक्षा एवं प्रश्न पत्र का स्वरूप क्या होगा, इसका निर्णय लेने के लिए सम्बन्धित विश्वविद्यालय के कुलपतिध्कार्य परिषद को अधिकृत किया जाता है। परीक्षा प्रणाली का सरलीकरण इस प्रकार किया जा सकता है कि एक विषय के सभी प्रश्नपत्रों को सम्मिलित करते हुए एक ही प्रश्नपत्र बनाने पर विचार किया जा सकता है। बहुविकल्पीय एवं ओ0एम0आर0 आधारित अथवा विस्तृत उत्तरीय प्रश्न पत्र विश्वविद्यालयों की अपनी तैयारी के अनुरूप विचारणीय होंगे। यदि किसी विश्वविद्यालय द्वारा किसी पाठ्यक्रम विशेष की परीक्षा ऑनलाइन के माध्यम से कराई जानी सम्भव हो तो सक्षम प्राधिकारी द्वारा विचारणीय होंगी। परीक्षा समयावधि 03 घण्टे के स्थान पर एक-डेढ़ घण्टे की होगी। प्रश्न पत्रों के हल करने की समयावधि आधी हो जाने के कारण उदाहरणतः परीक्षार्थियों को किसी प्रश्न पत्र में यदि 10 प्रश्नों के उत्तर दिए जाने थे, उसके स्थान पर 05 प्रश्नों के उत्तर दिए जाएं। इसी प्रकार लगभग 50 प्रतिशत के अनुपात में छात्रध्छात्राओं द्वारा समस्त विषयों के प्रश्न पत्रों में हल किए जाने वाले प्रश्नों की संख्या निर्धारित की जा सकती हैं। परीक्षा के दौरान कोविड-19 से बचाव के समस्त प्रोटोकॉल एवं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाना सुनिश्चित करें। इस हेतु केन्द्रों की संख्या बढ़ायी जायेगी। एक कमरे में छात्रों के बैठने की व्यवस्था इस प्रकार से की जाए कि सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन हो। कमरे में हवा की पर्याप्त व्यवस्था हो तथा खिड़कियों रोशनदान खोलकर परीक्षा सम्पन्न करायी जाय। परीक्षा के पहले एवं बाद में सैनिटाइजेशन की व्यवस्था, अनिवार्य फेस मास्क एवं थर्मल स्कैनिंग की समुचित व्यवस्था सुनिष्चित करायी जाय। कोरोना संक्रमण के कारण यदि कोई छात्र परीक्षा में सम्मिलित नहीं हो पाता है, तो उस दषा में छात्र को उस कोर्सध्प्रश्नपत्र के विशेष परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए अवसर दिया जा सकता है जो विश्वविद्यालय की सुविधानुसार आयोजित किया जा सकेगा जिससे छात्रों को किसी प्रकार की असुविधाध्क्षति न हों। उपर्युक्त प्राविधान चालू शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए केवल एक बार लागू होगा।

उप मुख्यमंत्री ने बताया कि 31 अगस्त, 2021 तक परीक्षाफल घोशित किया जायेगा। शैक्षणिक सत्र 2021-22 दिनांक 13 सितम्बर, 2021 से प्रारम्भ किया जायेगा। ऐसे छात्र जो उपरोक्त व्यवस्था से परीक्षा के घोषित परिणाम से संतुष्ट नहीं होंगे, वे 2022 में आयोजित होने वाले बैक पेपर परीक्षा अथवा 2022-23 में आयोजित होने वाली वार्शिकध्सेमेस्टर परीक्षा के उन समस्तध्किसी भी विषय में सम्मिलित होकर अपने अंको में सुधार करने के अवसर प्राप्त कर सकेंगे। महाविद्यालयध्विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों, स्टाफ एवं छात्रों के वैक्सीनेशन का कार्य प्राथमिकता पर लिया जय। उपरोक्त दिशा-निर्देश  विश्वविद्यालय में संचालित कला, विज्ञान, वाणिज्य, विधि एवं कृषि विषयों के स्नातक/परास्नातक पाठ्यक्रमों के संदर्भ में है। अभियंत्रण एवं प्रबन्धन के स्नातक/परास्नातक पाठ्यक्रमों के संदर्भ में प्राविधिक षिक्षा विभाग, उ0प्र0 द्वारा जारी निर्देश लागू होंगे। कोविड-19 वैष्विक महामारी को दृष्टिगत रखते हुए विश्वविद्यालय का सत्र नियमिति रहें एवं छात्रों का भविष्य सुरक्षित हों, इस परिप्रेक्ष्य में विश्वविद्यालयों की स्वायत्ता को ध्यान में रखते हुए उ0प्र उच्च शिक्षा परिषद के माध्यम से सभी विश्वविद्यालयों से यह अपेक्षा की गयी है कि विश्वविद्यालय उक्त मार्गदर्शी निर्देशों को ध्यान में रखते हुए अपनी परी नियमावलियों एवं अपने छात्रों की आवश्यकता अनुरूप अपनी विद्या परिषद/कार्य परिषद/सक्षम प्राधिकारी के स्तर से सम्यक विचार कर निर्णय लेकर परीक्षा के कार्यक्रम के साथ अपनी कार्य योजना शासन को दिनांक 18 जून, 2021 तक प्रेषित करेंगे।

सड़कों के सामान्य मरम्मत के कार्य तत्काल कराये जाएं -केशव प्रसाद मौर्य

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सड़कों के सामान्य मरम्मत के कार्य तत्काल कराये जाएं। जिन मार्गों की स्वीकृतियां लेना शेष है उनकी स्वीकृतियां तत्काल ली जाएं। मुख्य मार्गों से अनजुड़ी बसावटों की स्वीकृतियां तत्काल लेते हुए कार्य कराये जाएं। उन्होंने कहा कि राज्य मार्गों, मुख्यमार्गों तथा बड़े सेतुओं का नामकरण महापुरूषों के नाम से किये जाने की भी रूपरेखा तैयार की जाए तथा लोकनिर्माण के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों को रोजगार देने की ठोस व प्रभावी रणनीति बनायी जाए। जो मार्ग 03 मीटर के चैड़े बने हैं उन्हें 05 मीटर चैड़ा करने की कार्ययोजना बनाते हुए कार्यों को शीघ्र से शीघ्र कराया जाए। उपमुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य आज अपने सरकारी आवास 7-कालिदास मार्ग पर आयोजित उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।

केशव प्रसाद मौर्य ने निर्देश दिए कि लोक निर्माण विभाग के निरीक्षण भवनों की साफ-सफाई तथा शौचालयों आदि को व्यवस्थित किया जाए। ज्यादा आबादी, ज्यादा लम्बाई तथा विशेष महत्व के स्थलों को बनने वाले ग्रामीण मार्गों की कार्ययोजना एक सप्ताह में उपलब्ध करायी जाए। इन कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर कराया जायेगा। उन्होंने निर्देश दिए कि सड़कों खासकर स्टेट हाई-वे के किनारे अधिक से अधिक वृक्षारोपण किया जाए और विशेष रूप से हर्बल प्रजातियों के पौधों को रोपित किया जाए। उन्होंने कहा कि इन पौधों के अनुरक्षण की भी पर्याप्त व्यवस्था की जाए। माइल स्टोन के परिवर्तन के कार्य को भी प्राथमिकता के आधार पर कराया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि मुख्यमंत्री व उनकी घोषणाओं के जो कार्य अवशेष हैं उन्हें उक्त प्राथमिकता के आधार पर पूरा कराया जाये। जिन सड़कों पर गड्ढे हो गये हैं उनकी स्टेटस रिपोर्ट मंगाकर उनको प्राथमिकता के आधार पर सही कराया जाए ताकि किसी दुर्घटना की आशंका न रहे। जो परियोजनाएं पूरी हो गई हैं उनके लोकार्पण तथा जिन्हें शुरू कराया जाना है उनकी सूची जल्द से जल्द तैयार कर ली जाए। जय हिन्द वीर पथ, डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम गौरव पथ, मेजर ध्यानचंद विजय पथ, स्वामी विवेकानन्द पथ जो बने हैं उनका निरीक्षण करा लिया जाए, कहीं पर कोई टूट-फूट हो तो उसकी मरम्मत करा दी जाए। हर्बल मार्गों व प्लास्टिक मार्गों के निर्माण में तत्परता बरती जाए, इससे पर्यावरण का संरक्षण भी होगा। उन्होंने कहा कि लोक निर्माण विभाग द्वारा उत्कृष्ट व उल्लेखनीय कार्य किए गए हैं, इनकी एक बुकलेट तैयार करायी जाए तथा उनकी लघु फिल्म बनाकर उनका प्रसारण कराया जाना सुनिश्चित किया जाए। इन्टर स्टेट रोड पर गेट बनाने की योजना को भी अमल में लाया जाए। उन्होंने कहा कि जो वृक्षारोपण किया जाए उनके ट्री-गार्ड बनाये जाए तथा पौधों की पर्याप्त सुरक्षा बनी रहे इसके लिए ग्राउण्ड लेवल के कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय की जाए। उन्होंने आरओबी, फ्लाईओवर, नदी सेतु तथा लघु सेतुओं के शेष कार्यों को भी समय से पूरा कराया जाए। बैठक में प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग नितिन रमेश गोकर्ण, सचिव समीर वर्मा, विभागाध्यक्ष लोक निर्माण विभाग पीके सक्सेना, मुख्य अभियन्ता वीएस रावत, राज्य सेतु निगम के प्रबन्ध निदेशक अरविन्द श्रीवास्तव सहित अन्य प्रमुख अधिकारी मौजूद रहे।

प्रदेश सरकार श्रमिकों, गरीबों, वंचितों और मजदूरों तथा उनके परिवारों के प्रति बेहद संवेदनशील

प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा, वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने प्रधानमंत्री जी द्वारा उत्तर प्रदेश के साथ-साथ अन्य राज्यों को भी 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों का टीकाकरण केंद्र सरकार द्वारा स्वयं कराने के लिए की गई घोषणा पर आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि इससे सभी राज्यों को फायदा होगा और सभी लोगों का समान रूप से टीकाकरण किया जा सकेगा। उन्होंने प्रधानमंत्री जी द्वारा दीपावली तक देश के 80 करोड़ गरीब लोगों को खाद्यान्न देने की घोषणा का भी स्वागत किया है। चिकित्सा शिक्षा मंत्री आज विधानसभा स्थित अपने कार्यालय में पत्रकारों से वार्ता के दौरान यह बात कहीं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी के निर्देशानुसार आगामी 14 जून से रेहडी, पटरी दुकानदार, दूध व सब्जी विक्रेता, आटो, टेम्पो व ई-रिक्शा चालक तथा ठेला-खोम्ची लगाने वाले का टीकाकरण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिस जनपद में कोरोना के सक्रिय केस 600 से कम हुए है, वहां कोरोना कफ्र्यू खत्म कर दिया गया है। ऐसे सभी जनपदों में  शाम 7ः00 बजे से सुबह 7ः00 बजे तक के कफ्र्यू में ढील नहीं होगी और साप्ताहिक बंदी भी उसी प्रकार लागू रहेगी। लोगों कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए इस दौरान स्वच्छता, सफाई, सैनिटाइजेशन का कार्य उसी प्रकार होता रहेगा और जो भी सुविधाएं लोगों को मिलती रही हैं वह व्यवस्था अभी जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि यदि किसी जिले में कोरोना के केस 600 से ज्यादा आते हैं तो वहां के हालात के अनुरूप जिलाधिकारी को निर्देश दिए गए हैं कि वह कोरोना कफ्र्यू के मामले में निर्णय लेंगे।

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पत्रकारों द्वारा कोरोना वैक्सीन के लिए प्रदेश सरकार द्वारा किये जा रहे ग्लोबल टेंडर के बारे में पंूछने पर उन्होंने बताया कि ग्लोबल टेंडर के पीछे सरकार की मंशा थी कि महामारी की रोकथाम के लिए जल्द से जल्द लोगों को टीका उपलब्ध कराया जाए। प्रदेश में 01 मई से टीकाकरण अभियान की शुरुआत के दौरान हमारे पास टीके की कमी थी,जिससे इसकी शुरुआत धीरे-धीरे हुई। लोगों को कोरोना से बचाने के लिए एकमात्र टीकाकरण उपाय था। उन्होंने बताया कि प्रदेश में अब तक लगभग दो करोड़ सात लाख से ज्यादा टीकाकरण हो चुका है, जिसमें 45 वर्ष से अधिक आयु के साथ 18 से 44 उम्र तक के भी लोग शामिल हैं। इसमें फ्रंटलाइन वर्कर तथा हेल्थ वर्कर्स भी हैं।इस महामारी में सरकार ने सभी लोगों का ध्यान दिया है। चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने समाजवादी पार्टी के संरक्षक, संस्थापक और नेता जी मुलायम सिंह यादव द्वारा कोरोनावैक्सीन लगवाने के लिए बधाई दी हैं। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के ही एक अन्य नेता ने कोरोना वैक्सीन को भाजपा की वैक्सीन बता कर लगवाने से मना कर दिया था। वैज्ञानिकों द्वारा बनाई गयी वैक्सीन को उन्होंने भाजपा की वैक्सीन बताकर महामारी के दौरान लोगों की मदद करने के बजाय उन्हें गुमराह किया तथा लोगों में वैक्सीन के प्रति भय का माहौल पैदा किया। उन्होंने कहा किसभी लोगों का जल्द से जल्द वैक्सीनेशन हो इस दिशा में सरकार प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव अभी तक भाजपा की हर जन उपयोगी नीतियों का विरोध करते आये है। मुझे आशा है कि उनके पिता जी द्वारा वैक्सीन लगवा लेने से शायद वेअब भाजपा की जन उपयोगी नीतियों का सम्मान करेंगे।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार श्रमिकों, गरीबों, वंचितों और मजदूरों तथा उनके परिवारों के प्रति बेहद संवेदनशील है। निर्माण श्रमिकों के साथ रेहड़ी, पटरी दुकानदारों का भी सरकार पंजीकरण करा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में तीसरी लहर आने की आशंका को लेकर सरकार संजीदा है और 01 जून से 18 से 44 आयु वर्ग के सभी लोगों का टीकाकरण करा रही है।उन्होंने बताया कि 30 अप्रैल, 2021 को प्रदेश में जहां 3,10,783 कोरोना के केस थे, वही अब  97.9 प्रतिशत रिकवरी दर के साथ अब मात्र 14067 केस है। प्रत्येक जनपद में दो स्पेशल अभिभावक बूथ बनाए गए हैं, जिसमें ऐसे अभिभावकों को टीकाकरण किया जा रहा है जिनके बच्चों की उम्र 12 वर्ष से कम है। सरकारी कर्मचारी, शिक्षक, पत्रकार, वकीलों आदि का भी टीकाकरण प्राथमिकता पर कराया जा रहा है।

तर्कसंगत अंकों के निर्धारण के संबंध में सुझाव मांगे गये

हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट के पंजीकृत छात्रों के तर्कसंगत अंको के निर्धारण के सम्बन्ध में विगत कई दिनों से माध्यमिक शिक्षा विभाग में बैठके एवं चर्चायें चल रहीं हैं। इसी क्रम में आज अपर मुख्य सचिव, माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला की अध्यक्षता में वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से प्रदेश के शिक्षक विधायकों, प्रधानाचार्य परिषद एवं शिक्षक संगठनों से चर्चा की गई। शुक्ला ने कहा कि कोरोना महामारी से उत्पन्न असाधारण परिस्थितियों के कारण छात्रों के स्वास्थ्य के दृष्टिगत व्यापक छात्र हित एवं जनहित में मुख्यमंत्री एवं उप मुख्यमंत्री द्वारा माध्यमिक शिक्षा परिषद, उत्तर प्रदेश प्रयागराज की वर्ष 2020-21 की हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट की बोर्ड परीक्षाएं निरस्त करने का निर्णय लिया गया है। छात्रों के तर्क संगत अंकों के निर्धारण के संबंध में यह चर्चा रखी गयी है ।

   

विधान परिषद सदस्य डॉ. हरि सिंह ढिल्लो द्वारा अवगत कराया गया कि हाई स्कूल में प्राप्त अंकों के साथ कक्षा-11 के वार्षिक प्राप्तांक तथा प्री बोर्ड के अंकों को सम्मिलित करते हुए इण्टरमीडिएट का परीक्षाफल तैयार किया जाए। यदि भविष्य में छात्र चाहता है तो उसे सुधार का भी अवसर मिलना चाहिए। इसी प्रकार डा0 यज्ञ दत्त शर्मा, ने कहा कि छात्रों को भविष्य में सुधार का अवसर प्रदान किया जाय। विधान परिषद सदस्य श्री उमेश द्विवेदी द्वारा यह विचार व्यक्त किया गया कि विद्यालयों के प्रधानाचार्यो द्वारा दिये गये अंकों को आधार बनाया जाय। विधान परिषद सदस्य श्री सुरेश चन्द्र त्रिपाठी द्वारा यह सुझाव दिया गया कि विद्यालय द्वारा प्रदत्त अर्द्धवार्षिक, वार्षिक तथा प्री बोर्ड के अंकों के आधार पर परीक्षाफल तैयार किया जाना चाहिए । विधान परिषद सदस्य श्री आकाश अग्रवाल द्वारा यह सुझाव दिया गया कि प्री बोर्ड के साथ बोर्ड के अंकों  को आधार बनाया जाय। श्री सुनील कुमार भडाना, अध्यक्ष, राजकीय शिक्षक संघ द्वारा मासिक, अर्द्धवार्षिक एवं प्री बोर्ड के अंकों के आधार पर परीक्षाफल तैयार किये जाने का सुझाव दिया। विधान परिषद सदस्य श्रीचंद शर्मा ने सुझाव दिया कि औपचारिक पठन-पाठन प्रभावित होने के कारण छात्रों को उदारता से अंक दिया जाय तथा भविष्य में सुधार हेतु पुनः अवसर प्रदान किया जाय। विधान परिषद सदस्य श्री लाल विहारी यादव द्वारा यह सुझाव दिया गया कि अंको का निर्धारण इस प्रकार किया जाना चाहिए जिससे विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में सम्मिलित होने वाले छात्रों का अहित न हो।  

पुनर्वास विश्वविद्यालय: बीटेक विभाग के 04 विद्यार्थियों का हुआ प्लेसमेण्ट

डॉ. शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के कुलसचिव अमित कुमार सिंह ने बताया कि डॉ. शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के बैचलर आॅफ टेक्नोलाॅजी (बी0टेक, कम्प्यूटर साइंस) विभाग के 04 विद्यार्थियों का सी.जेन्ट्रिक्स में प्लेसमेण्ट हुआ है।

विश्वविद्यालय के बीटेक (कम्प्यूटर साइंस) विभाग के जिन 04 विद्यार्थियों का सी.जेन्ट्रिक्स में प्लेसमेण्ट हुआ है उनमें शुभम भारती, अक्षत श्रीवास्तव, युवराज चैरसिया तथा वैशाली सिंह शामिल हैं। इन 04 विद्यार्थियों का 02.61 लाख रूपये के सालाना पैकेज में प्लेसमेण्ट हुआ है। विश्वविद्यालय में बीटेक विभाग के विद्यार्थियों हेतु आयोजित वर्चुअल प्लेसमेण्ट ड्राइव में इन सभी विद्यार्थियों का प्लेसमेण्ट हुआ है।

योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही बर्दाश्त नही -रमापति शास्त्री

प्रदेश के समाज कल्याण, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री ने विभागीय अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए हंै कि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन किया जाए। जिससे पात्र लाभार्थियों को समय से इसका समुचित लाभ दिया जा सके। उन्होंने कहा कि योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नही की जाएगी। कार्यों की प्रगति में तेजी लाकर तय लक्ष्य को समय से पूरा करें। समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री विगत दिन गोमतीनगर स्थित भागीदारी भवन में विभागीय अधिकारियों के साथ योजनाओं के प्रगति की समीक्षा बैठक कर रहें थे। बैठक के दौरान श्री शास्त्री को अधिकारियों ने अवगत कराया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में 22,780 जोड़ों का विवाह सम्पन्न कराया गया। गरीब लोगों के पुत्रियों की शादी अनुदान योजना के अन्तर्गत सामान्य वर्ग के 12 हजार निर्धन व्यक्तियों को लाभान्वित किया गया। वृद्धावस्था पेंशन योजना के अन्तर्गत 51,21,454 वृद्धजनों को लाभान्वित किया गया। 

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अभ्युदय योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2020-21 में 5128 छात्रों को लाभान्वित किया गया। राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2020-21 में 1,50,959 परिवारों को आर्थिक सहायता दी गयी। वर्ष 2020-21 में अत्याचार से प्रभावित अनुसूचित जाति के 23,592 व्यक्तियों को आर्थिक सहायता प्रदान की गयी। राष्ट्रीय आश्रम पद्धत्ति विद्यालयों का संचालन के अन्तर्गत वर्ष 2020-21 में 33,388 छात्रों को शिक्षा प्रदान की गयी। समीक्षा के दौरान उन्होंने पाया कि छात्रवृत्ति वितरण योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2020-21 में 1,18,153 छात्र/छात्राओं को लाभान्वित किया गया। समीक्षा के दौरान मंत्री श्री शास्त्री ने कहा कि वर्ष 2021-22 हेतु मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में 250 करोड़, गरीब व्यक्तियों के पुत्रियों की शादी अनुदान योजना 150 करोड़, वृद्धावस्था पेंशन में 3600 करोड़, राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना में 500 करोड़, अत्याचार से प्रभावित अनु. जाति के व्यक्तियों को आर्थिक सहायता के लिए 275 करोड़, राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालयों का संचालन हेतु 250.76 करोड़, अभ्युदय योजना में 20 करोड़, प्राविधानित है। 

प्रमुख सचिव समाज कल्याण के रवीन्द्र नायक ने भी बैठक में विभागीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि अनुसूचित जाति/जनजाति के लोगों का अत्याचार उत्पीड़न के मामलों का भुगतान 15 दिनों के अन्दर किया जाए। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के दौरान बेघर हुए वृद्धजनों को जनपद स्तर पर समुचित सुविधायें उपलब्ध करायी जाए। इसके लिए जनपद में समाज कल्याण अधिकारी से भी सम्पर्क किया जाए। श्री नायक ने निर्देश दिया कि जो भी अधिकारी पात्र बच्चों को समुचित लाभ नही दे पा रहें है उनकी भी जिम्मेदारी सुनिश्चत की जाए।

बैठक में निदेशक समाज कल्याण श्री राकेश कुमार व अन्य विभागीय अधिकारी भी शामिल रहें।

मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के अन्तर्गत प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे प्रतियोगियों को मिलेगा निःशुल्क टेबलेट

प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के अन्तर्गत प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे प्रतियोगियों को निःशुल्क टैबलेट प्रदान किये जाने का निर्णय लिया है। ऐसे अभ्यर्थी जो ऑफलाइन/ऑनलाइन प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं उन्हें प्रत्येक मण्डलों में 500-500 निःशुल्क टेबलेट उपलब्ध कराया जायेगा। इस सम्बंध में प्रमुख सचिव समाज कल्याण के0 रवीन्द्र नायक ने निदेशक समाज कल्याण को निर्देश दिये हैं कि जेम पोर्टल के माध्यम से टैबलेट का क्रय किया जायेगा। टैबलेट क्रय करने के बाद सम्बंधित मण्डल मुख्यालय को निर्धारित संख्या में टैबलेट उपलब्ध कराया जायेगा। टैबलेट वितरण कार्यक्रम हेतु मण्डल मुख्यालय में समारोह का आयोजन किया जायेगा। प्रमुख सचिव समाज कल्याण नायक ने निदेशक समाज कल्याण  को निर्देशित किया है कि टैबलेट की विशिष्टियां/स्पेशिफिकेशन के लिए प्रबन्ध निदेशक यूपी डिस्को, प्रबन्ध निदेशक यूपी इलेक्ट्रानिक्स कापोरेशन लि0, अपर निदेशक उत्तर प्रदेश प्रशासन एवं प्रबन्धन अकादमी, लखनऊ एवं निदेशक एनआईसी द्वारा नामित विषय विशेषज्ञ से विचार-विमर्श व सहयोग से निर्धारित कर सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम में दी गयी व्यवस्था के अनुसार जेम पोर्टल से प्रोक्योरमेन्ट की कार्यवाही सुनिश्चित करने के पश्चात निर्धारित मात्रा के अनुसार जनपद के जिलाधिकारी को टैबलेट की आपूर्ति सुनिश्चित करेगें। यदि जेम पोर्टल पर प्रोक्योरमेन्ट के सम्बन्ध में किसी तरह की कठिनाई आती है तो सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम से गठित सेल के अन्तर्गत तकनीकी अधिकारियों से सम्पर्क कर निवारण करेगें। समिति द्वारा माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा निर्धारित टैबलेट विशिष्टियों को संज्ञान में लेते हुये निर्णय लिया जायेगा। उन्होंने कहा कि आपूर्तिकर्ता द्वारा निर्धारित मात्रा में टैबलेट सम्बंधित मण्डलायुक्त को उपलब्ध कराया जायेगा। योजनान्तर्गत निःशुल्क टैबलेट वितरण एवं कार्यक्रम का उत्तरदायित्व सम्बंधित मण्डलायुक्त का होगा। उन्होंने कहा कि शासन के निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराया जाय।

प्रमुख सचिव समाज कल्याण ने बताया कि निःशुल्क टैबलेट के लिए अभ्यर्थी को मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना में पंजीकृत होना चाहिए तथा मण्डलीय प्रशिक्षण केन्द्र में प्रशिक्षण प्राप्त किया जाना अनिवार्य है। पूर्व में आयोजित आॅनलाइन परीक्षा परिणाम के आधार पर वरीयता का निर्धारण किया जायेगा तथा समान अंक प्राप्त होने की स्थिति में कम आय वाले अभ्यर्थियों को वरीयता प्रदान की जायेगी। उन्होंने कहा कि टेबलेट वितरण हेतु राज्य सरकार द्वारा निर्धारित आरक्षण नियमों का पालिन सुनिश्चित किया जायेगा। यदि आरक्षण के अनुसार अभ्यर्थी उपलब्ध न हो तो मण्डलायुक्त द्वारा वरीयता के आधार पर अन्य अभ्यार्थियों केा टेबलेट वितरण किये जाने पर विचार किया जायेगा। रू0 2.50 लाख की वार्षिक आय वाले अभ्यार्थियों को प्राथमिक प्रदान की जायेगी। यदि लक्ष्य अवशेष रह जाता है तो 2.50 लाख से 6.00 लाख तक की वार्षिक आय वालों को कम से ज्यादा की ओर के आधार पर वितरण किया जायेगा।

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प्रमुख सचिव ने बताया कि टैबलेट वितरण हेतु 50 प्रतिशत छात्र तथा 50 छात्राओं को ही यह सुविधा अनुमन्य है। जिन अभ्यर्थियों के माता-पिता नहीं हैं, उनको वरीयता प्रदान की जायेगी। अभ्यर्थी ने पूर्व में किसी अन्य विभाग द्वारा टैबलेट या अन्य कोई इलेक्ट्रानिक उपकरण विगत 05 वर्षाें में लाभ प्राप्त न किया हो तथा परिवार में एक से अधिक अभ्यर्थियों को योजना का लाभ अनुमन्य नहीं होगा। अभ्यर्थी से आय प्रमाण पत्र के रूप में एक लिखित प्रमाण पत्र प्राप्त किया जायेगा। यदि भविष्य में आय से सम्बन्धित कोई शिकायत प्राप्त होती है अथवा आय के सम्बन्ध में कोई तथ्य गलत पाया जाता है तो सम्बन्धित अभ्यर्थी से टैबलेट वापस ले लिया जायेगा, परन्तु प्रशिक्षण से वंचित नही किया जायेगा। उन्होंने बताया कि मण्डलायुक्त लखनऊ द्वारा मण्डलवार अभ्यर्थियों का पूर्ण विवरण तथा वरीयता के आधार पर सूची सभी मण्डलायुक्तों को उपलब्ध करायी जायेगी। महानिदेशक, उत्तर प्रदेश प्रशासन एवं प्रबन्धन अकादमी, लखनऊ द्वारा मण्डलायुक्तों के माध्यम से पात्रता सूची संकलित कर निदेशक, समाज कल्याण को उपलब्ध करायेगें। यदि किसी मण्डल में 500 अभ्यर्थी उपलब्ध नहीं होते है, ऐसी स्थिति में संबंधित मण्डलायुक्त की संस्तुति के आधार पर निदेशक समाज कल्याण द्वारा लक्ष्यों का पुनः निर्धारण किया जायेगा।

प्रदेश के कृषि मंत्री से भारतीय किसान यूनियन ‘भानू’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष व अन्य प्रतिनिधियों ने की शिष्टाचार भेंट

उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री, सूर्य प्रताप शाही से भारतीय किसान यूनियन ‘भानू’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ठा. भानू प्रताप सिंह व अन्य प्रतिनिधियों ने शिष्टाचार भेंट की। सिंह ने कृषि मंत्री से किसान आयोग का गठन कराए जाने की मांग की। कृषि मंत्री ने उनकी मांग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री, नरेन्द्र सिंह तोमर से बात करने का आश्वासन दिया। कृषि मंत्री के विधान भवन स्थित कार्यालय कक्ष में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं अन्य प्रतिनिधि मिले। सिंह ने प्रधानमंत्री, नरेन्द्र मोदी द्वारा देश के किसानों के हित में लागू किये गए तीनों कृषि बिल का समर्थन किया। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री, नरेन्द्र मोदी एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री, योगी आदित्यनाथ की नीतियां एवं योजनाएं सदैव किसानों के हित में रही हैं।

स्वाती सिंह ने प्रधानमंत्री द्वारा निशुल्क वैक्सीनेशन उपलब्ध कराने की घोषणा के लिए दिया धन्यवाद

प्रदेश की महिला कल्याण एवं बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वाती सिंह ने प्रधानमंत्री द्वारा देश के सभी 18 वर्ष से अधिक उम्र के नागरिकों के लिए निशुल्क वैक्सीनेशन उपलब्ध कराने की महत्वपूर्ण घोषणा के लिए प्रदेशवासियों की तरफ से धन्यवाद दिया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार 18 से अधिक उम्र वाले लोगो के लिए निशुल्क वैक्सीन मुहैया करवायेगी। उन्होंने लोगो से अपील की कि अधिक से अधिक लोग अपना कोविड टीकाकरण अवश्य करवाये तथा पहली डोज के बाद समय आने पर दूसरी डोज अवश्य ले।

प्रदेश में अब तक 46.96 मीट्रिक टन गेहूं की हुई खरीद

प्रदेश सरकार द्वारा रबी क्रय वर्ष 2021-22 के तहत गेहूं के लिए निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य 1975 रू0 प्रति कुन्तल की दर से गेहूं की खरीद करते हुए अब तक 4696521.87 मीट्रिक टन खरीद कर ली गयी है। इसके अन्तर्गत अब तक 1029509 किसानों को लाभान्वित किया गया है और 7388.171 करोड़ रूपये का भुगतान उनके खातों में किया गया है। खाद्य एवं रसद विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार आज 103705.14 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गयी है। प्रदेश सरकार 01 अप्रैल से किसानों से गेहूं खरीद कर रही है, जो कि आगामी 15 जून तक जारी रहेगी।

अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ने मदरसा बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षा रद्द करने के दिये निर्देश

उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण, वक्फ एवं हज, राजनैतिक पेंशन एवं नागरिक उड्डयन मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता ‘नन्दी‘ ने बताया कि कोरोना वायरस (कोविड-19) के कारण उत्पन्न असाधारण परिस्थितियों के दृष्टिगत छात्र हित में सत्र को नियमित करने हेतु बेसिक शिक्षा विभाग/व माध्यमिक शिक्षा विभाग की भांति उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद द्वारा संचालित मान्यता प्राप्त राज्यानुदानित मदरसों/विद्यालयों में शैक्षणिक सत्र 2020-21 हेतु कक्षा 10 एवं 12 की बोर्ड परीक्षा को निरस्त करने के साथ कक्षा 01 से 08 (तहतानिया, फ़ौकानिया) तक तथा कक्षा 09 एवं 11 के छात्र/छात्राओं को अगली कक्षा में प्रोन्नति दिये जाने का निर्णय लिया गया है। छात्रों को अगली कक्षा में प्रोन्नत दिये जाने के संबंध में बेसिक शिक्षा विभाग/माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा समय-समय पर निर्गत किए गिये/निर्गत किये जाने वाले शासनादेशों में उल्लिखित प्रावधानों/शर्तों का अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा।

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नन्दी ने ये भी कहा कि उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद द्वारा प्रस्तावित शैक्षणिक सत्र 2020 की बोर्ड परीक्षाओं में सेकेंडरी कक्षा 10 एवं सीनियर सेकेंडरी कक्षा 12 के पंजीकृत छात्र/छात्राओं के परीक्षाफल को तैयार करने एवं परीक्षाफल अंकों के अभिलिखित किए जाने की प्रक्रिया एवं आधारों के संबंध में अलग से आदेश निर्गत किये जायेंगे।

राज्य पशुधन एवं कृषि सम्बन्धी प्रक्षेत्र के लिए 1337.57 लाख रुपये की धनराशि स्वीकृत

उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में पशुधन विकास के लिए राज्य पशुधन एवं कृषि सम्बन्धी प्रक्षेत्र के लिए वर्तमान वित्तीय वर्ष में 1337.57 लाख रुपये की धनराशि स्वीकृत की है। पशुधन विभाग द्वारा इस सम्बन्ध में आवश्यक शासनादेश जारी करते हुए योजना के उचित क्रियान्वयन हेतु निदेशक, रोग नियंत्रण एवं प्रक्षेत्र पशुपालन विकास विभाग को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गये है। शासनादेश में कहा गया है कि स्वीकृत धनराशि का आहरण/व्यय अनुमोदित कार्ययोजना एवं मदों में योजना हेतु निर्धारित गाइडलाइन का पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित करते हुए किया जाये।  

ड्राइविंग टेस्ट की नयी व्यवस्था प्रदेश के 08 जनपदों में लागू

उत्तर प्रदेश सड़क सुरक्षा कोष से वित्त पोषित करते हुए 15 मण्डलों के अन्तर्गत यथा-प्रयागराज, मुरादाबाद, मिर्जापुर, मथुरा, मेरठ, वाराणसी, गोरखपुर, अयोध्या, अलीगढ़, बरेली, बस्ती, झांसी, आजमगढ़, देवीपाटन एवं मुजफ्फरनगर में ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (डीटीआई) का निर्माण कराया जा रहा है। इनमें से प्रयागराज, मुरादाबाद, मिर्जापुर, मथुरा, मेरठ, वाराणसी, गोरखपुर एवं मुजफ्फरनगर में सिविल कार्य पूर्ण हो चुका है। यह जानकारी परिवहन आयुक्त धीरज साहू ने आज यहां दी। उन्होंने बताया कि सड़क दुर्घटनाओं का मुख्य कारण वाहनों की ओवरस्पीडिंग, ड्रंकेन ड्राइविंग, रॉंग साइड ड्राइविंग तथा वाहन चलाते समय मोबाइल का प्रयोग है। प्रदेश में वर्ष 2020 में 34,243 सड़क दुर्घटनाओं में 19,149 व्यक्तियों की मृत्यु हुई है। गत वर्ष 2019 के सापेक्ष मृतकों की संख्या में 15.5 प्रतिशत की कमी आई है, परन्तु इसमें और कमी लाने के लिए प्रदेश सरकार निरन्तर प्रयासरत है। इस उद्देश्य से इन सड़क दुर्घटनाओं में मृतकों की संख्या में 10 प्रतिषत की कमी लाये जाने का लक्ष्य शासन द्वारा निर्धारित किया गया है तथा वर्ष 2030 तक इसमें 50 प्रतिशत की कमी लाये जाने का लक्ष्य प्राप्त किया जाना है।

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साहू ने बताया कि सड़क दुर्घटना में कमी लाने के लिए पहला कदम दक्ष चालकों को ही ड्राइविंग लाईसेंस निर्गत करना है। इस प्रयोजन से ड्राइविंग टेस्ट की प्रक्रिया को चुस्त-दुरूस्त किये जाने हेतु ऐसे जनपद जहां ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (डी0टी0आई0) के ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक का निर्माण पूर्ण हो चुका है, यथा- प्रयागराज, मुरादाबाद, मिर्जापुर, मथुरा, मेरठ, वाराणसी, गोरखपुर एवं मुजफ्फरनगर वहां कार्यालय में लिये जाने वाले मैनुअल ड्राइविंग टेस्ट को डी0टी0आई0 स्थल पर ही नव-निर्मित टेस्ट टैªक पर दिनांक 15.06.2021 से लिया जाना प्रारम्भ किया जाएगा। यह ट्रैक राष्ट्रीय स्तर की विशेषज्ञ संस्था सेन्ट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट (सी0आई0आर0टी0), पुणे से डिजाइन कराये गये हैं। यहां दो पहिया तथा चार पहिया वाहन चालकों के दक्षता परीक्षण हेतु टेस्टिंग ट्रैक पर टेस्ट लिये जाने की व्यवस्था भी की गई है।

पीएम स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना के अंतर्गत 9,55,870 ऑनलाइन आवेदन, 630473 ऋण स्वीकृत तथा 568629 ऋण वितरित किए

उत्तर प्रदेश के नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन ने बताया कि पीएम स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना के अंर्तगत प्रदेश भर में स्ट्रीट वेंडर्स को आर्थिक मदद दी जा रही है। पीएम स्वनिधि योजना का लाभ प्रदेश के समस्त नगर निकायों में स्ट्रीट वेंडर्स को मिल रहा है। पीएम स्वनिधि योजना में लॉकडाउन व कोरोना काल में आर्थिक तंगी से जूझ रहे स्ट्रीट वेंडर्स ने ऑनलाइन आवेदन किया। उन्होंनेे बताया कि 17 नगर निगमों सहित समस्त नगर निकायों में क्रियान्वयन किया जा रहा है। योजना के अंतर्गत लगभग 9,47,000 शहरी पथ विक्रेताओं का डाटा वितरण योजना के पोर्टल पर उपलब्ध कराये गये है। इस योजना के अंतर्गत अभी तक 9,55,870 ऑनलाइन आवेदन हुए, 630473 ऋण स्वीकृत हुए तथा 568629 ऋण वितरित किए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश के 17 नगर निगमों के तहत कुल 483373 पंजीकरण, 299223 स्वीकृत व 265474 हस्तांतरित कर 07 जून, 2021 तक योजना का लाभ दिया गया।

टंडन ने बताया कि स्वनिधि योजना में 568629 लाभार्थियों को लाभ दिया गया है। साथ ही 10 हजार तक सिक्योरिटी फ्री लोन की सुविधा, नियमित भुगतान करने पर 7 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी, डिजिटल लेन-देन करने पर 1200 रुपये प्रति वर्ष का कैश बैक दिया जा रहा है। इसके अलावा समय से भुगतान करने पर अगली बार लोन मिलने में भी सुविधा व बड़ा लोन भी दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि कोरोना काल में पटरी दुकानदारों को सबसे अधिक कठिनाई आई और उनका कारोबार लगभग खत्म हो गया। इसी को देखते हुए उनका कारोबार और तीव्र गति से चले इसलिए माननीय प्रधानमंत्री जी ने ये योजना प्रस्तुत की है। इस योजना से पटरी दुकानदार अपना कारोबार और बेहतर ढ़ंग से कर रहे हैं।

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नगर विकास मंत्री ने बताया कि स्वनिधि योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा 1 जून 2020 को केंद्रीय केबिनेट की बैठक में पीएम स्वनिधि योजना शुरू की गई। योजना के तहत, देश के रेहड़ी और पटरी दुकानदार (छोटे सड़क विक्रेताओं) नए सिरे से फिर से अपना काम शुरू कर सकें, इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा 10,000 रूपये तक का लोन मुहैया कराने का प्रावधान है। इस स्वनिधि योजना को प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि के नाम से भी जाना जाता है।

पीलीभीत के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कुकरीखेड़ा के भवन निर्माण की पुनरीक्षित लागत रू0241.28 लाख मंजूर

प्रदेश में चिकित्सा सुविधाओं के निरन्तर संवर्द्धन कार्यों के साथ-साथ प्राथमिक स्वास्थ्या केन्द्रों को बेहतर किए जाने का कार्य भी जारी है। इसी क्रम मा0 मुख्यमंत्री की घोषणा से आच्छादित जनपद पीलीभीत के कुकरीखेड़ा में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के भवन निर्माण का कार्य जारी है। इस निर्माण कार्य के लिए शासन ने पूर्व में रू0 138.31 लाख की लागत मंजूर की थी। अब शासन ने इस निर्माण कार्य हेतु रू0 241.28 लाख की केवल पुनरीक्षित प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति दे दी है। ज्ञात हो कि पूर्व में स्वीकृत लागत रू0 138.31 लाख के सापेक्ष प्रथम किश्त रू0 50.00 लाख तथा द्वितीय किश्त रू0 27.66 लाख अवमुक्त किए जा चुके है।

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